जिला प्रशासन लाचार, एक करोड़ में कैसे रुकेगी बाढ़
- 480 किमी बंधे की रिपेयरिंग व मरम्मत के लिए मिले सिर्फ एक करोड़ रुपए, 20 करोड़ रुपए की हुई थी डिमांड
- मिले बजट में ज्यादा संवेदनशील बंधों की रिपेयरिंग कराने में जुटा प्रशासन, बाकी बंधे हैं भगवान भरोसेGORAKHPUR: आपदा आने के बाद उससे पीडि़त लोगों की मदद के लिए तो सरकार काफी तेजी से कदम बढ़ा रही है। चाहे आपदा के दौरान मदद हो या फिर रेस्क्यु ऑपरेशन। इन सभी मद में सरकार करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है। मगर आपदा आने से पहले उसे रोकने के उपाय करने में वह पूरी तरह से फेल है। इसका जीता जागता सबूत है कि पूर्वाचल में बाढ़ का खतरा काफी तेजी से बढ़ रहा है। सभी को इसकी जानकारी भी है, लेकिन बावजूद इसके शासन ने बाढ़ से निपटने के लिए दरकार रकम को भी देना जरूरी नहीं समझा। जिम्मेदारों ने बाढ़ से लड़ने के लिए शहर को महज एक करोड़ रुपए देकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
20 करोड़ हुई थी डिमांडशहर के बंधों की हालत काफी खराब हो चुकी है। जगह-जगह रेन कट और रैट होल के अलावा बंधों के हाल जर्जर हो चुके हैं। इन सबको दुरुस्त कराने के लिए संबंधित विभाग ने 20 करोड़ रुपए का प्रास्तव बनाकर शासन को भेजा था। मगर काफी तरसाने के बाद महज इसका पांच परसेंट यानि कि एक करोड़ रुपए देकर शासन ने अपना पल्ला झाड़ लिया। अब विभाग इस एक करोड़ को लेकर परेशान है कि आखिर वह इन पैसों से करें तो क्या करें? क्योंकि एक करोड़ खर्च करने के बाद भी 10 परसेंट बंधों की भी रिपेयरिंग नहीं हो पाएगी।
446 किमी कैसे होगा रिपेयर? बंधों की बात करें तो सिटी में जिले में करीब 64 बंधे हैं जिनकी लंबाई करीब 446 किमी है। इसमें अधिकांश बंधों की हालत खराब हो चुकी है और वह पानी का प्रेशर ज्यादा झेलने की स्थिति में नहीं हैं। विभाग से जुड़े लोगों की मानें तो 1998 में आई बाढ़ में इन बंधों की स्थिति मौजूदा वक्त से अच्छी थी, बावजूद इसके बाढ़ ने जिले में कहर बरपाया था। अब जब इसकी हालत काफी खराब है, तो ऐसे में बाढ़ का खतरा कई गुना बढ़ गया है। जहां ज्यादा जरूरत वहां रिपेयरइस मामले में विभाग से जुड़े लोगों की मानें तो विभाग काफी परेशान था कि किस बांध की मरम्मत कराई जाए और किसे छोड़ा जाए। बाद में विभाग ने अतिसंवेदनशील बंधों का चयन कर उसकी रिपेयररिंग का काम शुरू करवा दिया है। विभागीय लोगों की मानें तो मिले हुए पैसों से जहां तक पॉसिबल है, वहां तक बंधों को ठीक कराने की कोशिश की जा रही है। वहीं इस मामले में डीएम ओएन सिंह ने जिम्मेदारों को रेनकट को भी ठीक करने के निर्देश दिए हैं।
जिले में नदियों की लंबाई -राप्ती 134 किमी -घाघरा 77 किमी -कुआनो 23 किमी -रोहिन 30 किमी -आमी 77 किमी -गोर्रा 17 किमी बंधों की संख्या व लंबाई -बंधों की कुल संख्या-64 -¨रग बांध- 19 -रिटायर्ड बांध- 1 -कुल लंबाई- 446 शासन की ओर से एक करोड़ रुपए बंधों की मरम्मत के लिए मिले हैं। इनसे बंधों की मरम्मत कराई जा रही है। विभाग को रिपेयर के साथ रेनकट को भी ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं। ओएन सिंह, डीएम