Gorakhpur University News : 3 साल में 4 प्रॉक्टर, दबाव में बिगड़ रही व्यवस्था
गोरखपुर (ब्यूरो)।सभी का आरोप रहता है कि उनकी मांग नहीं सुनी जा रही है। इसी की देन है कि यह प्रदर्शन अब धीरे-धीरे उग्र हो रहे हैं। गुरुवार को एबीवीपी के प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ता और चीफ प्रॉक्टर में नोकझोंक के बाद हाथापाई भी हो गई। यूनिवर्सिटी में इस वक्त प्रॉक्टर के लिए इन प्रदर्शनों से निपटना सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। कैंपस में यह भी चर्चा है कि ऐसा पहली बार है कि प्रदर्शन के दौरान प्रॉक्टर की पिटाई कर दी गई। सेशन 2020-21 से अभी तक तीन बार प्रॉक्टर बदले जा चुके हैं। डॉ। सत्यपाल सिंह चौथे प्रॉक्टर हैं। आए दिन हो रहे विरोध के दबाव से यूनिवर्सिटी की व्यवस्था बिगड़ रही है। ये हैं पिछले प्रॉक्टर
बात सितंबर 2020 की करें तो उस समय चीफ प्रॉक्टर प्रो। प्रदीप यादव थे। लगभग तीन महीने बाद उन्होंने स्वास्थ्य कारणों की वजह से अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद प्रो। सतीश पांडेय प्रॉक्टर बने। नवंबर 2022 में प्रो। गोपाल प्रसाद को चीफ प्रॉक्टर बनाया गया। 5 महीने बाद ही उन्होंने वीसी पर अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद इकोनॉमिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। सत्यपाल सिंह को चीफ प्रॉक्टर बनाया गया।आए दिन हो रहा प्रदर्शन
यूनिवर्सिटी में आए दिन रिजल्ट, मूल्यांकन, एग्जाम, रिसर्च, हॉस्टल, पानी, सफाई आदि समस्याओं को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, कभी सेल्फ फाइनेंस कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन तो कभी गोरखपुर यूनिवर्सिटी एफिलिएटेड कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के टीचर्स अपनी मांगों को लेेकर विरोध पर उतर जाते हैं। यूनिवर्सिटी कैंपस में कानून व्यवस्था को लागू करना प्रॉक्टर की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में आए दिन प्रदर्शन की वजह से उन्हें काफी परेशानी होती है।