शहरवासियों को स्वस्थ्य देखने की 'आशा'
- पांच सौ परिवार पर एक आशा की तैनाती
- शहरी एरियाज में 312 आशाओं का का चयन - आशा के चयन के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाई स्कूल GORAKHPUR: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत ग्रामीण की तरह अब शहरी एरियाज में भी आशा बहुएं कमान संभालेंगी। मलिन बस्ती के 500 फैमिली मेंबर्स पर एक आशा की तैनाती की जाएगी। उनका चयन अनुभव के आधार पर होगा। इसके साथ ही यूएचआई में कार्य कर चुकी महिलाओं तथा तलाकशुदा व विधवा को वरीयता दी जाएगी। जिले के शहरी एरियाज के लिए 312 आशाओं का चयन किया जाएगा। आशाओं का होगा साक्षात्कारआशाओं का सेलेक्शन कई फेज के इम्तेहान के बाद होगा। इसके लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाई स्कूल है। इसके बाद इंटरमीडिएट स्नातक या परास्नातक की पढ़ाई करने वाली महिलाओं को एक-एक अंक अतरिक्त दिया जाएगा। उन्हें साक्षत्कार की प्रक्रिया से भी गुजरना होगा। इसके लिए तीन अंक निर्धारित किए गए हैं। अभी तक रूरल एरियाज में ही आशाओं की तैनाती की गई है। आशाओं का राष्ट्रीय कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका हो गई है।
जननी शिशु सुरक्षा में अति महत्वपूण भूमिकाटीबी, मलेरिया, फायलेरिया, इंसेफेलाइटिस, हाई फीवर, लैप्रोसी जैसे मामलों में इनके द्वारा जननी शिशु सुरक्षा योजना में इनकी अति महत्वपूर्ण भूमिका है। गर्भवती के जांच तथा प्रसव व बच्चों की निगरानी का कार्य भी इनके द्वारा किया जा रहा है।
अब घर-घर इलाज राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत चिकित्सकीय व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने कमर कस ली है। मलिन बस्ती और कूड़ा करकट बीनने वाली अधिकतर महिलाएं, बच्चे और नवजवान विभिन्न प्रकार की बीमारियों से पीडि़त हो जाते हैं। इतना ही नहीं जागरुकता के अभाव में उनकी मौत भी हो जाती है। मौतों का सिलसिला रोकने और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य मुहैया कराने के लिए आशाओं की तैनाती की जा रही है। टीकाकरण की भी जिम्मेदारी हालांकि पहले ग्रामीण एरियाज में ही आशा और एएनएम गर्भवती महिला को समय से अस्पताल भेजने और डिलेवरी तक देखभाल की जिम्मेदारी पहले से उठा रही हैं। वही उन्हें टीकाकरण करने की जिम्मेदारी भी दी गई हैं। अब यह व्यवस्था शहर में भी लागू की जा रही है। एक फरवरी से आशाओं की चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। आशाओं का चयन होने के मलिन बस्ती के हर घर को इलाज की सुविधा मिल सकेगी।शहरी आशाओं का चयन किया जाना है। इसके लिए तैयारियां की जा रही है। जल्द ही आशाओं का साक्षात्कार कर उनकी तैनाती की जाएगी।
डॉ। आईवी विश्वकर्मा, एडिशिनल सीएमओ