Church in Gorakhpur : चर्च की कहानी जहां है सालों पुराना इतिहास
गोरखपुर (ब्यूरो)।यह खुद में 200 साल से ज्यादा का इतिहास समेटे हुए है। चर्च की बनावट एवं उसकी खूबसूरती लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है।पत्थरों की खूबसूरती आज भी बरकरारक्राइस्ट चर्च के पुरोहित डीआर लाल ने बताया कि 1820 में इसका निर्माण हुआ था। कोलकाता के बिशप डेनियल विल्सन, फस्र्ट मेट्रोपॉलिटन ऑफ इंडिया ने एक मार्च 1841 को इसका पवित्रीकरण किया था। इसमें तब अंग्रेज अधिकारी प्रार्थना करते थे। देश आजाद हुआ तो इस चर्च को आमजन के लिए खोल दिया गया। इस चर्च के प्रार्थना सभा हॉल की दीवारों पर लगे पत्थरों की खूबसूरती आज भी बरकरार है।लाल गिरजाघर के नाम से फेमस कैथोलिक चर्च
मेडिकल कॉलेज रोड में बशारतपुर में स्थित सेंट जॉन्स चर्च पहले एक झोपड़ी में शुरु हुआ था। इसकी भव्यता की वजह से लोग इसको बड़े चर्च के नाम से भी पुकारते हैं। इसे 1823 में स्थापित किया गया था। लगभग दो दशक पहले यहां खूबसूरत दो मंजिल का प्रेयर हॉल और चर्च बना। इस चर्च का निर्माण मिशनरी एसोसिएशन के माइकल विलकिंसन ने कराया था। चर्च की भव्यता को और बढ़ाने के लिए 6 साल पहले यहां 500 किलो का घंटा लगाया गया। इसका उपयोग चर्च में प्रार्थना और अन्य सूचनाओं को देने के साथ ही श्रद्धालुओं को आमंत्रित करने के लिए किया जाता है। इससे निकलने वाली आवाज करीब तीन किलोमीटर दूर तक सुनाई देती है।