जिले में विधानसभा चुनाव निपटने के बाद पुलिस की व्यवस्था पटरी पर आने की उम्मीद थी. मतदान खत्म होने के बाद भी रूटीन कामों की प्रक्रिया अभी ट्रैक पर नहीं आ सकी है. थानों पर पहुंचने वाले फरियादियों को 10 मार्च के बाद ही बुलाया जा रहा है. एक तरफ जहां थानेदार अपने बिजी होने का हवाला दे रहे हैं. वहीं अधिकांश इलेक्शन का रिजल्ट आने के इंतजार में जुटे हैं. इस वजह से पुराने मामलों के निस्तारण में विलंब होने लगा है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। 19 फरवरी की रात गीडा, बाघागाड़ा निवासी डॉ। अश्वनी विश्वकर्मा अपने परिचित बबलू उर्फ विधायक और अश्वनी संग गोला में आयोजित एक शादी समारोह में शामिल होने गए थे। रात करीब एक बजे वह बारात से लौट रहे थे। तभी बेलीपार में कुसमौल मोड़ के पास फोर व्हीलर सवार मनबढ़ों ने डॉक्टर की कार पर हमला बोल दिया। लकड़ी के डंडों से कार का शीशा तोड़कर डॉक्टर सहित अन्य सभी सवारों को पीटकर उनकी चेन और नकदी लूट ले गए। इस मामले में डॉ। अश्वनी विश्वकर्मा ने केस दर्ज कराया। एसएसपी के हस्तक्षेप पर पुलिस ने लूट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया, लेकिन तब चुनाव का हवाला देकर पुलिस ने मामला टाल दिया। किसी आरोपित के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। मतदान खत्म होने के बाद जब डॉक्टर अश्वनी बेलीपार थाने पर गए तो पुलिस ने उनको 10 मार्च के बाद आने की सलाह दी। तभी से वह थाने का चक्कर काट रहे हैं। आरोप है कि पुलिस की लापरवाही से नामजद आरोपित लगातार जानमाल की धमकी दे रहे।केस-2: रेप के मामले में सोशल मीडिया पर गुहार लगा रही पीडि़त


20 फरवरी को चौरीचौरा एरिया की रहने वाली एक महिला ने पुलिस को सूचना दी। बताया कि उसके पति का निधन हो चुका है। वह घर में बच्चों संग रहती है। अकेली पाकर उसके साथ मोहल्ले के युवक ने रेप किया। इसकी शिकायत करने पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। चौरीचौरा पुलिस की लापरवाही से परेशान होकर महिला ने ट्विटर पर गुहार लगाई। मामले की जांच करने की बात कहकर चुनाव बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। इस मामले में भी पुलिस प्रभावी कार्रवाई नहीं कर सकी।रिजल्ट का इंतजार कर रहे थानेदार चुनाव के बहाने थानों की पुलिस तमाम मामलों को टालती रही है। इलेक्शन खत्म होने के बाद अब काउंटिंग की बात कहीं जा रही है, लेकिन पब्लिक मान रही है कि थानेदार जानबूझकर मामले टरका रहे हैं। लोगों का यह भी कहना है कि थानेदार 10 मार्च बीतने का इंतजार कर रहे हैं। 10 मार्च के बाद यह तय हो जाएगा कि किसकी सरकार बनेगी। नई विधानसभा के गठन के साथ ही अफसरों की ट्रांसफर-पोस्ंिटग का सिलसिला भी शुरू होगा। इस चक्कर में कौन थानेदार बना रहेगा। कौन नहीं रहेगा। यह सोचकर भी थानेदार कार्रवाई से बचने लगे हैं। ऐसे में चुनाव आचार संहिता तरह के बहाने बनाकर थानेदार लोगों को टरका रहे हैं।सोशल मीडिया बना सहारा

विधानसभा इलेक्शन के दौरान पुलिस की व्यस्तता का हवाला थानेदार देते रहे हैं। इस वजह से अपनी पीड़ा सुनाने के लिए लोग सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। पिछले एक हफ्ते के भीतर आधा दर्जन से ऐसे मामले में सामने आए हैं जिनमें थानेदारों पर कार्रवाई न करने के आरोप लगाते हुए पीडि़तों ने शिकायत दर्ज कराई है। ऐसे प्रकरण सामने आने पर एसएसपी मीडिया सेल संबंधित लोगों को कार्रवाई का निर्देश जारी कर रही है।वर्जन पेडिंग मामलों की समीक्षा की जाएगी। आरोपितों की गिरफ्तारी सहित अन्य आवश्यक कामों को पूरा करने में कोई हीलाहवाली होने पर कार्रवाई होगी। लंबित मुकदमों का निस्तारण भी कराया जाएगा। डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी गोरखपुर

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