अप्रैल से लगेगी बायोमेट्रिक अटैंडडेंस
- इंडियन रेलवे ने बायोमेट्रिक सिस्टम को जनवरी में किया था इंट्रोड्यूस
- 26 जनवरी तक करना था इंप्लीमेंट GORAKHPUR : जुगाड़ के बल पर नौकरी कर रहे रेल एंप्लाइज के लिए अप्रैल से मुसीबत बढ़ने वाली है। इंडियन रेलवे की ओर से इंट्रोड्यूस किए गए बायोमेट्रिक अटैंडडेंस सिस्टम अप्रैल से वर्किंग कंडीशन में होंगे। मार्निग में आने के बाद ऑफिस से नदारद हो जाने वाले एंप्लाइज को ऑफिस पहुंचते ही बायोमेट्रिक अटैंडडेंस लगानी होगी, जिसके बाद ही वह ऑन ड्यूटी माने जाएंगे। इसके लिए रेल मिनिस्ट्री ने सभी रेलवे को जनवरी में लेटर भेज दिया था और इसे ख्म् जनवरी तक इंप्लीमेंट करने के निर्देश दिए थे, मगर उस दौरान प्रॉसेस तो स्टार्ट हो चुकी थी लेकिन इसका इंप्लीमेंट नहीं हो सका था। रुकेगी एंप्लाइज की मनमानीइंडियन रेलवे की इस पहल से नौकरी मिलने के बाद जुगाड़ के बल पर मौज काटने वाले एंप्लाइज पर शिकंजा कसेगा। इसकी सबसे खास बात यह है कि बायोमेट्रिक अटैंडनेस सिस्टम का यूज करने पर अटैंडनेस डेटा में किसी तरह की छेड़खानी नहीं हो सकेगी। एंप्लाइज कितने बजे ऑफिस पहुंच रहा है और कितने बजे ऑफिस छोड़ रहा है, यह आसानी से पता चल सकेगा। वहीं लेट आने वाले एंप्लाइज की भी पोल खुल जाएगी और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करना आसान हो जाएगा।
एक घंटा लेट होने पर हाफ डे रेलवे बोर्ड ने इस मामले में सख्ती बरतने के लिए कई और नियम बनाए हैं। इसके तहत अगर कोई एंप्लाइज एक घंटे लेट ऑफिस पहुंचता है, तो उसकी सैलरी, हाफ डे के हिसाब से बनाई जाएगी, वहीं ज्यादा देर होने पर उसकी कैजुअल लीव भी काटी जाएगी। लेटर में यह बात भी साफ है कि एक घंटे लेट पहुंचने पर एंप्लाइज को मंथ में सिर्फ दो बार ही हाफ डे चढ़ेगा, इसके बाद उनकी लीव मानी जाएगी और सीएल में से डिडक्ट होगी। सीएल न होने की कंडीशन में ईएल तक डिडक्ट करने की प्लानिंग की गई है। ज्यादा डिफॉल्टर एंप्लाइज के खिलाफ डिपार्टमेंटल एक्शन तक लिया जाएगा। वहीं टाइम से पहले घर जाने वाले एंप्लाइज के साथ भी यही रूल फॉलो होगा। आधार कार्ड आधारित बायोमेट्रिक मशीन लगाने की योजना पर काम चल रहा है। जल्द ही विभागों में मशीनें लग जाएगी और मशीन में ही कर्मचारी अपनी हाजिरी लगाएंगे। बायोमेट्रिक मशीन की हाजिरी ही मान्य होगी। - आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनईआर