अब नहीं मिलेगा 'दोहरा दर्द'
- गोरखपुर में भी होगी आशा ज्योति केंद्र की स्थापना
- हिंसा की शिकार महिलाएं नहीं लगाएंगी थाने का चक्कर - उपचार के साथ- साथ मिलेगी मेडिकल जांच की सुविधाGORAKHPUR: हिंसा की शिकार महिलाओं को दोहरा दर्द उठाना पड़ता था। उसके साथ हुई घटना, उसके बाद थाने-पुलिस की दौड़ और फिर मेडिकल के लिए हजारों चक्कर। इसमें उनकी परेशानी काफी बढ़ जाती है। मगर अब ऐसा नहीं होगा। हिंसा की शिकार महिलाओं को अब न तो थाना-पुलिस का चक्कर लगाना पड़ेगा और न ही पीडि़त महिलाओं को उपचार के साथ-साथ मेडिकल जांच के लिए इधर-उधर भटकना पड़ेगा। यही नहीं मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस खुद पीडि़त महिलाओं के पास जाएगी। मजिस्ट्रेटी बयान के लिए कचहरी का चक्कर लगाने की झंझट नहीं होगी। प्रदेश सरकार की पहल पर इसके लिए जिले में आशा ज्योति केंद्र की स्थापना की जा रही है। 15 अगस्त को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में आशा ज्योति केंद्र का इनॉगरेशन किया जाएगा।
गोरखपुर के साथ 11 जिलों में बनेंगे आशा ज्योति केंद्रयूपी गवर्नमेंट ने रानी लक्ष्मी बाई आशा ज्योति केंद्र बनाने का निर्देश दिया है। गोरखपुर के साथ आगरा, बरेली, मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर, कन्नौज, लखनऊ, इलाहाबाद और वाराणसी में सेंटर्स बनेंगे। इन केंद्रों पर महिलाओं से जुड़ी सुविधाएं एक छत के नीचे मिलेंगी। हेल्पलाइन सेवाएं (1090 वूमेन पावर लाइन, 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन, 108 समाजवादी स्वास्थ्य सेवा) आपस में जुड़ी रहेंगी। सेल में मेडिकोलीगल और एफआईआर के साथ बैंकिग सेल की सुविधा भी मिलेगी।
कैपिसिटी बिल्डिंग सेल में होगी ट्रेनिंग आशा ज्योति केंद्र में कैपिसिटी बिल्डिंग सेल भी बनेगी। इस सेल में महिलाओं को विपरीत परिस्थितियों से निपटने की ट्रेनिंग मिलेगी। जुडो- कराटे, लाठी चलाकर बचाव के लिए महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग में माहिर महिलाएं जरूरत पड़ने पर अपनी सुरक्षा खुद से कर सकेंगी। कई अकेली होने पर महिलाएं शोहदों, मनचलों का शिकार हो जाती है। ट्रेंड होने पर वह बदमाशों का मुकाबला करने में सक्षम होंगी। महिला उत्पीड़न रोकने के लिए आशा ज्योति केंद्र की स्थापना की जा रही है। 15 अगस्त को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इसकी शुरूआत होगी। सेल में महिलाओं को उपचार के साथ-साथ सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। - समर बहादुर, जिला प्रोबेशन अधिकारी