सर मेरे बॉडी में इचिंग हो रही है. ट्रेन में सफर के दौरान घबराहट हो रही है. मुझे फीवर हो गया है और ठंड लग रही है. हेल्प चाहिए.Ó इन दिनों छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए रेलवे यात्री मित्र और हेल्पलाइन नंबर 139 पर ढेरों कॉल आने लगे हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)। इन छोटी-छोटी बातों पर भी रेलवे ने रिस्पांस दिया। कॉल्स को अटेंड कर प्रॉपर डॉक्टर से इलाज भी करवाया जा रहा है। इलाज के लिए आ रही कॉल्स को लेकर अब रेलवे की मेडिकल ट्रीटमेंट की अलग ही रजिस्टर बना दिए गए हैैं, जिसे प्रियॉरिटी बेसिस पर अटैंड कर पैसेंजर्स को सुविधा मुहैया कराई जा रही है। यात्री मित्र पर 49 कॉल


गोरखपुर से करीब 150 से उपर ट्रेनों का आवागमन होता है। वहीं एक लाख से उपर यात्री इन ट्रेनों में सफर करते हैैं, लेकिन जब रेलवे की तरफ से 139 हेल्प लाइन चालू किया गया है, तब से चलती ट्रेन में यात्री को छोटी-छोटी प्रॉब्लम आने पर वह अपनी शिकायत दर्ज कराता है। बीमारी होने पर भी कॉल आ रहे हैैं। यात्री मित्र कार्यालय के हेल्प लाइन नंबर 9794846980 पर भी बीमारी के होने पर 49 केसेज आए हैैं, जिनका इलाज किया गया। यात्री मित्र में चार महीने में 49 यात्रियों के ऐसे कॉल्स आए हैैं जो छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए डॉक्टर की डिमांड की गई। इसमें बिहार और लखनऊ की तरफ से गोरखपुर आने वाली ट्रेन के स्टेशन पर पहुंचते ही जंक्शन पर उनका ट्रीटमेंट कराया गया है। गंभीर अवस्था में कर दिया जाता है रेफर

रेलवे की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, अगर कोई भी यात्री बीमार है या फिर गंभीर रूप से बीमार है, तो उसके लिए रेलवे की तरफ से रेलवे हॉस्पिटल के डॉक्टर्स को बुलाकर इलाज कराया जा रहा है। डॉक्टर 20 मिनट के भीतर आते हैैं। उसके बाद मरीजों को तत्काल अटेंड कर उन्हें प्राथमिक उपचार देते हैैं। गंभीर मरीजों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज या फिर जिला अस्पताल के रेफर किया जाता है।इस तरह के आ रहे पैसेंजर के कॉल्स - 17 अक्टूबर - 12554 के टीटीई ने यात्री मित्र कार्यालय को फोन कर बी-6 के 58 नंबर बर्थ पर जितेंद्र सिंह की 4 वर्ष के बच्ची को उल्टी, बुखार, दस्त हो रहा है। डॉ। अमन ने प्राथमिक उपचार किया गया। - 16 अक्टूबर - एक यात्री राजा राम ने बताया कि प्लेटफार्म नंबर 2 पर मेरी पत्नी की उम्र 65 वर्ष के सीने मेें दर्द हो रहा है। वहीं डॉ। सुमित ने अटेंड किया एवं जिला अस्पताल को रेफर किया गया। 108 एंबुलेंस बुलाकर परिजन को रेफर कर दिया है।

- 16 अक्टूबर - गाड़ी 20503 के बी-10 में 12 नंबर सीट पर संतोष कुमार सिंह की बॉडी में इचिंग हो रही थी। गैस भी बन रही थी। यात्री मित्र ने डॉक्टर को कॉल किया गया, बाद में मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए यात्री द्वारा मना कर दिया गया। डॉक्टर की टीम वापस लौट गई। - 14 अक्टूबर - 15708 के ए-2 कोच में सफर करने वाले यात्री प्रभार कुमार के डेढ़ साल की बच्ची को दूध की जरूरत है। गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर दूध गरम करवा कर पहुंचाया गया। - 14 अक्टूबर - 15113 बी1 में 25 नंबर पर हीरा ने कॉल कर बताया कि लीवर के मरीज हैैं। उनके पेट में दर्द हो रहा है। डॉक्टर यादवेंद्र ने अटेंड किया, जांच में पाया गया कि मरीज की मौत हो चुकी है। मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ उसे जीआरपी को सुपुर्द कर दिया गया। यात्रियों की सुविधा का ख्याल रखा जाता है। अगर कोई भी यात्री अपनी बीमारी को लेकर कॉल करता है, तो उसे प्रॉयरिटी बेस पर अटेंड किया जाता है। बीमारी छोटी हो या बड़ी, उसके प्राथमिक उपचार के लिए डॉक्टर की टीम जरूर पहुंचती है। इसकी मॉनीटरिंग भी की जाती है। - पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे

Posted By: Inextlive