..पर सिस्टम की तो आंखें हैं
- न्याय के लिए भटक रहा दृष्टिबाधित बेचन
- पड़ोसी पर अवैध कब्जे का लगा रहा आरोप GORAKHPUR : इस जमाने में इंसाफ मिलना मुश्किल है। भला मिलेगा भी मिले कैसे जब गूंगा, बहरा और अंधा सिस्टम कुछ भी देखने, सुनने और बोलने को तैयार नहीं है। एक दृष्टिबाधित की फरियाद अफसरों के दफ्तर में दम तोड़ रही है। न्याय के लिए पीडि़त दरबदर भटक रहा है। आलम यह है कि दृष्टिबाधित की समस्या सिस्टम नहीं देख पा रहा। सिस्टम के अंधेपन से परेशानहाल पीडि़त खुद से ज्यादा बेबस सिस्टम को बता रहा है। अपनी जमीन के लिए परेशान बेचनमामला कैंट एरिया के रसूलपुर मोहल्ला निवासी बेचन का है। बचपन से दृ़ष्टिबाधित बेचन के पास पुस्तैनी भूमि है। बेचन का आरोप है कि वह अपने हिस्से की भूमि पर निर्माण करा रहा था। उसके अंधेपन का फायदा उठाकर कुछ लोगों ने निर्माण कार्य बंद करा दिया। दीवार न ढहाने पर जानमाल की धमकी दी। काम बंद होने से परेशान बेचन पुलिस से मदद मांगने गया। थाने पर उसकी फरियाद अनसुनी कर दी गई। इसके बाद वह न्याय के लिए दरबदर भटकने को मजबूर हो गया। डीएम, एसएसपी से लेकर सीएम तक उसने गुहार लगाई। लेकिन हर दर पर उसकी फरियाद अनसुनी कर दी गई। हर जगह से नाउम्मीद बेचन ने शुक्रवार की दोपहर प्रेस क्लब पहुंचकर अपनी व्यथा सुनाई। सिस्टम को कोसते हुए यहां तक कह दिया कि आंखों वाले अफसरों से बढि़या उसका अंधापन है। कम से कम बचपन से बंद आंखे सिस्टम की सच्चाई तो देख रही हैं।
बेचन के मामले का निस्तारण थाना दिवस पर संभव है। दोनों पक्षों को थाने बुलाकर बात की जाएगी। प्रकरण की जांच करके कार्रवाई की जाएगी। श्यामलाल यादव, एसओ कैंट