एक तरफ जहां बिलिंग एजेंसी के मीटर रीडर्स की लापरवाही से सिटी और ग्रामीण एरिया के करीब 21 हजार कंज्यूमर्स को गलत बिजली का बिल मिल गया.


गोरखपुर (ब्यूरो)। वहीं अब बिजली निगम कंज्यूमर्स के पास मोबाइल फोन के जरिए बिजली का बिल जमा कराने के लिए गुजारिश कर रहा है। गलत बिल आने को लेकर कंज्यूमर्स परेशान है तो उधर बिजली का बिल सुधार करने में कर्मचारी पसीना बहा रहे हैं। करीब सवा लाख का बना गलत बिल


बिलिंग एजेंसी क्वैश कार्प ने अगस्त माह में जोन के करीब सवा लाख कंज्यूमर्स को गलत बिजली का बिल दिया है। मीटर रीडर्स ने कंज्यूमर्स के परिसर गए ही बिजली बिल दी है। करीब 94 हजार कनेक्शनों पर आईडीएफ श्रेणी में बिल जारी हुआ है। वहीं, 22 हजार कनेक्शनों पर आरडीएफ श्रेणी में मीटर रीडर्स ने बिल बना दिया है। अब बिजली बिल सुधार कराने को लेकर कंज्यूमर्स इधर-उधर चक्कर लगा रहे हैं। तो दूसरी तरफ बिजली निगम 50 हजार से एक लाख तक के बकाएदारों के मोबाइल नंबर पर फोन कर बिजली का बिल जमा कराने के लिए कॉल कर रही है। इसे लेकर कंज्यूमर्स की परेशानी बढ़ गई है। केस 1-नंदानगर निवासी राघवेंद्र कुमार ने बताया कि तीन महीने से मीटर रीडर्स बिजली का बिल नहीं बना रहे हैं। अगस्त माह में आईडीएफ श्रेणी का बिल जारी कर दिया है। अब बिल दुरुस्त कराने के लिए बिजली आफिस का चक्कर लगाना पड़ रहा है।

केस 2-कुसम्ही निवासी नंदलाल सिंह का कहना है कि समय पर बिजली का बिल नहीं आता है। ऊपर से विभाग गलत बिल थमा दे रही है। मीटर रीडर्स की लापरवाही से दिक्कत होती है। सुधार कराने के लिए इधर-उधर भागदौड़ करनी पड़ती है। कंज्यूमर्स को गलत बिल मिल रहा है तो बिलिंग एजेंसी को चेतावनी दी जाएगी। वर्तमान में बकाएदार कंज्यूमर्स की सहूलियत के लिए बिजली निगम के अफसर फोन कर समय से बिल जमा कराने की गुजारिश की जा रही है। ताकि बिजली बिल जमा हो सके। अगर गलत बिल मिल रहे है तो उसका सुधार कराया जा रहा है। ई। विनोद कुमार नौटियाल, एसई ग्रामीण प्रथम

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