अब शराब पीकर नहीं बस नहीं चला सकेंगे रोडवेज ड्राइवर्स
- अब ब्रेथ एनालाइजर से होगी रोडवेज बसों के ड्राइवर्स की चेकिंग
- एक्सीडेंट की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने की पहल अब ब्रेथ एनालाइजर से होगी रोडवेज बसों के ड्राइवर्स की चेकिंग - एक्सीडेंट की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने की पहलGORAKHPUR: GORAKHPUR: शराब पीकर रोडवेज बस चलाने वाले ड्राइवर्स अब नहीं बच सकेंगे। इसके लिए अधिकारियों ने कमर कस ली है। बस चलाते वक्त ड्राइवर्स की चेकिंग ब्रेथ एनालाइजर से होगी। इससे यह तत्काल पता चल जाएगा कि ड्राइवर ने शराब पी है या नहीं। इसके लिए शासन स्तर से निर्देश जारी किया गया है। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि रोडवेज अधिकारी बस को कहीं भी रास्ते में रोककर ब्रेथ एनाजाइजर से ड्राइवर्स को चेक करेंगे। गौरतलब है कि सूबे में बढ़ती एक्सीडेंट की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए शासन स्तर से लगातार नई कवायद की जा रही है। इसी क्रम में बीते दिनों ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने निर्देश जारी किया है कि शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
नहीं झोंक सकेंगे आंखों में धूलऐसे तो ड्राइवर्स के लिए शराब पीकर गाड़ी चलाने पर विभाग की ओर से समय-समय पर चेकिंग कराई जाती है। लेकिन अब ब्रेथ एनालाइजर मशीन आ जाने से शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर्स अधिकारियों की आंख में धूल नहीं झोंक पाएंगे। अगर ड्राइवर ने कई घंटे पहले भी शराब पी है तो उसका भी पता मशीन से चल जाएगा।
सुरक्षित होगा सफर गौरतलब है कि रोडवेज बसों के ड्राइवर्स के शराब पीकर गाड़ी चलाने का मामला अक्सर प्रकाश में आता है। इस वजह से कई बार हादसे भी होते रहे हैं। रोडवेज के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों शासन स्तर से कराए गए सर्वे में यह सामने आया है कि रोडवेज बसों का सफर सुरक्षित न महसूस करते हुए पैसेंजर्स इससे मुंह मोड़ रहे हैं। इसे देखते हुए शासन स्तर से पहल की जा रही है कि एक्सीडेंट की घटनाओं पर अंकुश लगाकर पैसेंजर्स को सुरक्षित सफर का एहसास कराया जा सके। -------- ऐसे तो निगम की ओर से ड्राइवर्स व कंडक्टर्स की समय-समय पर चेकिंग कराई जाती है, लेकिन वे लोग इस बात को स्वीकारते नहीं हैं। शराब पीकर कुछ देर हो जाने से शराब की महक भी कम हो जाती है। ब्रेथ एनालाइजर आ जाने ड्राइवर्स व कंडक्टर्स मशीन को धोखा नहीं दे सकेंगे। ऐसा पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। -महेश चंद, एआरएम, गोरखपुर डिपो