जरायम के गलियारों में कार्बाइन की गूंज
- गोरखपुर के बदमाशों के बीच बढ़ा कार्बाइन क्रेज
- 40 हजार में आराम से मिल रही मुंगेर मेड कार्बाइन GORAKHPUR : गोरखपुर में जरायम के सूरमाओं की पसंद बदल रही है। हाइटेक होती दुनिया के साथ कदमताल मिलाने के लिए बदमाशों ने तकनीक का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। कभी पेशेवर अपराधियों में 12 बोर के तमंचों का जबर्दस्त क्रेज था तो कभी 315 बोर के असलहों को अहमियत मिली। क्राइम का ट्रेंड बदलने के साथ असलहों की च्वाइस बदल गई। रिवॉल्वर और पिस्टल के साथ कार्बाइन को ज्यादा तवज्जो मिलने लगी है। हाल के दिनों में पुलिस ने दो आपराधिक गैंग के बदमाशों को अरेस्ट किया। उनके पास से कार्बाइन बरामद हुई। बदमाशों ने बेहिचक कार्बाइन की कहानी सुनाई। मोनू चवन्नी के बाद गुड्डू कटाई के पास भी एटीएफ ने कार्बाइन बरामद किया। इससे पहले भी बदमाशों से कार्बाइन बरामद हो चुकी हैं।दो दशक पहले बढ़ी कार्बाइन की दखल
- वर्ष 2005 में कोतवाली पुलिस ने गगहा के प्रहलाद और यासीन को अरेस्ट किया। यासीन के कब्जे से पुलिस ने कार्बाइन बरामद किया था। - वर्ष 2004 में चिलुआताल पुलिस ने बरगदवा में एक नेता की कार से कार्बाइन की बरामदगी हुई।- हरपुरबुदहट एरिया के संजय यादव के पास से पुलिस ने कार्बाइन बरामद किया।
- राजस्थान पुलिस ने खजनी के बसडीला निवासी 50 हजार के इनामी सुभाष शर्मा के पास से कार्बाइन बरामद किया। - माफिया प्रदीप सिंह गैंग के मेंबर्स ने सिपाही से लूटी कार्बाइन का यूज किया जिसे पुलिस बरामद कर चुकी है। - श्रीपत ढाढ़ी गैंग में ऋषिमुनि तिवारी के पास मौजूद कार्बाइन बरामद नहीं हो सकी है। - अमरजीत गैंग में शामिल बदमाश कार्बाइन के सहारे लूटपाट करते थे। 28 अक्टूबर 2013 को बदमाशों ने कार्बाइन दिखाकर गोला कसबे में 20 लाख की ज्वेलरी लूटी थी। - पीपीगंज एरिया में असलहा तस्कर डिस्को तिवारी से जुड़े एक व्यक्ति के पास कार्बाइन होने की सूचना पुलिस को मिली थी। - चंदन सिंह गैंग में शामिल गुड्डू कटाई, बिसई सिंह और राणा उर्फ पिंकू सिंह के पास से कार्बाइन बरामद हो चुकी है। - लाल बहादुर मर्डर के आरोपी विनोद उपाध्याय गैंग में शामिल धनंजय तिवारी कार्बाइन यूज करता है। - छोटू सिंह मर्डर कांड में सुधीर गैंग के मेंबर्स कार्बाइन लेकर पहुंचे थे। पिछले साल लखनऊ में गिरफ्तारी के दौरान पुलिस की पूछताछ में यह बात सामने आई थी।- अमित मोहन वर्मा के खास सहयोगी रामायण उपाध्याय भी कार्बाइन रखने का शौकीन था।
रखने में सहूलियत, चलाने में आसान गोरखपुर के बदमाशों को कार्बाइन पंसद आ रही है। पुलिस का कहना है कि रखने में सहूलियत के नाते आपराधिक गैंग को कार्बाइन पंसद आ रही है। मारक क्षमता अच्छी होने, हलका वेपन होने से इसको कैरी करना आसान होता है। लैपटॉप बैग में कार्बाइन आसानी से आ जाती है। काबाईन में पिस्टल की गोलियां यूज हो जाती है। ऐसे में बदमाशों को कारतूस के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है। किसी ने लूटा तो किसी ने खरीद लिया मोनू चवन्नी के पास मिली कार्बाइन पुलिस की निकली। वारदात के दौरान बदमाश उसको लूटकर ले आए थे। अमरजीत गैंग, चंदन सिंह, सुधीर सिंह, विनोद उपाध्याय गैंग से जुड़े बदमाशों ने फैक्ट्री मेड कार्बाइन खरीदा है। गुड्डू के पास मिली कार्बाइन मुंगेर से करीब सवा लाख में खरीदी गई थी। 60 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपए में कार्बाइन आसानी से उपलब्ध हो जा रही है।बदमाशों के पास कंट्रीमेड कार्बाइन मिली है। एक-दो मामले में पुलिस कर्मचारियों से लूटे असलहे मिले थे। मुंगेर में बनने वाली कार्बाइन का धड़ल्ले से यूज किया जा रहा है। 50 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपए में कार्बाइन आसानी से मिल रही है।
विकास कुमार त्रिपाठी, सीओ, एटीएफ यूनिट गोरखपुर