ट्रैफिक नियमों की अनदेखी तेज रफ्तार खराब सड़क और ओवरलोडिंग जिंदगी पर भारी पडऩे लगी है. गोरखपुर की सड़कों पर 6 माह 1 जनवरी 2023 से 30 जून तक में 658 हादसे हुए. मतलब रोज 3 से कुछ ज्यादा.


गोरखपुर (ब्यूरो)।इन हादसों में 296 लोगों की जान भी चली गई। यह जानकारी ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों से सामने आई है। लिहाजा गोरखपुराइट्स को सड़क पर सतर्कतापूर्वक चलने की जरूरत है। साथ ही ब्लैक स्पॉट्स पर एहतियात बरतने की जरूरत है। रॉन्ग साइड चल रहे, हेलमेट भी नहीं ट्रैफिक नियमों की अनदेखी के चलते हर महीने दुर्घटनाएं हो रही हैं। लोग अपनी जान भी गंवा रहे हैं। जबकि ट्रैफिक डिपार्टमेंट सख्ती के साथ लगातार नियमों के प्रति अवेयर भी करता है। इसके बाद भी सड़क दुर्घटनाएं नहीं थम रही हैं। चालक तेज गति के साथ उल्टी दिशा में वाहन चला रहे हैं। सड़क से गुजरने वाले ज्यादातर दोपहिया चालक हेलमेट नहीं पहन रहे। बाइक सवार युवक सरेआम सड़कों पर स्टंट करते नजर आते हैं। ब्लैक स्पॉट से सतर्कता से गुजरें


वाहन चालक और राहगीर नौसढ़, जंगल धूषण से पिपराइच, कालेसर, चौरीचौरा से भोपा बाजार, बोक्टा, बिलो सिधावल, दाना पानी सहजनवां, नौसढ़, कसरौल, भीटी रावत सहजनवां, फॉर-फेस्ट चौमुखी, देवीपुर, मरचाहे कुटी, खजांची चौराहा, रावतगंज, सोनू घाट, फुटहवा ईनार, निबिहवा ढाला और रामनगर कडज़हां से सतर्कता से गुजरें।एक जनवरी से 30 जून तक हादसे और वजह

एक्सीडेंट का कारण एक्सीडेंट श्याम देव, एसपी ट्रैफिक


ट्रैफिक रूल तोडऩे की वजह से 217ड्राइवर की लापरवाही से 110भारी ट्रैफिक की वजह से 86सड़क खराब होने के कारण 79असावधान मोड़ की वजह से 34जांच निरीक्षण के तहत हादसे 26वाहन की खराबी से 21इन हादसों का नहीं है डाटा 14ब्लाइंड मोड़ की वजह से 08मौसम के कारण 05लंबी दूरी व चालक की बेचैनी से 03
वाहन से नीचे गिर कर 02पशु की वजह से 01खुले मेनहोल की वजह से 01टक्कर के बाद वाहन जलने से 01अन्य 012022 में सबसे अधिक मौतें भोर में हुईं समय हादसे मौत शाम 6 से 9 बजे 451 178भोर में 3 से 6 बजे 481 212सुबह 9 से 12 बजे 350 140जून में हुए सर्वाधिक हादसे
माह हादसे --- मौतें -- घायल जनवरी 77 31 54फरवरी 124 54 78मार्च 124 62 65अप्रैल 92 35 65मई 104 48 72जून 137 66 82ट्रैफिक नियमों को तोडऩे की वजह से सबसे अधिक हादसे हो रहे हैं। लगातार जागरुकता अभियान चलाए जाते हैं। लोग नियमों का पालन करें तो हादसों में काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है। चलान कर कार्रवाई भी की जाती है। Posted By: Inextlive