Gorakhpur News : डिबार हुए गोरखपुर के 11 स्कूल, चार आजीवन नहीं बन पाएंगे केंद्र
गोरखपुर (ब्यूरो)।केंद्र निर्धारण प्रक्रिया के तहत बोर्ड ने डीआईओएस से आरोप सहित ऐसे स्कूलों की सूची मांगी थी, जिसे आधारभूत आंकड़ा अपलोड करने के दौरान भेज दिया गया। जनपद में डिबार स्कूलों की संख्या 11 है। इनमें से चार स्कूल आजीवन तथा एक तीन वर्ष तथा छह स्कूल 2028 तक केंद्र नहीं बनेंगे।सार्वजनिक रूप से मांगे थे रुपएबोर्ड ने जिन स्कूलों को डिबार घोषित किया है उन सभी पर अलग-अलग आरोप हैं। इनमें परीक्षा की शुचिता प्रभावित करने पर एक व प्राइवेट फार्म भरवाने के मामले छह, लेखपाल परीक्षा में गड़बड़ी करने पर तीन तथा एक स्कूल पिछले साल परीक्षा के दौरान सार्वजनिक रूप से प्रबंधक द्वारा पैसा मांगने के मामले के दोषी हैं।ये है डिबार स्कूल
जनपद के डिबार स्कूलों में सेंट एंड्रयूज इंटर कालेज गोरखपुर, मौलाना आजाद गर्ल्स इंटर कालेज, जामिया नगर रसूलपुर, मौलाना आजाद हायर सेकेंड्री स्कूल नथमलपुर गोरखपुर, भारतीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल राजाबारी, आनंद विद्यापीठ इंटर कालेज ककरही, पं.दीनदयाल इंटर कालेज पिपराइच, श्याम कृष्ण इंटर कालेज थवईपार, डॉ.श्याम प्रसाद इंटर कालेज, लुहसी, श्री कृष्ण कृषि उद्योग उच्चतर माध्यमिक स्कूल नैयापार, योगी पंडित राममूर्ति मेमोरियल सीनियर सेकेंड्री स्कूल रामपुर पड़ाव तथा रामचंद्र पांडेय इंटर कालेज, नवली गोला शामिल हैं।
बोर्ड ने डिबार स्कूलों की सूची मांगी थी, जिसे भेज दिया गया है। यह स्कूल किसी भी सूरत में केंद्र नहीं बनेंगे। डिबार की निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद ही फिर इन्हें केंद्र बनाया जाएगा। जिन पर आजीवन प्रतिबंध हैं वह केंद्र नहीं बनेंगे।डॉ.अमरकांत सिंह, डीआईओएस