- 12 हजार का इनामी है शातिर अपराधी राणा सिंह

- गोरखपुर और संतकबीर नगर में 18 से ज्यादा मामलों में वांछित

- डॉक्टर, व्यापारी और कई लोगों से रंगदारी मांगने में सामने आया नाम

GORAKHPUR : गोरखपुर में आतंक का पर्याय बने चुके शातिर राणा सिंह को एसटीएफ ने आखिरकार अरेस्ट कर लिया। लखनऊ के हजरतगंज स्थित एक होटल से राणा सिंह और तीन अन्य को अरेस्ट किया है। राणा सिंह उर्फ पिंकू सिंह की गोरखपुर पुलिस को लंबे समय से तलाश थी। पुलिस ने उसके ऊपर क्ख् हजार का इनाम भी घोषित किया था। गोरखपुर में डॉक्टर, ठेकेदार और व्यापारी से रंगदारी मांगने के मामले राणा सिंह पर दर्ज हैं।

एसटीएफ ने पकड़ा शातिर बदमाश को

एसटीएफ के हाथ संडे को उस वक्त बड़ी कामयाबी मिली जब उसने पूर्वाचल के माफिया चंदन सिंह गिरोह के चार सक्रिय सदस्यों को अरेस्ट किया। पुलिस ने जिन चार युवकों को अरेस्ट किया है उनमें से एक राधेश्याम आर्मी में नायक के पद से रिटायर है। उसके अलावा राणा प्रताप सिंह उर्फ पिंकू सिंह, अखिलेश यादव, और अरविन्द मल उर्फ अरविन्द सिंह को अरेस्ट किया गया है। अरविंद सिंह सीतापुर का रहने वाला है।

हजरतगंज के होटल से किया अरेस्ट

एसटीएफ के अफसर अमित पाठक ने बताया कि यह सब चंदन सिंह से मिलने लखनऊ आये थे। संडे को बाराबंकी जेल में तन्हाई में रहने के कारण चंदन से किसी की मुलाकात नहीं हो पायी थी। इन सभी को मंडे को मिलने के लिए दोबारा जाना था। इसीलिए चारों हजरतगंज के एक होटल में रुक गए थे। जहां से एसटीएफ ने आधी रात को चारों को अरेस्ट कर लिया।

यह हुई बरामदगी

एसटीएफ ने इनके पास से एक मोबाइल, एक फर्जी वोटर आईडी कार्ड, इस आईडी पर पिंकू सिंह की फोटो लगी है और नाम रमेश पाण्डेय दर्ज है। इसके अलावा एक महेन्द्रा वेरिटो गाड़ी नं0-यूपी-भ्7 एम-भ्भ्म्ब्, एक पैन कार्ड और तीन एटीएम कार्ड भी मिले हैं। राणा की गिरफ्तारी की सूचना पाकर पूछताछ के लिए गोरखपुर की एसओजी टीम भी लखनऊ रवाना हो गई।

चंदन ने बनायी थीजेल से फरार होने की योजना

एसएसपी एसटीएफ की मानें तो चन्दन सिंह ने क्0 दिसंबर को पुलिस कस्टडी से भगने की योजना बनायी थी, लेकिन गोरखपुर पुलिस ने एक साथी की तलाश में छापेमारी की जिससे योजना विफल हो गयी थी। इससे पहले भी चंदन पेशी के दौरान पुलिस अभिरक्षा से फरार हो चुका हैं।

रंगदारी का भूत बन गया था राणा

चंदन की गिरफ्तारी के बाद गैंग की कमान संभालने वाले शातिर राणा सिंह की दहशत तेजी से फैलने लगी थी। रंगदारी की शिकायत करने पर उसने सिटी के एक डॉक्टर के क्लीनिक पर चढ़ कर गोलियां भी चलाई थी। पुलिस ने रंगदारी के साथ हमले का केस भी दर्ज किया था। आईएमए के प्रदर्शन के बाद पुलिस ने राणा पर शिकंजा कसा, लेकिन उसके गिरफ्तार नहीं कर सकी। जबकि राणा सिंह की गोरखपुर और लखनऊ के बीच मौजूदगी की सूचना पुलिस के पास अक्सर रहती थी।

पुलिस कस्टडी से फरार हुआ था पिंकू

तीन महीने पहले गोरखपुर जेल से संतकबीरनगर पेशी पर ले जाते समय पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था। फरारी के दौरान वह चन्दन सिंह के गैंग का संचालक बन गया। गोरखपुर और आसपास के क्रिमिनल्स से मिलकर डाक्टरों, ठेकेदारों से रंगदारी वसूलने लगा।

ऐसे बढ़ी अखिलेश और चंदन की नजदीकी

राणा के साथ पकड़े गए अखिलेश ने बताया कि वह मूलरूप से बड़हलगंज, गोरखपुर का रहने वाला है, जहां उसकी दुश्मनी स्थानीय विनोद यादव से चल रही है। विनोद यादव ने उसके पिता और चाचा का मर्डर किया है। अखिलेश रोजगार की तलाश में पडरौना के एक फार्म हाउस में केयरटेकर हो गया, जहां उसकी मुलाकात पड़ोसी राधेश्याम से हुई। राधेश्याम ने अपने भांजे पिंकू के बारे में अखिलेश को बताया। अखिलेश ने विनोद से बदला लेने के लिए पिंकू सिंह से नजदीकी बढ़ा ली।

आर्मी से रिटायर है राधेश्याम

अमित पाठक ने बताया कि राधेश्याम आर्मी में सिग्नल कोर से नायक पद से रिटायर हुआ था और पिंकू का सगा मामा है। पिंकू का खर्चा राधेश्याम ही चलाता था। हजरतगंज में होटल भी राधेश्याम के नाम से बुक था जहां पिंकू भी था। पिंकू पर गोरखपुर में ख्0 और बाराबंकी में एक केस रजिस्टर है।

चंदन के शातिर साथी राणा सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयासरत थी। हालांकि एसटीएफ ने उसे लखनऊ से अरेस्ट किया है। उसके खिलाफ रंगदारी मांगने के कई मामले गोरखपुर के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। पुलिस टीम के साथ एसओजी को भी पूछताछ के लिए लखनऊ रवाना कर दिया गया है।

दिलीप कुमार, एसएसपी गोरखपुर

Posted By: Inextlive