साहब की आखिर कब पड़ेगी यहां नजर
- अवस्थापना निधि खर्च होने के बाद भी एक दर्जन से अधिक सड़कों की हालत खराब
- बारिश के बाद टूटी सड़कें कर रहीं लोगों का चलना मुश्किल GORAKHPUR: नगर निगम निर्माण के नाम पर शहर में लाखों खर्च कर रहा है। इसे लेकर जिम्मेदार अपनी पीठ भी खूब थपथपा रहे हैं। लेकिन हकीकत इससे इतर है। अवस्थापना निधि की राशि खर्च होने के बाद अभी भी शहर की एक दर्जन से अधिक सड़कें खस्ताहाल ही पड़ी हैं। हालात ये हैं कि बारिश के मौसम में टूटी इन सड़कों को तीन माह भी दुरुस्त नहीं किया जा सका है। चेतना तिराहा - दो लाख से अधिक लोग इस रास्ते से गुजरते हैंइंदिरा बाल विहार शहर के लोगों के फेवरेट इवनिंग स्पॉट्स में से एक है। लोग अक्सर यहां कॉफी, नाश्ते आदि के लिए आते हैं। इसे गोलघर की रोड से जोड़ने वाले चेतना तिराहे की रोड की बात करें तो यहां केवल गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं। लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है।
गांधी आश्रम, गोलघर - पांच लाख से अधिक लोग इस रास्ते से गुजरते हैंये शहर की सबसे प्रमुख रोड है। इस सड़क से डेली कम से कम पांच लाख लोग गुजरते हैं। आठ से नौ माह पहले इसकी मरम्मत हुई लेकिन कार्य अधूरा ही रह गया। अधूरी बनी रोड अब पब्लिक के लिए सांसत पैदा करने लगी है। स्थिति यह है कि रोड पर गड्ढों से बचने की कोशिश में वाहन सवार इधर-उधर घूमते हैं, जिस कारण कई बार दुर्घटना हो जाती है। वहीं कई बार यह गड्ढे जाम का कारण भी बन जाते हैं।
गणेश चौराहा - तीन लाख से अधिक लोग इस चौराहे से गुजरते हैं शहर के सबसे पुराने और प्रमुख चौराहों में इसकी गिनती होती है। सिटी में मार्केट करने आने वाले 60 प्रतिशत से अधिक लोग इस चौराहे से गुजरते हैं। इस चौराहे के मोड़ पर बने गड्ढे के कारण डेली जाम लगता है। वहीं यहां से गुजरने वाले राहगीर पार्क रोड पर मुड़ते समय थोड़ी सी असावधानी होते ही गड्ढे में भरे पानी में गिर जाते हैं। योजना आई पर कार्य अधूरेशासन कई योजनाओं के तहत शहर के विकास के लिए पैसे भेजता रहता है। निकायों में कई बड़ी लागत की सड़कें होती हैं। इन्हें निकाय अपने बजट से बनाने की जगह शासन को प्रस्ताव भेज देता है और शासन उन सड़कों को अलग-अलग योजनाओं में शामिल कर बजट जारी करता है। इसी क्रम में अगस्त माह के पहले शहर की 13 सड़कों के प्रस्ताव को नगर निगम ने शासन को भेजा था। शासन की ओर से इन सड़कों के निर्माण के लिए नवंबर में अवस्थापना निधि का लगभग छह करोड़ रुपए जारी कर दिया गया।
बता रहे बजट की कमी नियमानुसार इस पैसे से नगर निगम को सड़कों की मरम्मत करानी थी। लेकिन इन 13 सड़कों पर कार्य तक नहीं हुआ। वहीं, इस संबंध में नगर निगम के जिम्मेदार बजट की कमी को कारण बता रहे हैं। नगर निगम के चीफ इंजीनियर सुरेश चंद का कहना है कि शासन से जो राशि मिली, उससे महत्वपूर्ण सड़कों की मरम्मत कराई गई। बाकी बची सड़कों के लिए और बजट की जरुरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए शासन को अवगत कराया गया है। बजट मिलते ही कार्य शुरू करा दिया जाएगा। विकल्प और भी हैंनगर निगम के जिम्मेदारों का बजट की कमी को कारण बताना ठीक तो है लेकिन इस पर सवाल भी उठते हैं। सवाल ये कि सड़क मरम्मत कार्य पैसों की कमी के चलते नहीं हो सका तो भी कम से कम कार्य के स्पॉट्स को चिन्हित तो किया जाना चाहिए था। जबकि ऐसा भी नहीं किया गया है। इसके अलावा किसी ठेकेदार को भी ये कार्य उधार पर दिया जा सकता था लेकिन इस बारे में निगम की ओर से कोई प्रयास नहीं किया गया।
ये सड़कें हैं बदहाल - बगहा बाबा रोड - दिव्यनगर की मेन रोड - इलाहीबाग रोड - हाइडिल कॉलोनी मोहद्दीपुर - दुर्गा मंदिर रोड रुस्तमपुर - खूनीपुर रोड - एल्यूमिनियम फैक्ट्री रोड - बशारतपुर रोड - शिवपुर सहबाजगंज रोड वर्जन जो पैसा मिला है, उसमें महत्वपूर्ण सड़कें बनाई जा रही हैं। बची सड़कों के लिए शासन से पैसा मांगा गया है। सुरेश चंद, चीफ इंजीनियर, नगर निगम