सीट तय नहीं फिर भी खोज रहे प्रत्याशी
- हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता भी चुनाव लड़ने की तैयारी में
- प्रदेश कार्यालय पर जमा करवाए जा रहे अप्लिकेशंस - भाजपा भी लिस्ट भी है तैयार, आज होगी जारी GORAKHPUR : जिला पंचायत चुनाव को लेकर पूरे जिले में सरगर्मी शुरू हो गई है। पूरे साल गलबहियां करने वाले दल भी अलग-अलग चुनाव लड़ने की तैयारी में है। लोकसभा चुनावों में जोरदार जीत के बाद उत्साह से लबरेज भारतीय जनता पार्टी और हिन्दू युवा वाहिनी, एक बार फिर त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में आमने-सामने हो सकती हैं। पार्टी के पदाधिकारी इस बात से इंकार कर रहे हैं कि दोनों दलों में कोई मतभेद है, लेकिन सीटों के बंटवारे के बिना ही दोनों ही दलों ने उम्मीदवारों से आवेदन मांगे हैं। सीटों के निर्धारण के बिना दोनों पार्टियों के बीच चुनाव के वक्त तनातनी देखने को मिल सकती है। अंदरखाने अलग-अलग सुरभाजपा और हियुवा के बीच कई ब्लॉक में खींचतान देखने को मिलेगी। पिपरौली, खोराबार, पिपराइच और खजनी ब्लॉक में पड़ने वाले 16 वार्डो में दोनों के बीच दूरियां नजर आ रही हैं। हियुवा के एक प्रदेश प्रभारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन एरियाज में हर वक्त हियुवा के कार्यकर्ता संघर्ष करते हैं। ऐसे में चुनाव के वक्त उन्हें ही प्राथमिकता मिलनी चाहिए। वहीं भाजपा के एक जिला पदाधिकारी का कहना है कि भाजपा एक राजनैतिक संगठन है। अगर वह अपने कार्यकर्ताओं के बजाय किसी और को चुनाव लड़ाती है तो ये गलत होगा।
नई नहीं ये तकरार भाजपा और हिन्दू युवा वाहिनी के बीच चुनावों के वक्त विवाद की स्थिति पहले भी बनती रही है। - 2002 के विधान सभा चुनाव में भाजपा और हियुवा में पहली बार दूरियां सामने आई। भाजपा ने पूर्व मंत्री शिव प्रताप शुक्ल को गोरखपुर सदर से अपना प्रत्याशी बनाया तो हियुवा ने हिन्दू महासभा से मिलकर डॉ। राधा मोहनदास अग्रवाल को बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा। - 2007 के विधान सभा चुनाव में एक बार फिर मंदिर और भाजपा आमने-सामने आए। मंदिर ने हियुवा के 32 प्रत्याशियों की सूची भाजपा को दी। जिसमें से 5 प्रत्याशियों को टिकट देने पर हियुवा के मुख्य संरक्षक योगी आदित्यनाथ नाराज हो गए। योगी आदित्यनाथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा देकर गोरखपुर लौट आए। लाल कृष्ण आडवाणी के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझा और हियुवा के 9 कार्यकर्ताओं को भाजपा ने अपने झंडे तले जगह दी।- 2009 के लोकसभा चुनाव में में तीन सीटों को लेकर भाजपा और मंदिर आपस में टकराए। कुशीनगर, डुमरियागंज और बांसगांव लोकसभा सीट को लेकर दोनों में मतभेद खुलकर सामने आए। इस बार आरएसएस ने दखल दिया और हियुवा को कुशीनगर और मंदिर के कहने पर बांसगांव में कमलेश पासवान को टिकट मिला।
- 2012 के विधान सभा चुनाव में एक बार हियुवा और भाजपा में कई सीटों के लिए टकराव हुआ। बाद में कैंपियरगंज सीट पर समझौता तो हो गया, लेकिन बांसगांव में भाजपा ने लोकल सांसद की माता सुभावती पासवान को टिकट दिया तो हियुवा के प्रदेश महामंत्री रामलक्ष्मण ने निर्दल ही चुनाव में ताल ठोंक दी। भाजपा और हियुवा में कोई टकराव नहीं है। भाजपा और हियुवा मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हियुवा के जो कार्यकर्ता चुनाव लड़ना चाहते हैं, उनको प्रदेश कार्यालय पर अप्लीकेशन देने को कहा गया है। सुनील सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, हियुवा भाजपा ने अपने वार्ड और मंडल अध्यक्षों के माध्यम से प्रत्याशियों के अप्लीकेशन मंगाए थे। चुनाव समिति ने मंथन के बाद नाम तय करने शुरू कर दिए हैं। भाजपा की लिस्ट जल्द सामने आ जाएगी। जनार्दन तिवारी, जिलाध्यक्ष भाजपा