केमिकल लोचे ने खत्म कर दी आम की मिठास
- खतरनाक केमिकल्स से पकाए जाने लगे कच्चे आम
- जून तक ही आती है पक चुकी खेप GORAKHPUR: आम का सीजन करीब आते ही कुछ मुनाफाखोरों ने एक बार फिर इसकी मिठास में जहर घोलना शुरू कर दिया है। शहर में आ रही कच्चे आम की खेपों को कार्बाइड सहित अन्य केमिकल्स से पका दिया जा रहा है। इन खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल फल को बेस्वाद तो कर ही रहा है, लोगों की सेहत पर भी इसका काफी बुरा असर पड़ रहा है। मई और जून में आम के आवक में तेजी होती है, लेकिन बारिश कम होने की वजह से मंडी में आम की रफ्तार धीमी पड़ गई है। इसकी वजह से ज्यादातर आम केमिकल या कार्बाइड से पके हैं और धड़ल्ले से थोक मंडी में बेचे भी जा रहे हैं। जून तक करिए इंतजारमहेवा मंडी के फल विक्रेता विजय सोनकर ने बताया कि शुरुआती दौर में आवक में तेजी नहीं थी। अब हल्की बारिश के बाद इसमें तेजी आई है। उन्होंने बताया कि नेचुरल रूप से पके मीठे आम जून के दूसरे हफ्ते तक आ सकते हैं। इससे पहले अगर कहीं ज्यादा पके आम मिल रहे हैं तो वे निश्चित ही केमिकल से पकाए गए हैं।
इस बार हुई अच्छी पैदावारव्यापारियों के मुताबिक पिछले कुछ साल की तुलना में इस बार आम की पैदावार सबसे अच्छी हुई है। महेवा मंडी के व्यापारियों का कहना है कि अमूमन मई में आंध्र प्रदेश से आम की आवक होती है। पिछले साल डाल वाला आम जून में आया था। व्यापारियों ने बताया कि इस बार जून के दूसरे सप्ताह में ही खेप आने की उम्मीद है।
सावधानी है जरूरी जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ। बीके सुमन ने बताया कि आम का सावधानी पूवर्क सेवन करना बहुत जरूरी है। कार्बाइड से पका आम शरीर के लिए काफी नुकसानदेह है। उन्होंने बताया कि अमूमन लोग आम खरीद लेते हैं, लेकिन उसके बारे में नहीं जानते हैं कि वह डाल का आम है या केमिकल व कार्बाइड का पका हुआ। ऐसे करें आम का सेवन - खरीदते समय ठीक से जांच लें - घर ले जाकर आम को एक से दो घंटे तक पानी में डालें। - खाने से पहले उसे अच्छी तरह धुल लें। मंडी में बिक रहे आम -दशहरी -राजा आम गौरजीत -लाल बाग -बैंगन फली -तोतापरी आदि