आपके जिगर का टुकड़ा रोजाना खतरों से खेल रहा है. रोजाना वह स्कूल से आने और जाने के बीच खतरों से घिरा हुआ है. इसमें खता उसकी नहीं बल्कि स्कूल ही उन्हें ऐसा करने को मजबूर कर रहे हैं. यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि आरटीओ की कार्रवाई के लिए तैयार की गई लिस्ट के आंकड़े इस बात को साफ बयां कर रहे हैं. गोरखपुर जिले में दौड़ रही स्कूली बसों में 393 अनफिट डिक्लेयर की जा चुकी हैं. इनकी फिटनेस डेट खत्म हुए एक साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है लेकिन जिम्मेदारों ने दोबारा फिटनेस कराने या दुरुस्त कराने की जहमत भी गवारा नहीं की है. आरटीओ ने भी बस कागजी कार्रवाई करते हुए उन्हें नोटिस देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है. अगर इस बीच कोई भी हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार किसी माना जाए यह एक बड़ा सवाल है. फिलहाल अगर पेरेंट्स अवेयर नहीं हुए और उन्हें इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाई तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है.


गोरखपुर (ब्यूरो).आरटीओ के जिम्मेदारों की मानें तो गोरखपुर जिले में कुल 2062 स्कूली वाहन आरटीओ ऑफिस में रजिस्टर्ड हैैं। जिनमें से 799 वाहन की फिटनेस अवधि समाप्त हो चुकी है। इन सभी के प्रबंधकों को आरटीओ ऑफिस से नोटिस जारी किया गया है। आरटीओ की मानें तो 30 अप्रैल, 2021 को ही 303 स्कूली बसें और 90 स्कूली वैन का फिटनेस समाप्त हो चुकी है। ऐसे में लगभग 13 महीने से 393 अनफिट स्कूली बसें बच्चों को घर से स्कूल ढोने का काम कर रही हैैं। सहजनवा क्षेत्र के स्कूलों के सात वाहन भी शामिल


पिपरौली क्षेत्र के स्कूलों में सर्वाधिक चार ऐसे खटारा वाहन दौड़ रहे हैं। वहां साथीपार स्थित एक स्कूल का एक वाहन, छपिया में भी एक, जबकि अमटउरा स्थित एक स्कूल के दो वाहन शामिल हैं। गीडा स्थित एक स्कूल का एक और हरपुर बुदहट क्षेत्र के बैजलपुर में स्थित स्कूल का एक वाहन शामिल है। सार्वाधिक खटारा स्कूली वाहन शहरी क्षेत्र में चल रहे हैं।

वाहनों से संबंधित प्रबंधक और प्रिंसिपल को दो बार नोटिस भेजा गया था, लेकिन अब तक फिटनेस सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं कराया है। ऐसी कंडीशन में इन सभी 393 वाहनों का रजिस्ट्रेशन 3 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। अगर इस बीच वे फिटनेस सर्टिफिकेट हासिल कर लेते हैं तो सस्पेंशन रद्द कर दिया जाएगा।- श्यामलाल, एआरटीओ

Posted By: Inextlive