अब गांव में भी मीटर का फोटो देख बनेगा बिल
-कंज्यूमर्स के मोबाइल नंबर पर आएगा बिल का एसएमएस
-मीटर की फोटो एरिया के एसडीओ को वॉट्सएप करते आ जाएगा बिल GORAKHPUR: ग्रामीण एरिया के बिजली विभाग के कंज्यूमर्स के लिए बिजली विभाग अपनी योजनाओं का पिटारा खोलने जा रहा है। ग्रामीण अंचल के कंज्यूमर्स को बिजली विभाग बिल जमा करने और बिल प्राप्त करने के लिए ऑफिस के चक्कर से मुक्त करने की तैयारी कर रहा है। बिजली विभाग, ग्रामीण अंचल में मीटर से लैस कंज्यूमर्स को ऑनलाइन सुविधा देने के साथ ही साथ उनको शहर के कंज्यूमर्स को एक और अच्छी सुविधा से मुहैया कराने जा रहा है। मीटर की फोटो अपने एरिया के एसडीओ के मोबाइल नंबर पर वॉट्सएप करते ही उनका बिल बन जाएगा और उनके मोबाइल पर बिल भी आ जाएगा। पौने तीन लाख कंज्यूमर्स को फायदाबिजली विभाग के ग्रामीण अंचल में करीब 2.75 लाख कंज्यूमर्स हैं। इसमें लगभग दो लाख ऐसे कंज्यूमर्स हैं जो ग्रामीण अंचल में है, जबकि 75 हजार कंज्यूमर्स शहर के टाउन एरिया के हैं। शहरी उपभोक्ताओं के यहां तो हर माह बिल पहुंच जाता है, लेकिन जो दो लाख कंज्यूमर्स गांव वाले हैं, उनके यहां कई बार तो छह माह तक बिल ही नहीं पहुंचता है। जब बिल पहुंचता है तो 15 से 20 हजार रुपए का पहुंचता है। इससे उपभोक्ताओं को काफी मुश्किल होगी।
कंज्यूमर्स को यह करना होगा ग्रामीण अंचल के कंज्यूमर्स को जून माह का बिलजी बिल जमा करते समय अपना स्थाई मोबाइल नंबर विभाग के ऑन लाइन व्यवस्था में एंट्री करनी पड़ेगी। इसके बाद हर माह कंज्यूमर्स के उसी नंबर पर बिल आना शुरू हो जाएगा। गोरखपुर जोन के चीफ इंजीनियर डीके सिंह का कहना है कि ग्रामीण अंचल को ऑनलाइन करने की रूप रेखा तैयार कर ली गई है। जून के प्रथम सप्ताह में प्रचार-प्रसार करके कंज्यूमर्स को इसकी जानकारी दी जाएगी। पब्लिक को यह होगा फायदा - ग्रामीण अंचल के कंज्यूमर्स को जिला मुख्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा - बिल के लिए दो माह का इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा - बिल जमा करने के बाद का पूरा रिकॉर्ड कंज्यूमर के पास रहेगा - कंज्यूमर्स के सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन होंगे - कहीं से भी बिल जमा कर सकेंगे - बिल गलत होते ही पब्लिक को जानकारी मिल जाएगी वर्जन ग्रामीण अंचल के कंज्यूमर्स को आन लाइन करने के लिए रूप रेखा तैयार की जा रही है। विभागीय सर्वे भी करा लिया गया है। उम्मीद है कि एक माह में आन लाइन कि प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।-डीके सिंह, चीफ इंजीनियर गोरखपुर जोन