तरीका लापरवाह, असुरक्षित कैश, जोखिम में जान..
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- एक बैंक से दूसरे बैंक तक कैश ले जाना का तरीका है असुरक्षित - बिना पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम के हो रहा कैश ट्रांसपोर्टेशन, हो न जाए वारदात केस-1 सोमवार को शाहपुर एरिया के असुरन चौक, राप्ती कॉम्प्लेक्स के पास वाहनों की चेकिंग कर रहे मजिस्ट्रेट ने एक फोर व्हीलर को रोकवाया। पुलिस ने तलाशी ली तो एक बैग में रखी 50 लाख नकदी बरामद हुई। कैश को पुलिस ने कब्जे में ले लिया। बाद में पता चला कि एक बैंक की ब्रांच से दूसरी ब्रांच पर नकदी को शिफ्ट किया जा रहा था। इसके बाद कैश को सुरक्षा में बैंक भेजा गया। हैरानी की बात यह कि सिर्फ एक ड्राइवर व एक एंप्लाई ही इतनी बड़ी रकम लेकर जा रहे थे। केस-216 जनवरी को गुलरिहा एरिया के नाहरपुर में चेकिंग के दौरान 70 लाख रुपए बरामद हुए थे। पता चला कि बैंक कर्मचारी नकदी लेकर महराजगंज जिले के उसका ब्रांच में ले जा रहे थे। वैन में सिर्फ कैशियर के साथ एक सुरक्षा गार्ड मौजूद था। पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच नकदी को महराजगंज जिले में भेजा।
GORAKHPUR: विधान सभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराने की कोशिश में जुटी जोन की पुलिस ने चेकिंग के दौरान अब तक पांच करोड़ रुपए बरामद किए हैं। इस दौरान वैसी नगदी भी पकड़ी गई जो असुरक्षित तरीके से एक बैंक से दूसरे बैंक ले जाई जा रही थी। जांच पड़ताल के बाद इस तरह के कैश को पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा के बीच बैंक पहुंचवाया। लेकिन, बैंकों के कैश ट्रांसपोर्टेशन में बरती जा रही यह लापरवाही से कभी भी कोई वारदात हो सकती है। वहीं इस तरीके से कैश ले जा रहे एंप्लाइज की जान भी खतरे में होती है।
जारी हुई थी एडवाइजरी वर्ष 2016 में नोट बदली के दौरान गृह मंत्रालय की ओर से बैंक की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए थे। गृह मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया था कि कैश वैन में लूटपाट की आशंका है इसलिए बैंक और एटीएम की सुरक्षा को लेकर सजगता बरती जाए। जरुरत के अनुसार पुलिस की मदद लेते हुए सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की जाए। लेकिन स्थिति सामान्य होने पर सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार लापरवाह हो गए। सुरक्षा गार्ड जरूरी - 50 लाख रुपए तक की रकम के ट्रांसपोर्टेशन के लिए कम से कम एक सशस्त्र सुरक्षा गार्ड होना चाहिए।- 50 लाख से लेकर एक करोड़ की रकम पर दो सुरक्षा कर्मचारी होने चाहिए।
सोमवार को चेकिंग में बैंक की 50 लाख नकदी बरामद की गई थी। वाहन में एक बैंक कर्मचारी और एक ड्राइवर मौजूद थे। सुरक्षा के लिए कोई गार्ड भी नहीं था। ऐसी हालत में किसी वारदात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। बैंक अधिकारियों को चाहिए कि सुरक्षित तरीके से ही कैश ले जाएं। - गोविंद बल्लभ शर्मा, इंस्पेक्टर- सुरक्षा कर्मचारी बैंक या पुलिस के हो सकते हैं लेकिन उनके साथ कैशियर या अन्य बैंक कर्मचारी की मौजूदगी जरूरी होती है।
- बैंक की ओर से तैनात सुरक्षा कर्मचारियों की ड्यूटी ही ट्रांसपोर्टेशन में लगाई जानी चाहिए। - किसी भी प्राइवेट एजेंसी के सुरक्षा गार्ड को कैश के साथ नहीं भेजा जा सकता है। बॉक्स सबसे बड़ी लूट से थर्राया था जिला 28 फरवरी 2009 को जिले में अब तक की सबसे बड़ी लूट वर्ष 2009 में हुई थी। कोतवाली एरिया के सुमेर सागर रोड पर एलआईसी की शाखा नंबर दो के सामने सीएमएस सिक्योरिटी एजेंसी के एक कर्मचारी को गोली मारकर बदमाशों ने भरी दोपहर में वारदात की। एलआईसी का 66 लाख पांच हजार 983 रुपए लेकर बदमाश आराम से निकल गए। इसके बाद बैंक से नकदी ले आने ले जाने और व्यापारियों के बैंक जाने पर पुलिस सुरक्षा देने के निर्देश जारी किए गए लेकिन धीरे-धीरे उस वारदात का दहशत कम होता गया तो लापरवाही बढ़ती चली गई। ----------- इतनी हुई बरामदगी जिला मुकदमा कैश बरामदगी नेपाली करेंसीगोरखपुर 94 2592120
देवरिया 33 261700 कुशीनगर 21 4673604 महराजगंज 20 3279444 3585410 कुल बरामदगी 10806868 (जोन में पुलिस की जांच में यह बरामदगी हुई जो जांच के बाद बैंकों को लौटा दी गई। यह कैश असुरक्षित तरीके से ले जाए जा रहा था.) -------------- हर कदम पर लापरवाही - कई बैंकों में लगे सीसीटीवी कैमरे ठीक से काम नहीं करते। - पुलिस की सुरक्षा के बगैर ही बैंक वाले पैसों को ले आते-ले जाते हैं। - रुपए ढोने के दौरान बॉक्स, सिकड़ और तालों पर ध्यान नहीं दिया जाता। - बैंक की ब्रांच में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक नहीं लग सकी। वर्जन