भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में शनिवार को खरना रविवार को अस्ताचलगामी और सोमवार को उगते सूर्य को अघ्र्य के साथ महापर्व का समापन होगा. ऐसे में छठ पूजा को लेकर शुक्रवार को तैयारियां जोर-शोर से चलती रहीं फल-फूल और पूजन सामग्री की जमकर खरीदारी हुई. गोरक्षघाट रामघाट महेसरा रामगढ़ताल मानसरोवर आदि विभिन्न घाटों पर साफ-सफाई के साथ पूजन की वेदी बनकर तैयार हो गई हैं. शहर में विभिन्न स्थानों पर बने कृत्रिम तालाबों पर भी पूजन की तैयारी चल रही है.


गोरखपुर (ब्यूरो).शुक्रवार (28 अक्टूबर) को नहाय-खाय के अंतर्गत व्रती महिलाओं ने नदी, तालाब आदि में स्नान किया। घर आकर महिलाओं ने खाने में कद्दू और चावल बनाया। इसे कद्दू भात कहते हैं। रात्रि में जमीन पर सोईं।पार्कों और पोखरों की हो रही सफाईनगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा, नदी के घाटों पर तैयारियां पूरी कराई जा रही हैं। विभिन्न स्थानों र बने कृत्रिम तालाब, पोखरों में भी छठ पूजा की व्यवस्था कराई जा रही है। घाटों पर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। महिलाओं से अपील की जा रही है कि बच्चों को पूजन के दौरान लेकर घाटों पर न जाएं। बेटों की लंबी उम्र के लिए व्रत रहती हैं माताएं


ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद तिवारी के अनुसार, माताएं छठ का कठोर व्रत पुत्र के लिए करती हैं। इस व्रत में शक्ति अर्थात माता षष्ठी एवं ब्रह्म अर्थात सूर्यदेव दोनों की उपासना होती है। इसलिए इसे सूर्यषष्ठी कहा जाता है। इस व्रत से जहां भगवान भास्कर समस्त वैभव प्रदान करते हैं। वहीं, माता षष्ठी प्रसन्न होकर पुत्र देती हैं, साथ ही पुत्रों की रक्षा भी करती हैं।खूब हुई पूजन सामान की खरीदारी

शुक्रवार को गोलघर, घंटाघर, अलीनगर, असुरन, राप्तीनगर, बेतियाहाता, पांडेयहाता, विजय चौक, रुस्तमपुर, गोरखनाथ, मोहरीपुर आदि बाजार छठ पूजा के सामान से पटे रहे। छठ पूजा को लेकर शहर में जगह-जगह कच्ची हल्दी, अदरक, मूली, सेब, नारंगी, सिघाड़ा, नारियल सहित अन्य सामान की बिक्री जमकर हुई। वहीं, गुड़, केला, चावल, आटा, मैदा, चीनी, डालडा, घी, रिफाइंड सहित अन्य वस्तुओं की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ रही। बांस का सामान महंगा छठ पूजा को देखते हुए शहर में बांस के सामन में सूप, टोकरी, डगरा, कोनिया आदि की बिक्री खूब हुई। बांस के टोकरी, सूप छठ पूजन सामग्री की बजाय पीतल की सूप, कोनिया, डगरी का प्रयोग करने लगे हैं। बांस से तैयार टोकरी, सूप की कीमत में इस वर्ष मामूली इजाफा देखा जा रहा है। दुकानदार विनोद कुमार ने कहा कि बांस की कीमत में इजाफे से इससे निर्मित सामान पर मुनाफे में कमी आई है। महंगे दरों पर बांस से करीब आधा दर्जन सामान तैयार होता है। बाजार में इन दिनों टोकरी 200 से 250, सूप 60 से 70 रुपए में बिक रहा है।श्रृंगार के सामानों की भी खूब खरीदारीछठ पूजा को श्रृंगार की दुकानों पर महिलाओं की संख्या अधिक रही। महिलाएं नई डिजाइन की आकर्षक चूड़ी-लहठी की मांग करती रहीं। राजस्थान की लहठी के अलावा स्थानीय स्तर पर तैयार लहठी की मांग काफी बढ़ गई है।

साड़ी और धोती की जमकर बिक्री छठ पूजा को लेकर व्रतियों के परिजनों ने नई साड़ी सहित अन्य कपड़ों की खरीदारी की। पुरुष श्रद्धालुओं ने नए धोती की खरीदारी की। कपड़ा व्यापारी विनय गुप्ता ने कहा कि छठ पूजा को देखते हुए लाल, पीला रंग की धोती की सप्लाई हो रही है, जिससे लोगों को धोती रंगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। खरना आज छठ पूजा के दूसरे दिन इस दिन शनिवार (29 अक्टूबर) को खरना होगा। शाम को पूजा करने के बाद महिलाएं व्रत का पारण करेंगी। व्रत खोलने में नैवेद्य और प्रसाद का उपयोग करेंगी। दिनभर उपवास रखकर शाम तक सूर्य भगवान की पूजा करने के बाद खीर पूड़ी का भोग लगाकर हवन किया जाता है।

Posted By: Inextlive