पिछले दिनों मिट्टी की पटाई को लेकर हुई कई वारदातें

हिस्सा दिए बगैर नहीं होता खनन, चलते नहीं देते व्हीकल

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

सिटी में पूरी तरह माफिया राज कायम है। आलम यह है कि माफियाओं का हिस्सा दिए बिना मिट्टी पाटना भी मुश्किल है। मिट्टी खनन से लेकर पाटने तक में माफियाओं अपना टैक्स तय कर रखा है। बदमाशों की कमाई के नये तरीके से पुलिस भी हैरत में है। इनके खिलाफ न तो शिकायत हो रही। न ही कोई विरोध जता रहा। बिना शिकायत के पुलिस अफसर कार्रवाई नहीं कर सकते। इसलिए कुछ माफिया बेरोकटोक अपना टैक्स वसूल रहे हैं। पिछले दिनों पकड़े गए अपराधी रिंकू पांडेय ने भी मिट्टी पाटने में माफिया टैक्स लिए जाने की जानकारी दी। इस मामले में एसएसपी ने कहा है कि ऐसे मामलों की शिकायत सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी।

बदमाशों का कमाई करने का ट्रेंड बदला

जिले में लूट, मर्डर, रंगदारी और प्रापर्टी पर कब्जा करने वाले बदमाशों ने कुछ दिनों से ट्रेंड बदल दिया है। पुलिस के तेवर के अनुसार बदमाश धंधा भी बदलते रहते हैं। सिटी में कंस्ट्रक्शन का काम बढ़ने से मिट्टी की जरूरत बढ़ गई है। सिटी के आसपास एरिए में अवैध ढंग से मिट्टी का खनन हो रहा है। इस खनन का बेजा फायदा बदमाश उठा रहे हैं। बदमाशों ने खनन करने वालों से गुंडा टैक्स वसूलना शुरू कर दिया है। उनके निशाने मिट्टी पटाई करने वाला हर ठेकेदार है। पुलिस सूत्रों के अनुसार मिट्टी के धंधे में पुलिस के साथ-साथ बदमाशों को पैसा देना पड़ रहा है। हाल में हुई घटनाओं में इसकी पुष्टि भी हो चुकी है। चर्चित लाल बहादुर की जान भी मिट्टी पटाई में रुपए वसूलने के चक्कर में गई।

सौ रुपए प्रति चक्कर की डिमांड पर मारा था थप्पड़

तारामंडल में चिडि़याघर का कंस्ट्रक्शन चल रहा है। एक साल पहले इसमें मिट्टी पटाई का काम शुरू हुआ तो लाल बहादुर ने हस्तक्षेप किया। वह विनोद उपाध्याय के सहयोगी धंनजय तिवारी से रंगदारी मांगने लगा। उसने धनजंय को थप्पड़ मार दिया। लाल बहादुर की बढ़ती दखल पर विनोद उपाध्याय ने उसे रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार विनोद ने धनंजय तिवारी, मुकेश शुक्ला, पंकज लोचन मिश्रा, अवनीश पांडेय, दीपक मिश्र और अचिंत मिश्र के साथ मिलकर लाल बहादुर को निपटाने की योजना बनाई। 20 मई की रात करीब पौने नौ बजे लाल बहादुर किसी काम से इंदिरा बाल विहार गया था। वहां से तारामंडल स्थित आवास को निकला। यूनिवर्सिटी गेट पर मुकेश शुक्ला और धनंजय ने लाल बहादुर पर हमला कर दिया। वारदात के लिए लग्जरी गाड़ी से विनोद उपाध्याय, सजन लाल गुप्ता, रिंकू , प्रिंस चंद, राम अचल यादव, अचिन्तय पांडेय और दीपक मिश्र आगे- पीछे चलते रहे। एक बाइक पर अवनीश पांडेय और पंकज लोचन मिश्र भी लाल बहादुर को फॉलो करते रहे। हत्या के बाद रामगढ़ ताल सर्किट हाउस होते हुए बदमाश रिंकू पांडेय चारपानी स्थित घर में जाकर छिपा। एक साल बाद एक जून को पकड़े गए रिंकू पांडेय ने मिट्टी पर गुंडा टैक्स वसूली का राज खोला। उसने पुलिस को बताया कि लाल बहादुर प्रति चक्कर हर डंफर से सौ रुपए का गुंडा टैक्स वसूल रहा था। इस चक्कर में उसको जान गंवानी पड़ी।

गुंडा टैक्स के लिए भगत चौराहे पर मारी गोली

पिपराइच एरिया के ककरहिया निवासी मुकेश के मौसा गुलाब कजाकपुर में रहते हैं। मौसा के घर रहकर मुकेश अपने डंफर से मिट्टी की ढुलाई कराता है। खोराबार के भगत चौराहे पर बैठने वाले युवक डंफर चालक से प्रति चक्कर सौ रुपए मांग रहे थे। रुपए न देने पर डंफर खड़ा कराने की धमकी देने लगे। ड्राइवर ने मुकेश को मामले की जानकारी दी। सैटर्डे नाइट ड्राइवर के साथ मुकेश पहुंचे। युवकों ने कहा कि बिना पैसा दिए गाड़ी नहीं चलेगी। मुकेश के इंकार करने पर युवक ने गोली चला दी। मुकेश के पैर मे गोली लगी। शिकायत होने पर पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।

जिले में फैला माटी खनन का जाल

जिले में लगभग हर थाना क्षेत्र में अवैध खनन का कारोबार चल रहा है। सिटी के आसपास के एरिया में मिट्टी खनन बढ़ता जा रहा है। राप्ती और रोहिन नदी के आसपास, बंधे के किनारे से मिट्टी खोदी जा रही है। इसके अलावा तिवारीपुर, गोरखनाथ, बेलीपार, चिलुआताल, खोराबार, पिपराइच, गुलरिहा और शाहपुर के कुछ हिस्सों में माटी खनन चल रहा है।

इन जगहों पर बढ़ता जा रहा माटी खनन

1. पिपराइच- के जंगल धूसड़, तिनकोनिया जंगल, बड़की रेतवहिया, बंगला चौराहा, बेलवारायपुर, माड़ापार पुल के पास, मठिया, कोनी सहित कई जगह।

2. खोराबार - एरिया में नरही, ताल कंदला, रायगंज बाग, रामलखना तुर्रा नाला, डांगीपार, लालपुर टीकर, प्यासी सहित एक दर्जन जगहों पर खनन हो रहा है।

3. गुलरिहा- एकला नंबर दो, हाफिज नगर, बूढ़ाडीह, भरवलिया, जंगल डुमरी सहित कई जगह

4. चिलुआताल - बैजनाथपुर, रामपुर, जंगल बहादुर अली सहित कई जगह

हर थाने, चौकी पर फिक्स है वसूली

माटी के कारोबार से जुड़े लोगों की मानें तो पुलिस को पैसा दिए बिना गाडि़यां नहीं चलती। माटी ढोने के लिए हर महीने जेब ढीली करनी पड़ती है। हर थाने पर इसके अलग- अलग रेट हैं। लोगों का कहना है कि प्रति डंफर का कम से कम 30 हजार रुपए महीने, ट्रैक्टर-ट्राली के लिए 10 हजार महीने और जेसीबी के लिए पांच हजार रुपये महीने पुलिस लेती है। हलका सिपाही सहित प्रत्येक पिकेट पुलिस और चौकी पर पैसा देना पड़ता है। ट्रैक्टर-ट्राली का प्रति चक्कर सौ रुपए पड़ता है जबकि डंफर की रकम तीन सौ तक चढ़ जाती है। खनन विभाग के कुछ कर्मचारी भी वसूली करते हैं।

गुंडा टैक्स देने की मजबूरी

मिट्टी के अवैध खनन से जुड़े लोगों का कहना है कि दो पैसा कमाने के लिए चार पैसे खर्च करने पड़ते हैं। कारोबार में बदमाशों की दखल होती है। बदमाशों को पैसा न देने पर मामला बिगड़ जाता है। कुछ नेता भी इस कारोबार से रुपए कमा रहे है। लोगों का कहना है कि चोरी का खेल होने से कोई शिकायत नहीं करता। कुछ रकम खर्च करके आराम से गाड़ी चल रही है। कभी- कभी पब्लिक के बीच से आवाज उठने पर उनको भी मैनेज करना पड़ता है। चाहे पुलिस की धौंस दिखाई जाए या फिर ले दे कर चुप कराया जाए।

मिट्टी का काम करने वालों से गुंडा टैक्स वसूलने की सूचना मिली है। कुछ माफियाओं ने दखल दी है। भगत चौराहे पर डंफर मालिक को गोली मारी गई थी। लाल बहादुर यादव के मर्डर के पीछे वसूली मुख्य वजह रही। गुंडा टैक्स वसूलने के मामले की जांच की जा रही है। यदि किसी के खिलाफ कोई शिकायत मिलती हो पुलिस उसको अरेस्ट करके कार्रवाई की जाएगी।

प्रदीप कुमार, एसएसपी

Posted By: Inextlive