बैंक को नहीं पता, कौन ले गया रुपए
- असली ग्राहक के पहुंचने पर हुआ खुलासा
- कार्पोरेशन बैंक की घटना, हिरासत में कर्मचारी GORAKHPUR : सिनेमा रोड स्थित कार्पोरेशन बैंक में फर्जी सिग्नेचर के सहारे जालसाजों ने ख्8 लाख म्0 हजार की निकासी कर ली। फ्राइडे को जब असली ग्राहक बैंक पहुंचे तो उनको फर्जीवाड़े की जानकारी हुई। शिकायत करने पर बैंक कर्मचारियों ने ग्राहक को धमकाना शुरू कर दिया। हंगामा होने पर एसपी सिटी पहुंच गए। पुलिस ने पूछताछ के लिए कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया। पीडि़त ग्राहक ने तहरीर देकर बैंक कर्मचारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। नकली सिग्नेचर बनाकर निकाल ले गए रुपएसाहबगंज निवासी विनोद जालान चायपत्ती का बिजनेस करते हैं। सिनेमा रोड स्थित कार्पोरेशन बैंक में उन्होंने फिक्स डिपाजिट किया था। पांच मई को मेच्योरिटी की डेट पूरी हुई। छह मई को विमल के एकाउंट में रुपए क्रेडिट हुए। टीडीएस काटकर फ्क् लाख फ्ख् हजार की रकम ट्रांसफर हुई। जालान फैमिली ने किसी प्रापर्टी डीलर से भूमि का सौदा तय किया था। फ्राइडे को बैंक में रुपए लेने पहुंचे। चेक देने पर पता चला कि उनके खाते से छह मई को ख्8 लाख म्0 हजार निकल चुके हैं।
क्ख् मिनट में निकाल ले गए ख्8 लाख रुपएरुपए निकलने की जानकारी होने पर विनोद के होश उड़ गए। उन्होंने बैंक कर्मचारियों से बात की। बैंक वालों ने उनको अर्दब में लेना शुरू कर दिया। विनोद ने पुलिस को सूचना दी। जांच शुरू हुई तो एकाउंट डिटेल निकाली गई। डिटेल में सामने आया कि छह मई को एकाउंट में फ्क् लाख फ्ख् हजार रुपए क्रेडिट हुए। सुबह क्0 बजकर ख्8 मिनट पर रुपए ट्रांसफर हुए। क्0 बजकर ब्0 मिनट पर ख्8 लाख म्0 हजार की निकासी हो गई।
नया मैन्युअल चेक इश्यू कराकर किया खेल जांच में सामने आया कि पांच मई को बैंक में चेकबुक खोने की एप्लीकेशन दी गई। एप्लीकेशन देने वाले को बैंक से मैन्युअल चेक बुक इश्यू कर दिया गया। उसी चेकबुक के सहारे छह मई को निकासी गई। इतनी अधिक रकम की निकासी पर किसी दस्तावेज की फोटोकापी नहीं जमा कराई गई। बैंक के सीनियर अफसरों की टीम लखनऊ से गोरखपुर आकर जांच करेगी। पुलिस के निर्देश बैंक में हुए हवा हवाईरुपए किसने निकाले हैं, इसका कोई जवाब बैंक कर्मचारियों के पास नहीं था। बैंक में लगा सीसीटीवी कैमरा करीब एक माह से खराब पड़ा है। एसएसपी प्रदीप कुमार ने बैंक और सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया है। बावजूद इसके सीसीटीवी कैमरे ठीक नहीं कराए गए। बैंक के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे रुपए निकालने वाले की पहचान हो सके। चेक नया लेने, रुपए निकालने गए लोगों से कर्मचारियों ने कोई सवाल जवाब नहीं किया। एसपी सिटी हेमंत कुटियाल ने मामले को संदिग्ध माना। उन्होंने सीनियर मैनेजर, असिस्टेंट मैनेजर और कैशियर से पूछताछ को कहा।
बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत के इतना बड़ा खेल संभव नहीं है। कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है। सीनियर अफसर मामले की जांच के लिए आ रहे हैं। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। श्रीधराचार्य, एसएचओ, थाना कैंट