200 करोड़ से दूर होंगे एम्स की 'राह के रोड़े'
- एम्स के लिए फोरलेन प्रस्ताव तैयार
- पीडब्ल्यूडी ने सिटी को खुटहन से जोड़ने के लिए बनाया 200 करोड़ का प्रस्ताव - बजट में सीएम विभाग को रिलीज कर सकते हैं फंड, गोरखपुर यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन में किया था वादा GORAKHPUR : गोरखपुर में एम्स की स्थापना राह आसान होती दिख रही है। गोरखपुर यूनिवर्सिटी में सीएम अखिलेश यादव ने खुटहन में एम्स के लिए जल्द ही सभी जरूरी संसाधन मुहैया कराने की घोषणा की थी, जिसको अमली जामा पहनाने की कवायद शुरू हो चुकी है। गोरखपुर में एम्स की स्थापना के लिए पहले उन राहों को फोर लेन से जोड़ा जाना है। इसके लिए जिला प्रशासन ने प्रस्तावित भूमि को फोरलेन से जोड़ने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। 200 करोड़ में बनेगा फोरलेनगोरखपुर-महराजगंज रोड पर सरैया चौराहे के बाद पड़ने वाले लगड़ी गुरहिया से एम्स के लिए फोरलेन सड़क बनाई जाएगी। पीडब्ल्यूडी ने इसके लिए 200 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया है। कुल आठ किमी की यह सड़क लगड़ी गुरहिया से नहर की पटरी होकर खुटहन गांव के बाहर-बाहर होते हुए प्रस्तावित भूमि से जुड़ जाएगी। इस सड़क की चौड़ाई करीब 8.75 फीट रहेगी।
बुनियादी सुविधाओं के लिए था पेंडिंगअप्रैल 2015 में राज्य सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सदर तहसील के खुटहन गांव में एम्स की स्थापना के लिए जमीन का प्रस्ताव भेजा था। अप्रैल में ही केंद्र सरकार की स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने खुटहन गांव स्थित भूमि का मौका मुआयना किया। जुलाई में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस भूमि तक जाने के लिए सड़क, बिजली और पानी की सुविधा न होने का हवाला देते हुए राज्य सरकार को दूसरी भूमि का प्रस्ताव देने को कहा। सीएम ने गोखपुर यूनिवर्सिटी के मंच सीएम ने प्रस्तावित भूमि तक फोरलेन सड़क और बिजली पानी समय से तैयार मिलने का वादा किया, जिसके बाद ही एम्स स्थापना के लिए इसमें तेजी आनी भी शुरू हो गई है।
एक कदम आगे बढ़े सीएमगोरखपुर में एम्स की स्थापना को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के बीच शुरू से ही बयानबाजी चल रही है। क्षेत्रीय भाजपा नेताओं का कहना है कि प्रदेश सरकार की मंशा गोरखपुर में एम्स की स्थापना की नहीं है, जबकि प्रदेश सरकार भी केंद्र पर यही आरोप लगा रही है। इन सबके बीच सूबे के मुखिया अखिलेश यादव का यह कदम कहीं न कहीं केंद्र सरकार की बोलती बंद करने के लिए काफी है। अब देखना यह है कि इस मामले में केंद्र सरकार क्या रुख अपनाती है। फिलहाल प्रदेश सरकार का यह कदम पूर्वाचल के लिए बेहतर और राहत भरा है।