गोरखपुर शिक्षा विभाग को उसमें सेवा लेने वाला टीचर्स ही बदनाम कर रहा है. यहां प्राइमरी स्कूल के दो टीचर ही अपने विभाग के शिक्षक से रंगदारी मांग रहे थे. यह शातिर टीचर बाकी शिक्षकों को फोन कर उनकी नियुक्ति फर्जी बताते थे और इसकी जांच बीएसए कार्यालय और एसटीएफ से कराने की धमकी देकर उनसे मोटी रकम वसूल लेते थे. इस गैंग का असली सरगना बर्खास्त शिक्षक है.


गोरखपुर (ब्यूरो).मंगलवार को कैंट थाने की पुलिस और एसटीएफ गोरखपुर इकाई की टीम ने मंगलवार को देर रात दो शातिर टीचर और उनके एक साथी को सिविल लाइन इलाके से अरेस्ट किया। कैंट थाने में दर्ज था केसगोला इलाके के जानीपुर निवासी महेंद्र सिंह प्राथमिक स्कूल जानीपुर कौड़ीराम में शिक्षक हैं। महेंद्र सिंह ने बीते दिनों कैंट थाने में केस दर्ज कराया था कि उनके ही विभाग के कुछ लोग टीचर्स को फोन कर धमकी देते हैं। वे कहते हैं कि उनकी नियुक्ति फर्जी डाक्यूमेंट्स के आधार पर हुई है। शातिर धमकी देते थे कि इस मामले की जांच बीएसए कार्यालय और एसटीएफ से होने जा रही है। जांच न कराने के नाम पर इस गैंग के लोग टीचर्स लाखों रूपए वसूल लेते थे। ये हैं पकड़े गए आरोपी
रंगदारी की सूचना पर इंस्पेक्टर एसटीएफ सत्यप्रकाश सिंह और शशिभूषण राय के नेतृत्व में कैंट पुलिस ने सोमवार देर रात तहसील गेट के पास से तीन शातिरों को अरेस्ट कर लिया। इनकी पहचान गिरधारी लाल जायसवाल, निवासी आम बाजार, थाना गौर, बस्ती, राजकुमार यादव, निवासी गांधीपुरम आरोग्य मंदिर शाहपुर गोरखपुर और रुद्र प्रताप यादव निवासी जोतबगही, भौवापार बेलीपार, गोरखपुर के रूप में हुई। महेंद्र को लेटर भेज मांगी थी रंगदारी


गिरफ्तार अभियुक्त राजकुमार यादव ने एसटीएफ को बताया, गिरधारी लाल जायसवाल ने ही उसे और रुद्र प्रताप को बताया कि महेंद्र प्रताप सिंह फर्जी अध्यापक हैं। इस पर इन तीनों ने मिलकर आपस में प्लानिंग कर एक लेटर महेंद्र सिंह को रजिस्टर्ड डाक से भेज दिया। लेटर में रंगदारी न देने पर एसटीएफ और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से जांच करानेे की धमकी दी गई थी। दो स्कूलों से सैलरी उठाता था सुनीलइन लोगों ने महेेंद्र प्रताप सिंह को एक बैंक खाता नंबर भी दिया था, जोकि सुनील कुमार के नाम से था। सुनील कुमार के बारे में पूछने पर आरोपियों ने बताया, सुनील कुमार यादव जोकि गोरखपुर शहर का रहने वाला है और वह ग्राम विशुनपुर फुलवरिया प्राथमिक पाठशाला लक्ष्मीपुर ब्लॉक, महराजगंज में शिक्षक के पद पर तैनात है। फिलहाल वह नौकरी छोड़कर फरार चल रहा है, लेकिन इसके बाद एक बार फिर उसने कूटरचित शैक्षणिक दस्तावेज के आधार पर धनगड़ा प्राथमिक विद्यालय ब्लॉक परतावल महराजगंज में नौकरी करनी शुरू कर दी। राजकुमार इतना शातिर है कि वह दोनों स्कूलों से सरकारी वेतन उठा रहा है।विनय ने दी थी महेंद्र की जानकारी

एसटीएफ के मुताबिक, गिरधारी लाल जायसवाल पूर्व माध्यमिक विद्यालय जंगल डुमरी नंबर-1 भटहट ब्लॉक में शिक्षक है। महेंद्र प्रताप सिंह से रंगदारी वसूूलने के लिए विनय कुमार शर्मा ने उसे बताया था। गिरधारी लाल जायसवाल ने ही अन्य कई शिक्षकों के नाम रंगदारी वसूलनेे के लिए राजकुमार यादव और रुद्र प्रताप यादव को बताया है, जिनके खिलाफ वह लगातार प्रार्थना पत्र देता रहता है। विनय खजनी ब्लॉक में अध्यापक रहा है, फिलहाल वह बर्खास्त हो चुका है, शातिरों के पत्नियों की भी होगी जांचएसटीएफ के मुताबिक, राजकुमार यादव की पत्नी सीमा यादव सोनबरसा प्राथमिक विद्यालय ब्लॉक पनियरा, महराजगंज में अध्यापक पद पर नियुक्त थी। एसटीएफ के मुताबिक राजकुमार ने दो पत्नियों से शादी कर रखी है और रंगदारी के पैसों से दोनों पत्नियों को कार, घर और लग्जरी लाइफ का सुख देता है। जबकि गिरधारी लाल जायसवाल की पत्नी प्रीति जायसवाल जंगल डुमरी नंबर-01 भटहट प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक है। इन लोगों के फर्जी/कूटरचित नियुक्त होने की एसटीएफ अलग जांच करेगी। आरोपित गिरधारी का होगा निलंबन प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी नरेन्द्र सिंह ने बताया कि भटहट ब्लॉक में तैनात शिक्षक गिरधारी लाल जायसवाल के गिरफ्तारी की जानकारी मिली है। थाने से रिपोर्ट मिलते ही उसे निलंबित कर दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive