Gorakhpur News : जान न ले लें यह जर्जर आवास, बारिश के दिनों में छतों से प्लास्टर टूट-टूट कर, विभाग इस ओर नहीं है गंभीर
गोरखपुर (ब्यूरो)। 22 सितंबर की रात 3 बजे भीम प्रसाद गौड़ का परिवार कमरे में सोया हुआ था। अचानक आवास के बरामदे का छत गिर गया। हालांकि सहयोग था कि इस दौरान बरामदे में कोई सोया नहीं था। कॉलोनी में 16 आवास बने हैं, सभी आवास पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। बारिश के चलते छतों से प्लास्टर टूट-टूट कर गिर रहे हैं। कभी भी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इस संबंध में कई बार पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन से लिखित शिकायत की, लेकिन विभाग के अफसर इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। झूठी रिपोर्ट बनाकर प्रार्थना पत्र को कैंसिल
उन्होंने बताया कि सरकारी आवास में रहने वाले पांच साल से आवास की मरम्मत के लिए पत्र लिख रहे हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। भीम प्रसाद का कहना है कि पांच साल से पीडब्ल्यूडी के अफसरों से लिखित शिकायत की जा रही है। लेकिन अफसर झूठी रिपोर्ट बनाकर प्रार्थना पत्र को कैंसिल कर दे रहे हैं। इसी ओर किसी अफसर ने ध्यान नहीं दिया है। कभी भी हादसे में जान जा सकती है। छत से टपकता है बारिश का पानी
मिली जानकारी के अनुसार सिविल लाइंस में पीडब्ल्यूडी को दो मंजिला आवास है। यहां पर 16 कर्मचारियों का परिवार रहता है। पीडब्ल्यूडी का सरकारी आवास पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। दशकों पुराने यह आवास पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं। कई के छज्जे टूट चुके हैं। छतों और दीवारों से प्लास्टर टूट कर गिरता है। इन्हीं आवास में रह रहे कर्मचारी के आवास की छत का प्लास्टर अचानक गिर गया। इससे परिजन बाल-बाल बचे। आवास में रहने वाले लोगों के अनुसार इन आवासों में विभिन्न विभागों के लोग रहे रहे हैं। कई लोग तो इनमें अनाधिकृत तरीके से बिना आवंटन के ही काबिज है। आवास पुराने और जर्जर हैं। यह हमारे संज्ञान में हैं। आवासों की मरम्मत के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। बजट मिलते ही जल्द ही मरम्मत कराई जाएगी। - ई। अरविंद कुमार, निर्माण खंड तृतीय पीडब्ल्यूडी