अलविदा, ऐ माह-ए-रमजान अलविदा
- सिटी में अदा की गई रमजान के आखिरी जुमा अलविदा की नमाज
- मस्जिद में उमड़ी नमाजियों की भीड़, मांगी अमन के साथ बाराने रहमत की दुआएंGORAKHPUR: माह-ए-रमजान के आखिरी जुमा यानि अलविदा पर शहर की तमाम मस्जिद नमाजियों से भरीं थीं। हर आंखों में जहां रमजान के जाने का गम था, वहीं लबों और हाथ बारगाहे इलाही में अपनी मगफिरत के लिए उठे हुए थे। सुबह होने के साथ ही जुमा का गुस्ल कर लोग अलविदा की तैयारियों में मशगूल हो गए। मस्जिद में नमाज शुरू होने से काफी पहले पहुंचे और यहां इबादत में मश्गूल हो गए। सुन्नतें अदा कीं, सलातुल तस्बीह पढ़ी, कुरआन की तिलावत की और अपने गुनाहों की माफी तलब की। मुकद्दस रमजान माह के आखिरी जुमा की नमाज शहर की 235 मस्जिदों में अदा की गई। इस दौरान सभी ने देश में अमन चैन, तरक्की व दुनिया में मुसलमानों पर हो रहे जुल्म को रोकने की खुदा से रो-रो कर इल्तिजा की। साथ ही बारगाहे खुदावंदी में बाराने रहमत की दुआ की।
ईद जैसा था नजाराजमातुल विदा यानि कि अलविदा के मौके पर मस्जिदों में ईद जैसा नजारा था। नमाज से पहले जमातुल विदा का खुतबा पढ़ा गया। उसमें रमजान के फजायल बयां किए गए। रमजान के जाने का दर्द बयां किया। जिसको जहां जगह मिली वहां पर बैठकर खुदा की इबादत शुरू कर दी। अजान होने से पहले मस्जिदें भरनी शुरू हो गई। अजान तक मस्जिदें पूरी भर गई। जिसकी वजह से कई जगह लोगो को सड़कों का सहारा लेना पड़ा और सड़कों पर नमाजियों की कतारें लग गई। यह नजारा मुबारक खां शहीद मदीना मस्जिद रेती, शाही जामा मस्जिद उर्दू बाजार, जामा मस्जिद रसूलपुर सहित तमाम मस्जिदों में नजर आया।
नमाज से पहले हुई तकरीर जामा मस्जिद उर्दू बाजार के इमाम मौलाना अब्दुल जलील मजहरी ने जकात व फित्रा पर रोशनी डाली। जामा मस्जिद अबु बाजार उचवां में इमाम हाफिज नसरूद्दीन अंसारी ने शब-ए-कद्र के फजायल बयान किए। उन्होंने बताया कि अब महज दो शबे कद्र और बची हुई हैं। इस दौरान अल्लाह खुद अपने बंदो से माफी तलब करता है। जहन्नम से आजादी मिलने वाले इस अशरे को यूं ही जाया न होने दें। गाजी मस्जिद गाजी रौजा में मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कहा कि आपसी भाईचारा को कायम रखिए। फित्रा और जकात जल्द निकाल दीजिए। पेश इमाम हाफिज रेयाज अहमद ने जुमा का खुत्बा पढ़ा इसके बाद नमाज पढ़ाई। चुस्त-दुरुस्त थी सुरक्षाअलविदा की नमाज को लेकर जिला पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आया। हर मस्जिद और चौराहों पर पुलिस बल मुस्तैद नजर आए। इस दौरान मस्जिदों की निगरानी कैमरे की मदद से की गई। पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारी शहर भर में गश्त कर मौके की जानकारी लेते रहे।