अवार्ड पाकर खिले उठे चेहरे
- संस्थापक समारोह के अंतिम दिन पुरस्कार वितरण कार्यक्रम
- पुरस्कार वितरण में पुरस्कार पाकर खुश हुए प्रतिभागी GORAKHPUR : अगर मेहनत का फल मिले तो किसे खुशी नहींहोगी। ऐसा ही कुछ महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अंतिम दिन मुख्य महोत्सव में पुरस्कार वितरण प्रोग्राम में हुआ। हालांकि चीफ गेस्ट के तौर पर गर्वनर राम नाईक के आने से प्रतिभागी मायूस थे, क्योंकि राज्यपाल को हाथों से पुरस्कार मिलना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि थी। विशिष्ट अतिथि रहे डीडीयूजीयू के वीसी प्रो। अशोक कुमार के हाथों पुरस्कार पाकर पार्टिसिपेंट्स के चेहरे खिल उठे। करीब साढ़े म्भ्0 से अधिक पार्टिसिपेंट्स को नगद पुरस्कार, प्रमाण पत्र और शील्ड प्रदान किए गए। सवा छह सौ प्रतिभागियों को किया गया सम्मानितइस मौके पर विशिष्ट अतिथि रहे डीडीयूजीयू के वीसी प्रो। अशोक कुमार ने कहा कि गोरखपुर की पहचान नाथ पंथ के प्रधान वैश्विक केंद्र और लोक कल्याण के पर्याय श्रीगोरक्षनाथ मंदिर से है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की तरफ से आयोजित सारस्वत समारोह पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रतिभाओं को सम्मानित करने का अद्वितीय अनुष्ठान है। पुरस्कार लक्ष्य तक पहुंचने का सशक्त प्रोत्साहन है।
खो रहा है अनुशासनकार्यक्रम के अध्यक्ष गोरक्षपीठाधीश्वर और सदर सांसद महंत योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के बाद देश ने राष्ट्रीयता की भावना और जीवन में अनुशासन को खोया है। लेकिन हिंदु धर्म की विद्या 'योग' आत्मानुशासन पर ही टिकी है। आज लोकतंत्र लूटतंत्र का पर्याय बन चुका है। ऐसे वातावरण में श्रीगोरक्षपीठ और उसके द्वारा संचालित संस्था महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा एक सप्ताह का प्रोग्राम महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापकों श्रद्धा अर्पित करता है। साथ ही यह बच्चों का राष्ट्रवाद की मुख्यधारा में जोड़ने का अद्भुत अभियान है। उन्होंने कहा कि कोई भी अक्षर ऐसा नहीं है, जो मंत्र नहीं बन सकता। आवश्यकता है उसको एक सूत्र में पिरोने वाले विद्वानों की। कोई वनस्पति ऐसी नहीं है जिसमें औषधीय गुण नहीं, आवश्यकता है एक योग्य वैद्य की। मनुष्य ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है। इसमें कोई भी अयोग्य नहीं है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के शिक्षकों का मकसद है कि वे देश की भावी पीढ़ी को लोक कल्याण हेतु तैयार करना है।
समारोह में शामिल रहे लोगसमारोह में नगर विधायक डॉ। राधामोहन दास अग्रवाल, बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान, धर्मेद्र नाथ वर्मा, धर्मेद्र सिंह, प्रताप नारायण सिंह, डॉ। टीपी शाही, पारसनाथ मिश्रा, गोरख सिंह, प्यारे मोहन सरकार, चौधरी प्रमोद कुमार, डॉ। वाईडी सिंह, संत प्रसाद, शिव प्रताप शुक्ला, उपेंद्र दत्त शुक्ला, राकेश पहलवान, प्रांत प्रचारक मुकेश जी व राम जी शामिल रहे।