ट्रैफिक समस्या को लेकर होना होगा जागरूक
- शहर में लगने वाले जाम को लेकर चलाए गए कॉट इन अ जाम कैंपेन की जमकर हुई सराहना
- जीएमसी, ट्रैफिक पुलिस और जीडीए ने कैंपेन की सराहना करते हुए मातहतों को दिए आवश्यक निर्देश GORAKHPUR: शहर में लगने वाले जाम को लेकर आई नेक्स्ट की तरफ से चलाए गए कॉट इन अ जाम कैंपेन की चहुओर तारीफ हुई। इस क्रम में जीएमसी और ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक सिस्टम को सुदृढ़ करने का संकल्प लेते हुए कैंपेन की प्रशंसा की। 23 जून से शुरू हुआ था कैंपेनदरअसल, सिटी के विभिन्न चौराहों पर लगने वाले जाम को लेकर आई नेक्स्ट ने 23 जून से कॉट इन अ जाम कैंपेन चलाया। सिटी के प्रमुख चौराहों पर लगने वाले जाम में किस तरह गोरखपुराइट्स घंटों फंसे रहते हैं। और उनका महत्पूर्ण कार्य छूट जाता है। इसके अलावा कैंपेन के दौरान स्टोरी के माध्यम से शहर वासियों को न्वॉयज और एयर पॉल्यूशन के खतरे से भी आगाह किया। वहीं इन पॉल्यूशन के कारण होने वाली बीमारियों के बारे में लोगों को बताया तथा एक्सपर्ट के थ्रू जरूरी सुझाव भी दिए।
सराहना के साथ व्यवस्था को दुरुस्त करने की कही बातयहीं नहीं नगर आयुक्त ने आई नेक्स्ट के कैंपेन की सराहना के साथ-साथ ट्रैफिक व्यवस्था को और बेहतर करने की प्लानिंग करने की बात कही। वहीं ट्रैफिक पुलिस की माने तो हर चौराहों पर तैनात किए गए पुलिस कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह जाम के रीजंस दें और इन रीजंस को समाप्त करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर उसे शार्ट आउट करने की बात कही।
चहुओर ओर हुई प्रशंसा आई नेक्स्ट के इस कैंपेन की न सिर्फ लोगों ने प्रशंसा की बल्कि इस मुहिम के साथ जुड़कर यह भी संकल्प लिया कि जब तक हम जागरूक नहीं होंगे। तब जाम के झाम से निकल पाना बेहद मुश्किल है। इसके लिए हम सभी को जागरूक होना पड़ेगा। ट्रैफिक नियमों को अनदेखी करने के बजाय इसे सख्ती से फॉलो करना पड़ेगा। तभी जाकर हम एक कुशल नागरिक बन सकते हैं। आई नेक्स्ट की तरफ से चलाया गया यह कैंपेन बेहद सराहनीय है। लेकिन इतना जरूर कहना चाहूंगा कि शहर के कुछ प्रमुख चौराहों पर लगने वाले जाम से काफी दिक्कतें होती हैं। कई महत्वपूर्ण काम भी छूट जाते हैं। प्रशासन को इसके लिए मुस्तैद रहना होगा। डॉ। अजय शुक्लाकाफी अच्छा प्रयास था। मैं डेली आई नेक्स्ट पढ़ता हूं। जिन चौराहों की आई नेक्स्ट ने लाइव कवरेज की। वहां रीयली में बहुत जाम लगता है। जीडीए, जीएमसी और ट्रैफिक पुलिस को इस और ध्यान देना चाहिए। ताकि जाम की स्थिति न उत्पन्न हो सके।
प्रत्यूष दुबे यूनिवर्सिटी चौराहे पर अक्सर जाम लग जाता है। इसकी मेन वजह है बसेज और ऑटो वाले बीच सड़क पर ही सवारियां उतारने लगते हैं। इसके अलावा कई चौराहों पर लगने वाले जाम को लेकर चलाए गए कैंपेन से प्रशासन की नींद जरूर खुलेगी। यह बेहद सराहनीय कैंपेन रहा है। अलका त्रिपाठी सिटी में जाम न लगे इसके लिए लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। जब तक लोगों के भीतर टै्रफिक सेंस नहीं डेवलप होगा। तब तक जाम से निजात नहीं मिल पाएगी। इसलिए हम सभी को ट्रैफिक को लेकर जागरूक होना पड़ेगा। प्रिया त्रिपाठी एक्सपर्ट की सलाह आई नेक्स्ट की तरफ से चलाया गया कैंपेन कॉट इन अ जाम बेहद सराहनीय रहा। सिटी के प्रमुख चौराहों पर लगने वाले जाम को लेकर जिम्मेदार अफसर्स को मीटिंग कर यह तय करना होगा कि जाम लगने वाले एरियाज की सड़कों को 7.5 मीटर चौड़ा करा दें। इसके अलावा बीच में डिवाइडर बना दे। इसके लिए प्रतिनिधियों को इनिसिएटेवि लेवल पर आगे आना होगा।सतीश सिंह, एक्सपर्ट, सिविल इंजीनियर
एनक्रोचमेंट के चलते लगने वाले जाम को लेकर नगर निगम की तरफ से बराबर अभियान चलाया जाता है। आगे भी चलाया जाएगा। अगर कोई एनक्रोचमेंट करता है तो इसकी सूचना तत्काल प्रभाव से नगर निगम को दें। रहा सवाल पार्किग का तो इसके लिए कई जगहों को प्वाइंट आउट किया गया है। वहां पार्किग की व्यवस्था की जा रही है। जल्द ही कई और जगहों पर भी पार्किग की व्यवस्था कराई जाएगी। इसके अलावा शहर में लगने वाले जाम को लेकर शहरवासियों को भी जागरूक होना पड़ेगा। लोगों से सहयोग की अपील है। राजेश कुमार त्यागी, नगर आयुक्त, जीएमसी सिटी के 9 प्रमुख चौराहों की सड़कें जीडीए की तरफ से चौड़ी की जा रही हैं। इसके लिए 4.5 करोड़ का बजट भी निर्धारित है। बड़े ही तेजी से काम चल रहा है। इसके अलावा पथ प्रकाश के लिए एलईडी लगाए जा रहे हैं। निश्चित ही इन चौराहों पर लगने वाले जाम से लोगों को निजात मिलेगी। शिव श्याम मिश्रा, वीसी, जीडीए