वह मर गया तो मदद देने पहुंचे सरकार
- सिस्टम से तंग आकर अरविंद ने किया था आत्मदाह
- पोस्टमार्टम के बाद हुआ दाह संस्कार, घर पर पहुंचे कानूनगो GORAKHPUR: बड़हलगंज एरिया के ओझौली निवासी प्राइवेट टीचर अरविंद ओझा की मौत के बाद प्रशासन जागा। सैटर्डे को प्रशासनिक अमले के लोग उसके घर पहुंचे। सरकारी लोगों को देखकर यह बात हुई कि काश, सरकार पहले आए होते। उधर पोस्टमार्टम के बाद डेड बॉडी का अंतिम संस्कार कराया गया। सिस्टम के खिलाफ गुस्सा, पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षाअरविंद के आत्मदाह करने की घटना से लोग गुस्से में हैं। सैटर्डे को गांव में पहुंचने वाले हर सरकारी आदमी को लोग सिर्फ गालियां दे रहे थे। अरविंद की मां धर्मा देवी हर किसी को कातर निगाहों को देख रही थीं। वह बार बार सिर्फ यही कहती रही कि डिप्टी साहब के न बैठने से मुकदमे का फैसला नहीं हो सका। उनके बेटे के मुकदमे में क्9 दिसंबर को फैसला होना था। घटना को लेकर पूरे क्षेत्र के लोग मर्माहत हैं। पब्लिक के आक्रोश को देखते हुए गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है।
बंधक जमीन को छुड़ाया, योजनाओं का दिलाएंगे लाभअरविंद की पैतृक संपत्ति में एक एकड़ भूमि ठाकुरजी के नाम से दर्ज है। अरविंद के चाचा श्रवण ने उस भूमि को बंधक रख दिया था। बंटवारे के बाद अरविंद ने मुकदमा किया। अरविंद की मौत के बाद उसके चाचा श्रवण ने कहा कि उसने सिर्फ अपने हिस्से का सौदा किया। मुकदमे से कुछ लेना देना नहीं था। अरविंद की कोशिश थी कि वह ठाकुरजी के नाम की भूमि अपने नाम से करा सके। एसडीएम फायनेंस दिनेश कुमार सिंह ने बंधक बनी जमीन को छुड़वा दिया। एसडीएम गोला ने पारिवारिक लाभ योजना के लिए समाज कल्याण अधिकारी को प्रपोजल भेजा है। धर्मा देवी को मुख्यमंत्री राहत कोष से भी मदद दिलाने की कोशिश शुरू हो गई है। कोटेदार से राशन दिलाने के लिए कानूनगो वीरेंद्रनाथ पांडेय धर्मा देवी से मिलने गए।