नहीं बिकेगी संपत्ति, परिवार की भी जांच शुरू
- टेरर फंडिंग में एटीएस के निशाने पर नसीम ब्रदर्स के परिजन
- शामिल रहे व्यापारियों को भी पाबंद किए जाने की तैयारी GORAKHPUR: टेरर फंडिंग मामले में पकड़े गए नसीम व अरशद नईम के पिता नईम टेरर फंडिंग से कमाई गई संपत्ति भी नहीं बेच सकेंगे। इसके लिए भी एटीएस के निर्देश पर पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है। एटीएस अधिकारियों के मुताबिक नसीम बद्रर्स के परिवार के अन्य सदस्यों की भी जांच शुरू कर दी गई है। ताकि यह पता चल सके कि उनकी इस कारोबार में क्या भूमिका है। वहीं, एटीएस के मुताबिक आरोपी मुशर्रफ उर्फ निखिल राय और सुशील राय उर्फ अंकुर राय की कतिथ मां और बहन से भी एटीएस पूछताछ की जा चुकी है। इन दोनों को भी एटीएस इस कारोबार में मदद करने के लिए आरोपी बना सकती है। अब इन लोगों की बारीएटीएस अधिकारियों के मुताबिक टेरर फंडिंग और हवाला कारोबार में पकड़े गए आरोपियों के अलावा शहर के तमाम बड़े लोगों के नाम सामने आए हैं। इनमें बलदेव प्लाजा के कई बड़े व्यापारी भी शामिल हैं। ऐसे में एटीएस का मानना है कि गोरखपुर में बलदेव प्लाजा टेरर फंडिंग से लेकर हवाला कारोबार का केंद्र है। वहीं, इस मामले से जुड़े कुछ अन्य व्यापारियों को हिरासत में लेकर एटीएस पूछताछ भी कर चुकी है। अब टीम उनके इस कारोबार से जुड़े होने का सबूत इकट्ठा कर रही है। ताकि इन सफेदपोशों पर भी शिकंजा कसा जा सके। एटीएस के मुताबिक फिलहाल गोरखपुर में इस कारोबार से जुड़े लगभग एक दर्जन से अधिक लोगों के नाम सामने आए हैं। लेकिन इनमें तीन बड़े व्यापारियों की भूमिका एटीएस अधिक संदिग्ध मान रही है। इसके अलावा इन व्यापारियों में से एक का भाई जो नेपाल में रहता है पर भी एटीएस निगाह टिकाए हुए है। इन लोगों को पाबंद करने के लिए एटीएस ने पुलिस को निर्देशित किया है कि इनपर बराबर नजर रखी जाए। वहीं, शहर छोड़ने से पहले इन्हें पुलिस को सूचना देनी होगी। साथ ही इन्हें नोटिस देकर अब इनकापासपोर्ट भी जब्त किए जाएगा ताकि यह लोग विदेश न भागने पाएं।
बैंकों के ट्रांजेक्शन से खुलेने लगी पोलएटीएस अधिकारियों के मुताबिक अब तक जांच में टेरर फंडिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जितने भी बैंक खाते सामने आए हैं, उनकी डिटेल अब एटीएस के पास आना शुरू हो गई है। वहीं, दूसरी ओर सभी दस आरोपियों के जेल जाने के बाद शहर के कुछ और बड़े व्यापारियों पर भी एटीएस की कार्रवाई का खतरा मंडराने लगा है। अब तक की जांच में एटीएस ने पाकिस्तान वाया नेपाल-गोरखपुर कनेक्शन तो निकाल लिया है, वहीं आरोपियों के खिलाफ एक-दो नहीं बल्कि तमाम अहम सबूत भी इकट्ठा कर लिए हैं।
रिमांड बढ़ाने की भी तैयारी बता दें, टेरर फंडिंग के मामले में यूपी एटीएस ने बीते 24 मार्च को गोरखपुर सहित अलग-अलग शहरों से दस लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें बलदेव प्लाजा के दो बड़े मोबाइल कारोबारी सहित छह आरोपियों की गिरफ्तारी एटीएस ने गोरखपुर से ही किया था। जोकि अलग-अलग इलाकों में किराए का कमरा लेकर रहते थे। इसके बाद एटीएस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद कोर्ट के आदेश पर आरोपियों को पांच दिनों की ट्रांजिट रिमांड पर लिया था। सोमवार को आरोपियों की रिमांड का समय खत्म हो जाएगा। हालांकि इस बीच बीते शनिवार को एटीएस टीम आरोपियों को लेकर गोरखपुर भी आई थी और उनके ठिकानों से कई अहम सबूत भी हासिल की। एटीएस के मुताबिक अब तक की जांच और पूछताछ में इस नेटवर्क के बारे में तमाम बातें सामने आई हैं। बावजूद इसके इस नेटवर्क का पूरी तरह भंडाफोड़ करने के लिए एटीएस इनमें से कई आरोपियों की रिमांड बढ़ाने के लिए कोर्ट में अर्जी देगी। वर्जनअब तक की जांच में जो बातें सामने आई हैं, उसके आधार पर टेरर फंडिंग के पूरे नेटवर्क को तोड़ने के लिए टीम काम कर रही है। गोरखपुर के अलावा अन्य शहरों के कुछ लोगों पर एटीएस की नजर है। कुछ के खिलाफ सबूत मिले हैं और कुछ इकट्ठा किए जा रहे हैं। बैंकों से अकाउंट्स की डिटेल भी आ रही है। जिसके आधार पर इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जाएगा।
- असीम अरुण, आईजी, यूपी एटीएस