- अदूरदर्शिता ने बढ़ाई प्रशासन की मुसीबत

- जिले में कई जगहों पर प्रतिमा विसर्जन में जमकर मारपीट

GORAKHPUR : नदियों में प्रदूषण को देखते हुए दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन जारी की है। जिला प्रशासन ने राप्ती और रोहिन नदियों में प्रतिमा विसर्जन के बजाय पोखरों में विसर्जन का प्लान बनाया। इसके लिए एक हफ्ते से तैयारी की जा रही थी। राप्ती नदी में विसर्जन रोकने लिए एकला बंधे से सटे पोखरे का निर्माण कराया गया। पोखरे में प्रतिमाएं विसर्जित करने के लिए क्रेन मंगाई गई। लेकिन तैयारी में अदूरदर्शिता के चलते प्रशासन को नुकसान उठाना पड़ा। गुरुवार को प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हुआ। करीब एक बजे दुर्गा चौक आजाद नगर और हनुमानगढ़ी की प्रतिमाएं लेकर श्रद्धालु पहुंचे। पोखरे में विसर्जित करने के लिए प्रतिमाओं को जाली में रखा गया। ट्राली से प्रतिमा लेकर क्रेन का बूम करीब 20 फीट ऊपर गया। पोखरे की तरफ घुमाने के दौरान हाइड्रोलिक सिस्टम अचानक फेल हो गया। इससे नई पटान पर प्लेट के सहारे रखी मशीन का बाएं तरफ का पिछला हिस्सा बालू में धंस गया। मशीन लटकने से प्रतिमाएं गिर पड़ीं।

लोगों ने किया पथराव

प्रतिमा गिरने से वहां जुटे सैकड़ों लोग गुस्सा हो गए। लोगों ने लापरवाही के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। प्रशासन की तरफ बने कैंप में जुटे अफसर सकते में आ गए। लोगों का गुस्सा देखकर लोग भाग खड़े हुए। करीब 15 पुलिस वाले पहुंचे तो गुस्साए लोगों पर लाठी चला दिया। इसके बाद लोगों ने मिट्टी के ढेला उठाकर फेंकना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने ईट के टुकड़े चलाए जिससे कुछ लोगों को चोट लगी। लोगों ने टेंट में लाग लगा दिया। किसी तरह से मिट्टी डालकर आग को काबू किया गया। बवाल की सूचना पर डीएम, एसएसपी सहित कई बड़े अफसर पहुंचे। गुस्साएं लोगों ने राजघाट पुल पर जाम लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस पर डीएम ने पुल से विसर्जन का आदेश दिया।

खामियों का भुगता नतीजा

जिला प्रशासन ने सुरक्षा का इंतजाम किया। लेकिन अन्य चीजों को अफसर दरकिनार कर गए। आग लगने पर इसकी जरूरत महसूस हुई तो हालत खराब हो गई। मौके पर फायर ब्रिगेड की गाडि़यां नहीं भेजी गई थी। इसके अलावा किसी आपातकाल से निपटने के लिए एबुलेंस भी नहीं बुलाई गई। मूर्ति विसर्जन के दौरान सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की बात भी हवा हवाई साबित हुई। बाद में पहुंचे अफसरों ने किसी तरह से मामले को निपटाने की कोशिश की। ताकि पब्लिक दोबारा गुस्सा न हो।

टायर पंचर होने से मशीन अनियंत्रित हो गई। इसके बाद कोई दिक्कत नहीं हुई। प्रतिमाओं को पुल से विसर्जित कराया गया। देर रात तक शांति पूर्ण ढंग से विसर्जन हुआ। पुलिस- प्रशासन के अफसर मौके पर डटे रहे।

रंजन कुमार, डीएम

Posted By: Inextlive