यहां तो हर गली में घालमेल है
- तिवारीपुर में तीन गलियों में हुआ रोड और नाली बनाने में घालमेल
-पब्लिक के विरोध के बाद भी ठेकेदार ने बना दी खराब रोड GORAKHPUR: नगर निगम में इन दिनों रोड निर्माण के काम में जबरदस्त खेल हो रहा है। रोड के टेंडर के खेल में पार्षद, जेई और ठेकेदार शामिल हैं। स्थिति यह है कि रोड बनते बनते ही टूटने लगती है। इसका ताजा उदाहरण तिवारीपुर वार्ड में तीन गलियां है। वहां रोड और नाली निर्माण में जमकर खेल हुआ है। कहीं बजट की कमी बताकर क्वालिटी से समझौता किया गया है तो कहीं रोड को टुकड़ों बांट कर कोटेशन का खेल खेला गया है। एक लाख की नाली एक माह में टूटी स्थान- तिवारीपुर से मोहनलालपुर गली में नाली निर्माण लागत- लगभग क् लाख रुपएतिवारीपुर से मोहनलालपुर जाने वाली गली की दोनों तरफ नाली निर्माण का कार्य होना था। क् लाख रुपए में एक माह पहले नाली निर्माण भी हो गया, लेकिन वर्तमान में इसे देखकर कोई नहीं कह सकता है कि यह नाली एक माह पहले बनी है। एक जगह तो नाली की दीवार पूरी तरह से गिर कर नाली को ही जाम कर दिया है।
रोड बनने के बाद से ही जमी है कीचड़स्थान- गौरव विद्या मंदिर के पास से लेकर शिव मंदिर तक खडंजा निर्माण
लागत- लगभग 7.भ्0 लाख गौरव विद्या मंदिर के पास से शिव मंदिर के पास लगभग क्भ् फीट चौड़ी गली है। यह गली वर्षो से पगडंडी पड़ी थी। पिछले साल इसे खडंजा बनाने का काम शुरू हुआ, लेकिन अभी तक यह अधूरी है। यहां के एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि रोड बनने के कुछ ही दिन बाद उखड़ने लगी। इसको लेकर कई बार कंप्लेन की गई, लेकिन कोई सुनने को तैयार ही नहीं है। स्थिति यह है कि चार माह पहले बनी इस रोड पर गड्ढे बन गए हैं। जगह-जगह पानी जमा होने लगा है। इसके कारण लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां खेला गया है कोटेशन का खेल स्थान- जुबेर के घर से बशीर अहमद के घर तक खडंजा निर्माण लागत- लगभग 80 हजारइस रोड के निर्माण में कोटेशन का खेल होने की आशंका है। पहले रोड का टेंडर होता है, इससे जुड़ी एक गली के निर्माण का भी अनुबंध ठेकेदार के पास होता है। टेंडर के काम पूरा होने के कुछ ही बाद ही 80 हजार रुपए की कोटेशन की फाइल तैयार की जाती है। जब काम शुरू होता है तो पब्लिक देखकर चौंक जाती है। नए की जगह पुरानी ईट और क्0 बोरे बालू में एक बोरा सीमेंट का मसाला मिलाकर नाली बना दी जाती है। नाली बन कर तैयार हो गई, लेकिन स्थिति यह है कि नाली के प्लस्तर दो दिन बाद ही टूटने लगे हैं।
एक काम की दो फाइल नहीं बनानी चाहिए। जेई से इस संबंध में बात करके बता पाउंगा कि किन परिस्थिति में इस तरह की फाइल तैयार करके काम कराया गया है। एसके केसरी, चीफ इंजीनियर जीएमसी तिवारीपुर में जो भी काम हुए हैं, वह सही हुए हैं। मैं एक बार फिर से दिखवा लेता हूं, ठेकेदार को बोल दिया जाएगा कि काम सही करें। काली प्रसाद, जेई निर्माण विभाग नगर निगम पब्लिक बेवजह विरोध कर रही है। नगर निगम ने काम की जो फाइल तैयार की है, उसके अनुसार ही मैने काम करवाया है। इसकी कोई भी जांच करा सकता है। असरफ, ठेकेदार