आजमगढ़ की तरफ बढ़ते सियासी कदमों पर पुलिस का पहरा
-आजमगढ़ में हुई घटना के बाद जा रहा था भाजपा का प्रतिनिधिमंडल, झंगहा पुलिस ने अरेस्ट कर बिठाया
-गिरफ्तारी पर शहर के विभिन्न संगठनों ने जताया रोष JHANGHA: आजमगढ़ के निजामाबाद थाना क्षेत्र के खुदादादपुर गांव में दो वर्गो के बीच हुए बवाल पर राजनीति शुरू हो गई है। सोमवार को आजमगढ़ जा रहे भाजपा के प्रतिनिधि मंडल को झंगहा थाना क्षेत्र के मोतीराम अड्डा में अरेस्ट कर लिया गया। पुलिस ने माहौल की संवेदनशीलता को देखते हुए एहतियाती तौर पर यह कदम उठाया है। प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों में प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री शिव प्रताप शुक्ल, नगर विधायक डॉ। राधामोहनदास अग्रवाल के साथ चिरंजीव चौरसिया, रमेश गुप्ता व जितेन्द्र राय शामिल हैं। गिरफ्तारी चौरीचौरा एसडीएम के आदेश पर हुई। पुलिस ने लगभग दो घंटे तक दोनों नेताओं और उनके समर्थकों को थाने पर बिठाने के बाद उन्हें छोड़ दिया। प्रदेश सरकार की मंशा साफ नहींपूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष शिव प्रताप शुक्ल ने इस अवसर पर कहा कि आजमगढ़ में दो वर्गो में बवाल होता है और वहां किसी भी पार्टी के अन्य नेता को प्रशासन जाने नहीं देती है। ऐसे में साफ हो गया है कि प्रदेश सरकार का मन काला है। प्रदेश में बवाल कराने का कार्य कर रही है। वहीं नगर विधायक डॉ। राधामोहनदास अग्रवाल ने कहा कि आजमगढ़ में हुई घटना को प्रदेश सरकार छिपाना चाहती है। इसलिए हम लोग प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर आजमगढ़ हकीकत जानने जा रहे थे, जिस पर हम लोगों को थाने में बैठा लिया गया है। वहीं दोनों नेताओं और समर्थकों की थाने में बैठाए जाने की सूचना शहर में पहुंचते ही हड़कंप मच गया है और सैकड़ों की संख्या में भाजपा समर्थन थाने पर पहुंच कर घेराव कर दिया। घेराव करने वालों में प्रमुख रूप से भाजपा जिलाध्यक्ष जनार्धन तिवारी, पूर्व डीजीपी व भाजपा नेता बृजलाल, भाजपा नेत्री संगीता यादव, राजेश निषाद, इन्द्रजीत जायसवाल, सुभाष पासवान, अशोक राय, सुनील जायसवाल, राकेश राय, समरजीत पासवान, विजय पासवान सहित कई अन्य लोग शामिल रहे।
भाजपा ने जताई आपत्ति नेताओं को आजमगढ़ जाने से पहले रोकने पर भाजपा ने बैठक करके प्रशासन के इस कार्य की निंदा की। बैठक में मुख्य रूप से शिव कुमार पाठक, दुर्गा राय सहित कई अन्य लोग शामिल हुए। वर्जन शासन के निर्देश पर भाजपा प्रतिनिधि मंडल को आजमगढ़ जाने के पहले ही मोतीराम अड़्डा में बैठाया गया। शासन की अंदेशा था कि यह लोग वहां जाकर गांव का आपसी माहौल खराब करते। हरिश्चंद्र सिंह, एसडीएम चौरीचौरा