डीडीयूजीय के 13 स्टूडेंट्स को मिली जीरो कंपनी में जॉब
गोरखपुर (ब्यूरो)।कैंपस प्लेसमेंट के लिए यूनिवर्सिटी के प्लेसमेट सेल की तरफ से गूगल फॉर्म के माध्यम से 450 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया गया था, जिसमें से 194 रिटेन एग्जामिनेशन में शामिल हुए। रिटेन एग्जाम के बाद 90 स्टूडेंट्स ग्रुप डिस्कशन के योग्य पाए गए, जिसमें से 34 स्टूडेंट्स को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। अंतिम रूप ने चयनित 13 स्टूडेंट्स का सेलेक्शन हुआ। बता दें, यूनिवर्सिटी की वीसी प्रो। पूनम टंडन प्लेसमेंट सेल को लगातार कैंपस प्लेसमेंट के लिए प्रोत्साहित करती रही हैं। इसी क्रम में यूनिवर्सिटी में प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया गया। इन होनहारों को मिली जॉब1- सृष्टि सिन्हा - एमएससी फस्र्ट इयर 2- राजन श्रीवास्तव - एमए इकोनॉमिक्स 3- मेघना कुमारी - बीएससी फिफ्थ सेमेस्टर 4- प्रगति प्रिया - बीएससी एजी फिफ्थ सेमेस्टर 5- आयुष विक्रम सिंह - बीएससी फिफ्थ सेमेस्टर 6- हर्ष निषाद - बीएससी फिफ्थ सेमेस्टर
7- सूरज सिंह - बीटेक मैकेनिकल फिफ्थ सेमेस्टर
8- आस्था त्रिपाठी - इलेक्ट्रानिक कम्यूनिकेशन बीटेक फिफ्थ सेमेस्टर 9 - शिवम यादव - बीटेक फिफ्थ सेमेस्टर 10 - विनय कुमार - बीटेक फिफ्थ सेमेस्टर 11 - निकिता स्वरुप - एमए इकोनॉमिक्स 12 - मनीष ठाकुर - बीएससी एग्रीकल्चर 13 - दिव्या भारती - एमए इकोनॉमिक्स
गोरखपुर यूनिवर्सिटी कैंपस के 13 स्टूडेंट्स का जीरो कंपनी में सेलेक्शन हुआ है। नए साल में यह पहला मौका है। जब स्टूडेंट्स के लिए कैंपस ड्राइव का आयोजन किया गया था। आगे भी कैंपस ड्राइव का आयोजन किया जाएगा। प्रो। अलोक कुमार गोयल, को-आर्डिनेटर, प्लेसमेंट सेल, डीडीयूजीयू पढ़ाई के साथ रिसर्च भी स्टूडेंट्स के अनुभव को करता है विकसित विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदर्शित सहयोगात्मक भावना समग्र रूप से उच्च शिक्षा क्षेत्र को नए आयाम पर ले जाने के प्रति हमारी गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। ये बातें दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की वीसी प्रो। पूनम टंडन ने नेपाल गंडकी विश्वविद्यालय और दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित 'उत्कृष्टता का सशक्तीकरण- अनुसंधान और शिक्षा में वैश्विक सहयोगÓ विषयक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पैनल डिस्कशन में कहीं। 3-5 जनवरी, 2024 दौरान आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए वीसी ने कहा कि अनुसंधान क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने से एक अनुसंधान सूचित पाठ्यक्रम को बढ़ावा मिलता है जो छात्रों के अनुभव को विकसित करता है, रोजगार क्षमता में सुधार करता है तथा अनुसंधान की संस्कृति को समृद्ध करता है।समाज में मिलना चाहिए संदेश
यह सहयोग विश्वविद्यालय को स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में कौशल और ज्ञान की खाई को पाटने में सक्षम बनाता है। इस अवसर पर वीसी ने उच्च शिक्षा में रैंकिंग और शिक्षा नीतियों पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से विचार भी साझा किए। अन्य पैनलिस्ट प्रो। राज देवकोटा, वीसी, गंडकी विश्वविद्यालय ने कहा कि अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है। इससे शिक्षक और स्टूडेंट्स कार्यस्थल पर जरूरी कौशल में तेजी से हो रहे बदलाव लिए अनुकूल होंगे। गंडकी विश्वविद्यालय न्यासी मंडल सदस्य डॉ। यमुना घले का कहना है कि अनुसंधान वल प्रयोगशाला में नहीं होना चाहिए, इससे समाज को कुछ संदेश मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा इस प्रौद्योगिकी युग में जी रहे हैं और उन्हें समाज की सोच को बदलने लिए आगे आना चाहिए।पैनलिस्ट ने दिया धन्यवाद मॉडरेटर प्रो। कपिल अधिकारी, डीन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी संकाय, गंडकी विश्वविद्यालय ने अनुसंधान और शैक्षणिक क्षेत्र में वैश्विक सहयोग पर इस तरह की चर्चा लिए पैनलिस्ट को धन्यवाद दिया। नेपाल विभिन्न विश्वविद्यालयों संकाय विद्वानों अलावा, गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रो.मनीष कुमार श्रीवास्तव, डॉ। रामवंत गुप्ता और प्रो.राजर्षि कुमार गौड़ भी उपस्थित रहे।