एडी ट्रेजरी ने कराई अपने ही ड्राइवर की हत्या!
- देवरिया पुलिस ने किया मर्डर केस में किया सनसनीखेज खुलासा, गोरखपुर में रहते हैं आरोपी एडी
- रंगदारी मांगने की शिकायत पर कुछ दिन पहले चर्चा में आए थे आजमगढ़ में तैनात ये अधिकारी - मांगी गई थी पांच करोड़ रुपये की रंगदारी, शक की बिनाह पर अफसर ने कराया ड्राइवर का कत्लGORAKHPUR: आजमगढ़ जिले में तैनात अपर निदेशक ट्रेजरी रामानंद पासवान पर अपने ही ड्राइवर की हत्या कराने का सनसनीखेज आरोप सामने आया है। देवरिया पुलिस ने संजय पटेल नामक के युवक की हत्या की जांच में एडी ट्रेजरी को गिरफ्तार भी कर लिया है। ये वही अफसर हैं जिन्होंने कुछ दिनों पहले एक चर्चित बदमाश के नाम से 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगे जाने की शिकायत पुलिस में की थी। इस घटना के बाद वह चर्चा में आ गए थे। हालांकि अब पुलिस का दावा है कि इसी रंगदारी के मामले में अधिकारी ने अपने ड्राइवर पर शक किया और इसीलिए उसे मरवा दिया। आरोपी अफसर की पत्नी ने पति की गिरफ्तारी के विरोध में पुलिस पर ही फर्जी तरीके से फंसाने का आरोप लगाया है।
12 मई को मिली डेड बॉडीमूल रूप से देवरिया के रहने वाले रामानंद पासवान का परिवार गोरखपुर में रहता है। अप्रैल महीने में रामानंद पासवान को घर पर एक चिट्ठी मिली जिसमें एक बदमाश के नाम पर पांच करोड़ रुपए रंगदारी मांगी गई थी। इसकी जानकारी उन्होंने पुलिस को दी। बदमाश देवरिया का होने के कारण दोनों जिलों की पुलिस जांच में जुट गई। इसी बीच 12 मई की देवरिया-बेलडाढ़ रोड किनारे एक युवक की डेड बॉडी मिली। उसकी पहचान रामपुर कारखाना, सकरापार गांव के संजय पटेल के रूप में हुई। जांच में पुलिस को पता चला कि वह रामानंद का प्राइवेट ड्राइवर था। पुलिस का दावा है कि रामानंद के कहने पर ही आजमगढ़ के एक कांट्रैक्ट किलर ने संजय की हत्या कर उसकी लाश ठिकाने लगाने का काम किया।
मुखबिरी का था शकदेवरिया के एसपी प्रभाकर चौधरी ने सोमवार को ड्राइवर हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि रंगदारी मांगने वाले बदमाश अपर निदेशक और उनके परिवार के लोगों की रेकी करते थे। अक्सर उन्हें फोन पर बताया जाता था कि घर पर क्या हो रहा है ताकि परिवार के लोग दहशत में रहें और रंगदारी की रकम मिल जाए। इससे तंग अपर निदेशक को अपने ड्राइवर संजय पटेल और राधेश्याम यादव पर शक हुआ। एक दिन संजय ने रामानंद को फोन करके उनकी लोकेशन पूछ ली। इससे उनको शक गहरा हो गया। आजमगढ़ के परिचितों की मदद से उन्होंने दो लाख रुपए में संजय पटेल के हत्या की साजिश रच दी। भाड़े के हत्यारों ने धोखे से बुलाकर उसका गला कस दिया। डेड फेंककर आजमगढ़ चले गए। उधर रविवार को रंगदारी मांगने वाले दो बदमाशों को गिरफ्तार भी कर लिया गया। ठीक एक दिन बाद ही अपर निदेशक को हत्या, हत्या की साजिश रचने के आरोप में जेल जाना पड़ गया।
'फर्जी तरीके से फंसाया' ड्राइवर की हत्या में रामानंद को फर्जी तरीके से फंसाए जाने का आरोप उनकी पत्नी ऊषा देवी ने लगाया है। उन्होंने कहा कि 19 मई को आजमगढ़ स्थित आवास से उनके पति को पुलिस ने जबरन उठा लिया। चार दिनों तक हिरासत में रखकर पुलिस प्रताडि़त करती रही। ऊषा देवी ने कहा कि तीन अप्रैल को उनके घर रंगदारी के लिए फायरिंग हुई थी। इस घटना के मुख्यसूत्रधार को पुलिस नहीं पकड़ सकी है। रंगदारी के मामले को निपटाने के बजाय पुलिस ने उनके पति को ही ड्राइवर की हत्या के आरोप में फर्जी कहानी गढ़ कर जेल भेज दिया है।