हादसों में हर माह 90 मौतें, फिर भी लगे जानलेवा डंप
गोरखपुर (ब्यूरो).बता दें, बीती शनिवार-रविवार मध्यरात्रि गीडा इलाके बरहुआं यादव टोल के पास हुए हादसे में दो युवक अंकित अग्रवाल और अभिषेक अग्रवाल की जान चली गई। सिटी के प्रमुख चौराहे हों या फिर वार्ड के भीतर की सड़कें, सभी जगहों पर सड़क किनारे ही मोरंग, गिट्टïी और ईंट गिराकर सड़क अवरुद्ध करना और रोड एक्सीडेंट के शिकायत आने के बाद भी नगर निगम के जिम्मेदार अफसर कार्रवाई करने में सुस्त नजर आ रहे हैैं। परिवहन विभाग ने करवाया था सर्वे
परिवहन विभाग की तरफ से कराए गए सर्वे में ब्लैक स्पॉट चिह्नित कि गए थे, उन्हें पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई ने ठीक कराने का दावा किया है। ब्लैक स्पॉट को ठीक करने में करीब पांच करोड़ रुपए खर्च भी हुए हैं। सर्वे के बाद कोनी मोड़ तिराहा फोरलेन, पीपीगंज रामनगर करजहां, जंगल धूसड़ से पिपराइच, चौरीचौरा से भोपा बाजार, बैलो सिधावल, मरचहवा बाबा तिराहा, देवीपुर, रामपुर बुजुर्ग, चवरिया खुर्द, बोकटा, खजांची चौराहा, चौमुखा, भीटी रावत, कसिहार बगहा वीर मंदिर, बोकटा, दाना पानी होटल, भीटीरावत, मरचही कुटी, रावतगंज, फुटहवा इनार, निबियहवा ढाला, चौमुखा और नौसढ़ में ब्लैक स्पॉट प्वाइंट आउट किए गए थे। कमिश्नर के निर्देश की अनसुनी
उधर, कमिश्नर रवि कुमार एनजी ने 30 जून को सड़क सुरक्षा की मीटिंग के दौरान कहा था कि सड़क सुरक्षा शासन-प्रशासन की प्राथमिकताओं में से है। दुर्घटना बाहुल्य चौराहों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित करने के साथ-साथ स्पीड ब्रेकर, होर्डिंग, लाइट, संकेत चिन्ह लगाते हुए सुधारात्मक कार्यवाही एक सप्ताह के भीतर पूरी कर लिए जाए। लेकिन कमिश्नर के आदेश के बाद भी विभाग के जिम्मेदार उदासीन रहे। यही वजह है कि हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे। सड़क हादसे को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है। संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर वहां ब्रेकर, होर्डिंग और लाइट के साथ संकेत चिह्न जरूर लगाएं, जिसकी रिपोर्ट मांगी गई है।कृष्णा करूणेश, डीएम