-संभावित उम्मीदवार आठ से दस लग्जरी गाडि़यों के साथ कर रहे प्रचार

-चुनावी आचार संहिता के उल्लघंन से बेखबर, प्रशासन की भी नहीं है नजर

GORAKHPUR: चुनाव की तारीखें तय होते ही पूरे जिले में माहौल बनने लगा है। गांव-गिरांव में बड़ी-बड़ी गाडि़यों के काफिले संभावित उम्मीदवारों के पक्ष में दौड़ने लगे हैं। हालांकि अभी प्रत्याशियों के नाम भी तय नहीं हैं, लेकिन जिला पंचायत चुनाव में प्रचार का आलम ये है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव भी फेल हो जाएं। जाहिर सी बात है कि इस दौरान आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है, लेकिन चुनाव आयोग हाथ पर हाथ धरे बैठा है और नामांकन होने के बाद एक्शन लेने की दुहाई दे रहा है।

गांवों में वाहनों के काफिले

इन दिनों जिला पंचायत सदस्य चुनाव के भावी प्रत्याशी पूरी तरह से सक्रिय हैं। बड़हलगंज, चौरीचौरा, पिपरौली, सहजनवां, जंगल कौडि़यां सरदारनगर, गगहा, खजनी आदि ब्लॉकों में कई भावी कैंडिडेट दर्जनों लग्जरी गाडि़यों से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। एक जिला पंचायत वार्ड करीब 15 से 18 गांव का है। इन गांवों में वाहनों के लाव-लश्कर, कैंडिडेट्स के समर्थकों के नारों आदि से खासा समां बंध जा रहा है।

डेढ़ लाख की है लिमिट

जिला पंचायत चुनाव में कैंडिडेट को सिर्फ डेढ़ लाख रुपए खर्च करने की अनुमति है। नामांकन से पूर्व संभावित उम्मीदवार जमकर खर्च कर रहे हैं। वहीं चुनाव आयोग का कहना है कि अभी ये संभावित उम्मीदवार हैं। जब ये नामांकन दाखिल कर देंगे तब इनके कुल खर्चो का हिसाब किया जाएगा।

ढील का फायदा

अगर देखा जाए तो संभावित उम्मीदवार प्रशासनिक ढील का फायदा उठा रहे हैं। कायदे से आचार संहिता लागू होने के बाद से ही सभी खर्चो पर निगाह रखी जानी चाहिए। इसके लिए बाकायदा वीडियोग्राफी करवाने का प्रावधान है। मगर प्रशासनिक अमला नामांकन दाखिल होने का इंतजार करता रहता है और इस बीच उम्मीदवार तमाम तरह से खर्च कर अपने पक्ष में माहौल बनाते रहते हैं।

अभी संभावित कैंडिडेट ही मैदान में हैं। नामांकन बाद जब उम्मीदवारी फाइनल होगी तब चेक किया जाएगा। आयोग कैंडिडेट के खर्च का आंकलन कर रहा है। तीन-चार से अधिक गाडि़यां लेकर नहीं चल सकते हैं। प्रत्येक कैंडिडेट को व्हीकल्स और ड्राइवर की डिटेल आयोग को देनी है, ताकि चेक करते समय दिक्कत न हो। नामांकन के बाद अगर कोई प्रत्याशी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो आयोग उस सख्त कार्रवाई करेगा।

- कुमार प्रशांत, उपनिर्वाचन अधिकारी गोरखपुर

Posted By: Inextlive