खुले आसमान में अब तक आपस में पेंच फंसाकर एक दूसरे की डोर काटने वाली पतंग अब जिंदगी की डोर काट रहे हैं. मोहल्ले-मोहल्ले में मिलने वाले चाइनीज मांझे आए दिन किसी न किसी को अपना शिकार बना रहे हैं. परिंदे तो इनका आसमान में शिकार बन ही रहे थे लेकिन अब जमीन पर चलने वाले इंसान भी इनकी चपेट में आने लगे हैं. मंगलवार को प्रतिबंधित मांझे से एक रेलकर्मी की गर्दन इस कदर कट गई कि उसे 17 टाके लगाने पड़े.


गोरखपुर (ब्यूरो)। लगातार मांझे ने एक दर्जन से अधिक लोगों की नाक, कान और गर्दन काटी है। बेखौफ होकर यहां प्रतिबंधित चाइनीज मांझे की बिक्री दुकानों पर हो रही है। दो से 300 तक में एक चरखी चाइनीज मांझा बेचा जा रहा है। हैरान कर देने वाली बात ये है इतनी घटनाओं के बाद भी प्रशासन मौन बना हुआ है। ड्यूटी से घर जा रहा था रेलकर्मीहुमायूंपुर निवासी विजय प्रकाश चौधरी मंगलवार शाम को ड्यूटी कर को बाइक से अपने घर जा रहे थे। अभी वो अलीनगर से तरंग क्रासिंग पुल पहुंचे। तभी उनके गले में चाइनीज मांझा फंस गया। अभी वो कुछ समझ पाते तब तक उनकी गर्दन कट गई और तेज खून बहने लगा। आस-पास खड़े राहगीरों ने उन्हें हॉस्पिटल ले गए। जहां उन्हें डॉक्टर ने 17 टाके लगाए। एक ही दिन में तीन घायल


बात यहीं पर खत्म नहीं होती है। दस मार्च 2023 को तरंग क्रॉसिंग रोड पर एक ही दिन तीन राहगीर चाइनीज मांझे की चपेट में आए। सभी का नजदीक के जेपी हॉस्पिटल में इलाज कराया गया। डॉक्टर ने बताया कि आए दिन मांझे का शिकार लोग होकर हॉस्पिटल में आते हैं। दस मार्च को तो एक ही दिन में अलग-अलग तीन राहगीर घायल होकर आए। मांझे से रेलवे भी परेशान

गोरखपुर में रेलवे डिपार्टमेंट भी मांझे से परेशान है। खास तौर से रेलवे स्टेशन से नकहा और डोमिनगढ़ रूट पर कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है। डेली दो-दो अलग-अलग दोनों रूटों पर निकलते हैं और टे्रन के लिए ट्रैक पर ऊपर से दौड़ रही इलेक्ट्रिक लाइनों से फंसा मांझा छुड़ाते हैं। स्टील मांझे की भी दहशतरेल ट्रैक पर मांझा हटा रहे कर्मचारियों ने बताया कि लखनऊ में स्टील के मांझे भी बिक रहे हैं। गोरखपुर में भी ये मांझे इस्तेमाल हो सकते हैं इसलिए डेली लाइन से मांझा हटाया जा रहा है। स्टील के मांझे अगर लाइन से टच होकर नीचे लटकेंगे तो उससे टच होते ही इंसान जल जाएगा। ऐसी एक घटना लखनऊ में हो चुकी है। ऐसे बनता है चाइनीज मांझाचाइनीज मांझा को नायलान और मेटौलिक पाउडर से मिलाकर बनाया जाता है। जो काफी लचीला होता है। पतंग से पेंच लड़ाते समय यह आसानी से नहीं कटता है। यहां बिकते हैं पतंग और मांझाहुमायूंपुर जगेस्वर पासी चौराहा, हड़हवा फाटक, जाफरा बाजार, तुर्कमानपुर, जाहिदाबाद, रेतीचौक, लालडिग्गी, असुरन चौक के आस-पास, आजाद चौक, नकहा के आस-पास समेत कई एरियाज में चाइनीज मांझा बिक रहा है। 2017 में एनजीटी ने लगा रखा है प्रतिबंध

साल 2017 में एनजीटी ने चाइनी मांझा पर पाबंदी लगा दी थी। बेचने वालों के खिलाफ एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई करने कहा था। इस एक्ट के तहत पांच साल की सजा या एक लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है। मांझे से घटी घटनाएं2022 दिसबंर: दिसंबर माह में बाइक से जा रहे एक पुलिस कर्मी तरंग क्रासिंग के पास मांझे में फंस गया। मांझे से चेहरा तो कटा ही साथ ही बाइक गिरने से पुलिस कर्मी का हाथ भी टूट गया। 12 जनवरी 2023: सूरजकुंड निवासी बबलू तिवारीपुर स्थित फ्लाईओवर के रास्ते जाते हुए मांझे की चपेट में आ गए। जिससे उनकी अंगुली कट गई।27 मार्च 2023: हुमायूंपुर में ग्रीन सिटी निवासी ईशानंद पाण्डेय मांझे मेें उलझ गए। मांझे से उनकी नाक काट गई। जिससे नाक पर गहरा घाव हो गया।23 दिसबंर 2022: तरंग क्रासिंग से गुजर रही एक स्कूटी सवार छात्रा मांझे में फंस गई, जिससे उसकी गर्दन कट गई। घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया।16 जनवरी 2023: मोहद्दीपुर रास्ते बाइक से जा रहे राजीव कुमार की अंगुली चाइनीज मांझे में फंसकर कट गई।
चाइनीज मांझे के बिकने की शिकायत आ रही है। ये प्रतिबंधित हैं। सभी थानों को इसकी बिक्री रोकने और बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे। डॉ। गौरव ग्रोवर, एसएसपी

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