अनमैंड क्रॉसिंग फिर बनी हादसे की वजह
- ट्रॉली ड्राइवर की लापरवाही से उड़े ट्रैक्टर ट्रॉली के परखच्चे
- तीन पैसेंजर घायल, ट्रॉली ड्राइवर फरार - रेलवे ने इस साल करीब 150 अनमैंड क्रॉसिंग बंद करने का लिया डिसीजनGORAKHPUR : मंडे को अनमैंड क्रॉसिंग एक बार फिर हादसे की वजह बन गई। गोरखपुर से नरकटियागंज जा रही भ्भ्ख्0ख् गोरखपुर-नरकटियागंज पैसेंजर्स एक ट्रैक्टर ट्रॉली से जा टकराई, जिसकी वजह से ट्रॉली के परखच्चे उड़ गए। इसके कुछ पार्ट्स इधर-उधर उड़कर ट्रेन की बोगियों के गेट पर बैठे पैसेंजर्स को लगे, जिससे फ् लोग घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए रेलवे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। रेल एडमिनिस्ट्रेशन के लिए अनमैंड क्रॉसिंग सिरदर्द बनती जा रही है। एक के बाद एक हादसों से रेलवे परेशान है, मगर इसका सॉल्युशन निकालने में अब तक वह नाकाम साबित हुए हैं। हालत यह है कि दिसंबर से लेकर मार्च तक अनमैंड क्रॉसिंग पर तीन हादसे हो चुके हैं, जिसमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है।
सुबह 7.फ्भ् पर हुई घटनाभ्भ्ख्0ख् गोरखपुर नरकटियागंज पैसेंजर्स अपने तय शेड्यूल 7.क्भ् मिनट पर गोरखपुर से नरकटियागंज के लिए रवाना हुई। करीब 7.फ्भ् पर जब वह कैंट स्टेशन से आगे उनौला के पास पहुंची तो वहीं एक अनमैंड क्रॉसिंग पर ट्रैक्टर ट्रॉली से जा टकराई। स्पीड तेज होने की वजह से ट्रॉली के परखच्चे उड़ गए। पैसेंजर्स की मानें तो जब ट्रेन थोड़ी दूर थी, तो इस दौरान ट्रॉली पटरी के बीच में पहुंच चुकी थी। इस बीच जब ड्राइवर ने रिवर्स करने की कोशिश की, तो ट्रैक्टर वहीं बंद पड़ गया। ट्रेन को करीब आता देख ट्रॉली का ड्राइवर फरार हो गया। ट्रेन की स्पीड इतनी थी कि वहां तक पहुंचते-पहुंचते जोरदार टक्कर हुई और ट्रॉली के टुकड़े इधर-उधर छिटक गए। इस दौरान टक्कर की वजह से इंजन भी बंद पड़ गया और उसमें से धुंआ निकलने लगा।
फ् पैसेंजर्स हो गए घायलस्पीड ज्यादा होने और जोरदार टक्कर की वजह से ट्रॉली के पार्ट इधर-उधर छटक गए। इस बीच पांचवीं बोगी में सफर कर रहे तीन पैसेंजर्स इनकी चपेट में आ गए और उनके पैरों में टुकड़े धंस गए, जिससे उनके पैरों से ब्लीडिंग होने लगी। ड्राइवर ने इसकी सूचना रेलवे ऑफिसर्स को दी, जिसके बाद करीब सवा 9 बजे वहां रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन की टीम एंबुलेंस के साथ पहुंच गई। घायलों को फौरन ही ललित नारायण मिश्र रेलवे हॉस्पिटल भेज दिया गया। इसके बाद इंजन को सही कराया गया, जिसके बाद क्0.ख्8 मिनट पर तय शेड्यूल से ख् घंटे ब्9 मिनट लेट ट्रेन उनौला पहुंची। इस दौरान उधर से गुजरने वाली कई ट्रेंस अफेक्टेड रहीं।
इस साल क्भ्0 अनमैंड क्रॉसिंग पर रहेगा फोकस इस मामले में सीपीआरओ आलोक कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे ऐसे हादसों को रोकने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है। इसके लिए न सिर्फ अवेयरनेस प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं, बल्कि एसएमएस, नुक्कड़ नाटक और एड के थ्रू भी लोगों को जागरुक किया जा रहा है। जो भी घटनाएं हो रही है, उसमें रेलवे की गलती न होकर गाड़ी के ड्राइवर की गलती ही सामने आई है। इसके बाद भी अब रेलवे इन क्रॉसिंग को मैंड करने के साथ ही कुछ को बंद करने की प्रॉसेस में लगा हुआ है। इससे कुछ हद तक घटनाओं की चांसेज कम होगी, वहीं नेक्स्ट इयर इनकी तादाद और भी बढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया कि रेलवे में टोटल ख्फ्भ्क् क्रॉसिंग हैं, जिनमें से क्07म् अनमैंड हैं। इसमें से इस साल भ्फ् मैंड क्रॉसिंग को मैंड कर दिया जाएगा, वहीं ब्9 क्रॉसिंग बंद कर दी जाएगी। चार मंथ में यह तीसरा हादसाब् दिसंबर - वाराणसी मंडल के शाहगंज-मऊ रेल डिविजन के अंडर आने वाले खुरहट-मऊ स्टेशन के बीच स्कूली बच्चों से भरी टाटा मैजिक पैसेंजर ट्रेन की जद में आ गई। इस घटना में भ् बच्चों की मौत हो गई, जबकि 8 घायल हो गए।
म् फरवरी - मुजफ्फरपुर से गोरखपुर आ रही क्ख्भ्भ्7 सप्तक्रांति एक्सप्रेस से एक ट्रैक्टर ट्रॉली टकरा गई, इसकी वजह से ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई। इस दौरान रूट काफी देर तक डिस्टर्ब रहा। 9 मार्च - भ्भ्ख्0ख् गोरखपुर-नरकटियागंज पैसेंजर ट्रैक्टर ट्रॉली से टकराई, फ् घायल। गोरखपुर कैंट और उनौला के बीच अनमैन लेवल क्रॉसिंग पर भ्भ्ख्0ख् गोरखपुर-नरकटियागंज पैसेंजर एक ट्रॉली से टकरा गई है। इसमें ट्रॉली ड्राइवर की गलती सामने आई है। घायलों को रेलवे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ मैं चकया जा रहा था। काफी भीड़ थी, जिसकी वजह से मैं गेट के पास ही खड़ा था। इससे ट्रॉली से उड़कर आया लोहे का टुकड़ा पैर पर लग गया और पैर टूट गया। मानिक चंद्र, मदुरापुर, मोतीहारी मुझे खड्डा जाना था। ट्रेन में भीड़ होने की वजह से मैं गेट पर ही बैठ गया। इस बीच एक ट्रॉली मेन ट्रैक पर पहुंचते ही बंद हो गई, जिसकी वजह से ड्राइवर वहां से कूदकर भाग गया। जबरदस्त टक्कर होने की वजह से कुछ पार्ट्स उड़े और मुझे चोट लग गई। दीपक सिंह, एवी कॉलोनी, महादेव झारखंडीमुझे चकया जाना था और मैं भी गेट के पास ही बैठा था। टक्कर का तो हमें पता नहीं चला, क्योंकि मैं इंजन के पीछे पांचवीं बोगी में था। इस बीच लोहे का एक टुकड़ा उड़कर पैरों पर लग गया, जिसकी वजह से चोट लग गई।
सुभाष, मदुरापुर, मोतीहारी