स्कूल बसों में मासूम बच्चों की जिंदगी से गोरखपुर में भी खिलवाड़ हो रहा है. नियम को दरकिनार कर यहां बसें संचालित की जा रही हैं. इसमें न तो फिटनेस ही चेक कराने की कोशिशें हो रही हैं और न ही पॉल्युशन की ही किसी को फिक्र है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। हालत यह है कि यह अनफिट बसें धड़ल्ले से सड़कों पर फर्राटा भर रही हैं। यह हकीकत तब सामने आई जब गाजियाबाद में स्कूली बस से हुए हादसे में बच्चे की मौत के बाद गोरखपुर आरटीओ प्रवर्तन अफसर शनिवार को सड़कों पर उतरे। इस दौरान अफसरों ने 50 स्कूल बसों की चेकिंग की, जिसमें से 29 बसें जांच में फेल हो गईं। हो गई थी बच्चे की मौत


गाजियाबाद जिले के मोतीनगर में 20 अप्रैल को स्कूल बस के हादसे में स्कूल जा रहे बच्चे की मौत के बाद आरटीओ अफसरों ने सख्ती बरते हुए जिले के विभिन्न रूटों पर स्कूल बसों की चेकिंग की। परिवहन अफसरों की जांच में शहर के प्राइवेट स्कूलों की 10 बसें जहां बिना फिटनेस के दौड़ती मिलीं, तो वहीं चार बसों का पॉल्यूशन प्रमाण पत्र न होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। साथ ही 15 बसों में सुरक्षा के जरूरी मानकों का भी उल्लघंन हो रहा था। प्रवर्तन विभाग ने ऐसी बसों का चालान कर दिया है। इस अवसर पर एआरटीओ प्रवर्तन एसपी श्रीवास्तव, बीके सिंह, यात्री कर अधिकारी रवि चंद्र त्यागी समेत आरटीओ की टीम मौजूद रहे।ये है नियम, करना होगा पालन - -स्कूल में संचालित बस पीले रंग में रंगी हो।

-स्कूल के अलावा अन्य अनुबंध में प्रयोग की दशा में बस के चारों ओर 400 मिली मीटर की पीले रंग की पट्टी खिड़की से 300 मिली मीटर नीचे रंगी गई हो। -बस के आगे और पीछे भाग में स्कूल बस लिखा होना चाहिए।-बस के दोनों तरफ स्कूल का नाम अंकित होना चाहिए।-आपातकालीन द्वारा जिसका आकार 150 सेंटीमीटर में 120 सेंटीमीटर का हो और जिसे अंदर की ओर से बाहर की ओर खोला जा सकता है। -बस के पीछे हिस्से में एक आपातकालीन निकास खिड़की हो। -आपातकालीन निकास खिड़की के शीशे को तोडऩे की पर्याप्त व्यवस्था हो।-ड्राइवर के लिए बस के प्रवेश और निकासी की व्यवस्था हो। पिछले पहियों के अगले हिस्सों को देखने के लिए उत्तल क्रास शीशे होने चाहिए।-ड्राइवर के लिए बस के अंदर क स्पष्ट दृश्य देखने के लिए पैराबोलिक दृश्य शीशा होना चाहिए।-बस के दरवाजों में ताले लगे होने चाहिए।-आगे के द्वार पर न्यूनतम पायदान पर हैंडरेल लगा होना चाहिए। -छत से जुडी हुई होल्डिंग रॉड लगी होनी चाहिए। -होल्डिंग रॉड फिसलने वाली नहीं होनी चाहिए।-लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगी होनी चाहिए।-सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए।-स्पीड गवर्नर होना चाहिए।-खतरे की चेतावनी देने वाली लाइट लगी होनी चाहिए।

-सभी सीटों पर सीट बेल्ट लगी होनी चाहिए।-सीएनजी चालित बस में सिलेंडर के ऊपर सीट नहीं होनी चाहिए।-केबिन में दो किलोग्राम की क्षमता वाला अग्निशमक यंत्र लगा होना चाहिए।-फस्र्ट एंड बॉक्स होना जरूरी है। -इमरजेंसी में एलार्म घंटी और सायरन जरूरी है।-बस में प्रेशर हॉर्न या मल्टी हॉर्न नहीं लगा होना चाहिए।

Posted By: Inextlive