शहर के बीच मौत का गड्ढा
- जीडीए की लापरवाही से पब्लिक हो रही परेशान
- मोहद्दीपुर और छात्रसंघ चौराहा के गोलबंर का होना था चौड़ीकरण, खोदकर निर्माण कराना भूल गए जिम्मेदार GORAKHPUR: कमिश्नर ने सिटी को जाम से निजात दिलाने के लिए प्लानिंग की और इसके लिए पीडब्ल्यूडी और जीडीए से गोलंबर को ट्रैफिक के लिहाज से दुरुस्त किए जाने की बात कही। मोहद्दीपुर और छात्र संघ चौराहा के चौड़ीकरण के लिए कुछ हिस्से को तोड़ा तो गया लेकिन फिर चौड़ीकरण या सौंदर्यीकरण कराना जिम्मेदार भूल गए। हालत यह है कि जिस गोलबंर से सिटी को जाम से निजात दिलाने की उम्मीद थी, वही अब जाम का सबब बन रहे हैं। यही नहीं, इससे एक्सीडेंट की भी आशंका बनी हुई है। लगातार लोग चोटहिल हो रहे हैं। अब तक दर्जनों लोगों को यहां चोट लग चुकी है। एक साल से खुदा पड़ामोहद्दीपुर चौराहा तो पिछले एक साल से खुदा पड़ा है। वहीं छात्रसंघ चौराहा पर भी एक माह पहले कुछ हिस्से को तोड़कर छोड़ दिया गया। तोड़े गए हिस्से को भी जिम्मेदारों ने वहां से नहीं हटवाया। अब उसकी ईट व गिट्टियां छिटककर रोड पर फैल रही हैं और एक्सीडेंट का खतरा बढ़ा रही हैं।
बॉक्स मोहद्दीपुरयह होना है- गोलंबर को तोड़कर चौड़ा करना है और चौराहे का सौंदर्यीकरण किया जाना है।
स्थिति : कुछ हिस्से को तोड़कर छोड़ दिया गया है। प्रभावित लोग- यहां से रोज चार से पांच लाख लोग गुजरते हैं। गोरखपुर को देवरिया, कुशीनगर, बिहार के साथ ही साथ मोहद्दीपुर, कूड़ाघाट, सिंघाडिया सहित कम से कम एक दर्जन से अधिक एरिया को शहर से जोड़ने का काम मोहद्दीपुर चौराहा करता है। इस चौराहा से होकर डेली कम से कम तीन से चार लाख लोग इस चौराहा से शहर में आते जाते हैं। एक साल पहले इस चौराहे का कार्य जीडीए ने शुरू किया। आधा कार्य ही हुआ था कि अचानक सर्किट हाउस से लेकर चौरीचौरा तक हाइवे चौड़ीकरण की योजना आ गई। योजना आने के कारण चौड़ीकरण की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी के पास पहुंच गया। वह यहां का काम छोड़कर एनएच पर पहुंच गया। जिसके कारण अभी तक चौराहा उसी तरह से खुदा हुआ पड़ा है। खुदे हुए सड़क के कारण डेली इन चौराहों पर जाम और एक्सीडेंट हो रहा है। बारिश के समय तो यहां पर गाडि़यों की स्लीप होने की घटना बहुत अधिक बढ़ जाती है। बॉक्स छात्र संघ चौराहा यह होना है- गोलंबर और चारों ओर के रास्ते के बने डिवाइडर को छोटा करना है। प्रभावित लोग- दो से तीन लाखस्थिति : डिवाइडर टूटा पड़ा है।
लखनऊ, बनारस के अलावा तारामंडल, इंदिरानगर, बिलंदपुर और पैडलेगंज सहित एरिया के लोग शहर में आने के लिए इसी चौराहा से आते जाते हैं। डेली इस चौराहे से कम से कम दो लाख की आबादी आती-जाती है। इस साल की अवस्थापना निधि की योजना में जीडीए को छात्रसंघ चौराहा के चौड़ीकरण की जिम्मेदारी मिली थी। आनन-फानन में जीडीए ने जुलाई माह में इस चौराहे के चौड़ीकरण का कार्य शुरू भी कर दिया। चौराहा से जाने वाले चारों रास्तों के डिवाइडर को तोड़ दिया गया, उसके बाद जीडीए को पता चला कि यहां पर साइकिल ट्रैक भी बन रहा है। अब जीडीए इंतजार कर रहा है कि ट्रैक बन जाए तो कार्य हो। वहीं टूटे डिवाइडर एक्सीडेंट प्वाइंट बनते जा रहे हैं।