बीते लम्हों को याद करने पहुंचे बीआरडीयंस
- बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑर्गनाइज हुई एल्युमिनाई मीट
- 1990 बैच के एमबीबीएस स्टूडेंट्स ने मनाया सिल्वर जुबिली समारोह - डाक्टर्स के सम्मान के साथ-साथ सांस्कृतिक समारोह का हुआ आयोजनGORAKHPUR: 'बीते हुए लम्हो की कसक याद तो होगी', मजरूह सुल्तानपुरी का यह नगमा मेडिकल कॉलेज में गूंज रहा था। मौका था बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑर्गनाइज एल्युमिनाई मीट का, जहां 1990 बैच के एमबीबीएस स्टूडेंट्स ने अपने सिल्वर जुबिली सेलिब्रेशन के दौरान बीते लम्हों को याद किया। इस दौरान शहर ही नहीं बल्कि देश-दुनिया के कई हिस्सों में काम करने वाले डॉक्टर्स पुरानी यादों को ताजा करने के लिए एक छत के नीचे इकट्ठा हुए। दोस्तों संग बिताया लम्हा याद करने के लिए वह जमीन पर बैठने से भी नहीं हिचके। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ। वाईसी यादव, डॉ। आरपी जीना रहे। अध्यक्षता डॉ। वीएनएस यादव ने की। इस दौरान स्पेशल गेस्ट के तौर पर डॉ। सतीश मौजूद रहे। ब्रिटेन से आई डॉ। गरिमा टंडन और सिंगापुर से आई चेन कोलेन का भी जोरदार स्वागत किया गया।
डाक्टर्स को किया सम्मानितबीआरडी मेडिकल कॉलेज के 1990 बैच के एमबीबीएस स्टूडेंट्स के सिल्वर जुबिली समारोह में दूर-दूर से पहुंचे बैच के डाक्टर्स को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान डॉक्टर्स ने इतने दिनों में मेडिकल कॉलेज आए बदलाव को शेयर किया। कुछ ने बीती बातें याद की, तो वहीं अपने सीनियर्स के लिए जूनियर्स ने कल्चरल प्रोग्राम पेश किए। डॉ। राजा रूपानी ने सांग पेश किया। ऑर्गनाइजिंग कमेटी में 1990 बैच के एमबीबीएस में प्रवेश पाए डॉ। आशुतोष शुक्ल, डॉ। एसएन पांडेय, डॉ। नरेंद्र देव, डॉ। एसपी शुक्ल, डॉ। सुधांशु, डॉ। आरके चौबे, डॉ। अजहर अली खान, डॉ। आरके चतुर्वेदी शामिल रहे।
कॉलेज पहुंचा तो पढ़ाई के दिनों की याद आ गई। 25 वर्ष कैसे गुजर गए पता ही नहीं चला। इतने दिनों में साथियों के चेहरे थोड़े चेंज हो गए थे, लेकिन व्यवहार वही था। कॉलेज भी काफी बदल गया। डा। अशुतोष, आई सर्जन कॉलेज तो पहले जैसा ही लगा, हां संसाधन काफी बढ़ गए। हम लोग भी चाहते हैं कि कॉलेज की स्थिति दिन ब दिन सुधरे। एक शानदार कार्यक्रम का आयोजन हुआ। अब पता नहीं कौन कहां मिलेगा। डा। नरेंद्र देव, एनेस्थिसिया डिपोर्टमेंट मेडिकल कॉलेज