बडगो रोड जाएंगे तो झटके खाएंगे
- पिछले कई साल से इस एरिया के सड़कों का नहीं हुआ निर्माण
- रोड निर्माण के लिए इस एरिया में सबसे अधिक हुए हैं आंदोलन GORAKHPUR: पब्लिक से जुड़ी समस्याओं को लेकर भेदभाव देखना हो तो कभी वार्ड नं 69 महुईसुघपुर के एरिया में चले आइए। यहां एक ही पार्षद होने के बाद भी जमकर भेदभाव होता है। इस भेदभाव का परिणाम यह है कि एरिया की प्रमुख सड़क बडगो रोड पूरी तरह से टूट चुकी है। मोहल्लों में पार्षद वहीं काम कराते हैं जहां से उनको वोट मिला है। मोहल्ले की प्रमुख कॉलोनी शिवाजी नगर के नाले की सफाई कई साल से हुई ही नहीं है। कुछ नालों की सफाई हुई थी, लेकिन उसका निकला सिल्ट नाले के किनारे रखकर छोड़ दिया गया। शुरुआत अच्छी, अंदर गड्ढेबडगो एरिया में एक और आश्चर्य देखने को मिलता है। एरिया की शुरुआत की रोड बहुत अच्छी है। लेकिन अंदर जाते ही रोड पर गड्ढे ही गड्ढे देखने को मिलते हैं। आजाद चौक से बरनवाल क्लीनिक तक रोड पर खड़ंजा बिछाया गया है और उसके बाद फिर रोड चकाचक है, लेकिन दुर्गा चौक के बाद फिर रोड खंडहर में तब्दील हो जाती है। यही हाल शिवाजी नगर कॉलोनी का है। कॉलोनी की शुरुआत की रोड चकाचक है, लेकिन अंदर रोड पर केवल गड्ढे ही गड्ढे मिलते हैं।
जहां से वोट मिला है, वहीं होगा काम वार्ड नं 69 महुईसुघरपुर और उसकी सीमा से सटे तीनों गांवों में विकास को लेकर जमकर भेदभाव किया जाता है। वार्ड नं 69 के प्रकाश मेडिकल स्टोर के पीछे रहने वाले दीपक दुबे का कहना है कि यहां के पार्षद प्रतिनिधि तो लोगों को खुलेआम बोलते हैं कि जिस मोहल्ले से वोट नहीं मिला है, वहां काम नहीं होगा। पिछले एक साल से बडगो रोड और फुलवरिया गांव बरसात होते ही जल-जमाव की चपेट में आ जाता है। हालत यह होती है कि साल के तीन माह आजाद नगर पुलिस चौकी पर ताला लगा रहता है। बरसात समाप्त होने के बाद पब्लिक के लिए एक और बड़ी समस्या, टूटी हुई रोड स्वागत करते मिलती है। पिछले तीन माह में इस एरिया में रोड निर्माण को लेकर कम से कम एक दर्जन बार आंदोलन हो चुका है। हाल ही में एक ठेकेदार इस एरिया में गिट्टी गिराकर छोड़ गया था। जब पब्लिक ने चक्का जाम किया तो अधिकारी आए और रोड बनाने का आश्वासन दिया।वर्तमान पार्षद कोई काम नहीं करते। वह अपने काम में ही व्यस्त रहते हैं। इस कारण हालात यह हो जाती है कि एक भी काम नहीं होते हैं। पार्षद के काम न कराने के कारण पूरा वार्ड खंडहर में तब्दील हो गया है।
-वीरेंद्र निषाद, रहवासी मेरे वार्ड का पार्षद केवल अपने मोहल्ले का पार्षद है। जब हम लोग अपने मोहल्ले की समस्या लेकर पार्षद के पास जाते हैं तो वह यही कहती हैं कि वहां से मुझे वोट नहीं मिला है, इसलिए हम काम नहीं कराएंगे। -दीपक दुबे, रहवासी रोड टूटी हुई होने के कारण बच्चों और बुजुर्गो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिम्मेदारों की लापरवाही और भेदभाव का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है। कई बार तो बच्चों का हाथ भी टूट जाता है। -कुमारी रीता गुप्ता, स्टूडेंट्स बॉर्डर का दर्द क्या होता है ये देखना हो तो बडगो रोड, फुलवरिया में आकर लोग देख सकते हैं। आधे-अधूरे निर्माण कार्य ने लोगों का जीन हराम कर दिया है। रात को आधी रोड उजाले में रहती है तो आधी रोड पर अंधेरा छाया रहता है। -लंबे-लंबे वादे करने के बाद काम न करने का सबसे अच्छा उदाहरण नगर निगम का बडगो रोड और फुलवरिया एरिया में देखने को मिलती है। बरसात के समय तो इस एरिया की 90 प्रतिशत सड़कों पर जल जमाव की हालत बन जाती है।