गोरखभूमि में 13 गुना बढ़े कैंसर के शिकार
- साल दर साल बढ़ रही है तादाद, लापरवाही में बढ़ रहा मर्ज
- पीडि़तों में माउथ और बच्चेदानी कैंसर के मरीज सबसे ज्यादा GORAKHPUR: गोरखभूमि, यानि गोरखपुर में पिछले छह साल के अंदर कैंसर रोगियों की तादाद में जबरदस्त इजाफा हुआ है। 2009 से 2015 तक यहां कैंसर पेशेंट्स की संख्या करीब 13 गुना बढ़ चुकी है। 2009 में स्थानीय बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जहां गोरखपुर के पंजीकृत कैंसर पेशेंट्स की संख्या 310 थी वहीं 2015 में यह संख्या 4025 पहुंच चुकी है। जबकि इसी कॉलेज में गोरखपुर, आस-पास के जिलों से लगायत आने वाले कैंसर पीडि़तों की संख्या में करीब आठ गुना इजाफा हुआ है। साल दर साल बढ़े मरीजबीआरडी मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो 2009 में यहां गोरखपुर सहित आस-पास के जिलों को मिलाकर कुल 1001 मरीज अलग-अलग तरह के कैंसर की समस्या को लेकर पंजीकृत हुए थे। इसके बाद से से लगातार बढ़ती ही गई है। वर्ष 2015 के ताजा आंकड़ों में यहां पंजीकृत मरीजों की संख्या 8790 थी। सिर्फ गोरखपुर जिले को देखे तो स्थिति और भी भयावह है। दूसरी तरफ पोद्दार कैंसर हॉस्पिटल में इस दौर में सालाना औसतन चार हजार मरीज पहुंचते रहे हैं।
झोलाछाप बन रहे मुसीबतमेडिकल कॉलेज पोद्दार कैंसर हॉस्पिटल के एक्सपर्ट्स की मानें तो पूर्वाचल के इस बेल्ट में कैंसर पेशेंट्स के साथ सबसे बड़ी प्रॉब्लम ये है कि वो शुरूआती दौर में झोलाछाप डॉक्टरों की शरण में चले जाते हैं। वहां स्थिति खराब होने पर मेडिकल कॉलेज या कैंसर हॉस्पिटल पहुंचते हैं। तब तक पेशेंट की बीमारी लास्ट स्टेज में पहुंच चुकी होती है। कुछ तो टोना-टोटका और झाड़-फूंक में भी जिंदगी गंवा देते हैं।
रेगुलर चेकअप ही बचाव बीआरडी मेडिकल कॉलेज कैंसर विभाग के प्रमुख डॉ। मेजर एमक्यू बेग कहते हैं कि शुरूआती लक्षण और नियमित जांच से कैंसर को पकड़ा जा सकता है। शुरूआती दौर में ईलाज से इसे पूरी तरह से ठीक कर पाना संभव है। लेकिन ज्यादातर मरीज शुरूआती दौर में लापरवाही के चलते ही मर्ज को आखिरी स्टेज तक पहुंचा देते हैं। बच्चच्दानी और माउथ कैंसर सबसे ज्यादागोरखपुर में बच्चच्दानी और माउथ कैंसर (मुंह, नाक, कान, गला सहित) पीडि़तों की संख्या सबसे ज्यादा है। मेडिकल कॉलेज के आंकड़ों के मुताबिक सभी तरह के कैंसर मरीजों में इनकी तादाद करीब 20-20 परसेंट है। जबकि तीसरे नम्बर पर स्तन कैंसर के पेशेंट है, जिनकी तादाद करीब 17 परसेंट है। सबसे कम पेशेंट फ्लो पेशाब की थैली के कैंसर पेशेंट्स की है।
कैंसर टाइप परसेंट बच्च्ेदानी 20 मुंह, नाक, कान, गले 20 स्तन 17 पित्त की थैली 12 ब्लड कैंसर 7 स्त्रियों के अण्डाशय 5 पेट का कैंसर 5 फेफड़े का कैंसर 5 गुर्दा का कैंसर 3अग्नाशयक 3
अण्डकोश 2 पेशाब की थैली 1 मेडिकल कॉलेज में कैंसर के मरीज साल गोरखपुर के मरीज कुल मरीज 2009 310 1001 2010 1856 4545 2011 2350 5525 2012 1662 4948 2013 2976 68042014 3864 8182
2015 4025 8790 पूर्वाचल में मुंह, गले और महिलाओं में बच्च्ेदानी और ब्रेस्ट कैंसर के पेशेंट्स बढ़े हैं। अवेयरनेस न होने से बीमारी काफी बढ़ जाती है। ऐसे में यह जरूरी है कि कैंसर की ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल की जाए, ताकि कैंसर को लेकर लोग अवेयर हो सकें। डॉ। एमक्यू बेग, एचओडी, कैंसर डिपार्टमेंट