वाराणसी हाइवे पर 40 करोड़ के गड्ढे
- एक साल में ही गड्ढे में बदल गई एनएच-29 की सूरत
- गड्ढों की वजह से आए दिन पलट जाती है गाडि़यां, लगता है जाम GORAKHPUR: गोरखपुर से वाराणसी की राह लगातार तंग होती जा रही है। हालत यह है कि इन राहों से गुजरने पर कमर टूटना तय है। एनएच-29 गोरखपुर-वाराणसी हाइवे से डेली हजारों गाडि़यां गुजरती हैं, जिसे देखते हुए शासन ने इस रोड की मरम्मत शुरू कराई। इसमें 40 करोड़ रुपए खर्च भी हो गए, लेकिन आज भी इन राहों की हालत जस की तस है। मरम्मत किस लेवल की हुई है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महज अभी एक साल भी नहीं बीते कि सड़क पर जगह-जगह गड्ढे होने लगे हैं। जिससे कि आए दिन दुर्घटना और जाम की समस्या खड़ी हो रही है। खराब रोड की वजह से पलटा ट्रकहाइवे की मरम्मत के गोरखपुराइट्स को काफी उम्मीद थी कि अब वाराणसी की राह भी आसान हो जाएगी। सीरियस पेशेंट्स भी बीएचयू की दौड़ लगा सकेंगे, लेकिन जिम्मेदारों ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। सड़कों की हालत ठीक होना तो दूर, उनकी परेशानी और भी बढ़ गई। सैटर्डे नाइट इंडियन ऑयल का एक ट्रक रूट पर बने गड्ढों का शिकार हो गई। बेलीपार एरिया में गैस सिलेंडर से भरी यह ट्रक पलट गई, जिससे राह की दुश्वारियां और भी बढ़ गई। इतना ही नहीं पिछले कुछ महीनों की बात करें तो इस हाइवे पर इस तरह की करीब आधा दर्जन घटनाएं हो चुकी है।
रिपेयरिंग पर खर्च हुए 40 करोड़गोरखपुर-वाराणसी हाइवे के बीच 25 किलोमीटर की सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। इसमें 40 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए, लेकिन हालत उसके बाद भी नहीं सुधरी। इसका काम एनएचएआई ने निजी कांस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था, जबकि 33 किलोमीटर की रिपेयरिंग का काम लखनऊ की एक प्राइवेट कंपनी ने किया। इसकी समय सीमा अप्रैल 2014 तय की गई थी, लेकिन निर्धारित समय सीमा तक इस काम को पूरा नहीं कराया जा सका। लोकसभा इलेक्शन के चलते काम जल्द ही पूरा कराने का प्रेशर बना तो इन कंपनियों से आनन-फानन में किसी तरह रिपेयरिंग का काम तो पूरा कर दिया, लेकिन इसका खामियाजा आज इन राहों से गुजरने वाले राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है। पनाह मांगने लगे हैं लोगएनएच-29 की हालत कुछ इस तरह हो गई है कि लोग इस रूट से पनाह मांगने लगे हैं। अगर उन्हें वाराणसी की राह पकड़ती है, तो वह ट्रेंस को ही तवज्जो देते हैं। मगर जिनको मजबूरी में इस रास्ते से गुजरना पड़ता है, वह यही दुआ कर रहे हैं कि दोबारा इस सड़क से न गुजरना पड़े। गड्ढों में तब्दील इस सड़क से गुजरने वाले लोगो पर जाम और जान दोनों का ही खतरा बना रहता है।
कहां हुआ कितना कामइस सड़क के मेनटेनेंस और रीन्यूअल के लिए दोहरीघाट में हॉट मिक्स प्लांट लगाया गया। इस तरह बड़हलगंज, गगहा, मंझगांवा, बेलीपार, डंवरपार में पैचिंग का काम किया गया। इसके साथ ही गोरखपुर में 23.61 और मऊ में 9 किलोमीटर की सड़क पर रिपेयरिंग का काम किया गया। एक महीने में एनएच- 29 पर हुई कुछ घटनाएं- 20 जुलाई्र को बेलीपार एरिया में गैस सिलेंडर से भरी ट्रक पलटने से 4 घंटे लगा जाम- करीब 15 दिन पहले सड़क हादसे में महीला की मौत के बाद पब्लिक ने घंटों लगाया जाम- 29 अगस्त को बेलीपार एरिया में गैस सिलेंडर से भरी ट्रक पलट गई। घटों लगा जाम हाइवे से रिलेटेड रोड का काम जिला प्रशासन नहीं एनएचआई के अंडर में होता है। फिर अगर इस तरह की शिकायत मिली तो दोषियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।रंजन कुमार, डीएममुझे इस बात की पूरी जानकारी है। बारिश के कारण सड़कें कुछ जगहों पर टूट गई है। जो पत्थर मेंटेनेंस के काम में यूज किया गया था वह उखड़ने लगा है। जिन कंपनियों को कंस्ट्रक्शन का काम सौंपा गया था, उनके एग्रीमेंट में पूरी 2 साल की वारंटी की भी शर्त रखी गई है। बरसात खत्म होते ही जिम्मेदार कंस्ट्रकशन कंपनियों से इस हाइवे को फिर से सही कराया जाएगा।
-एके कुशवाहा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचआई