खस्ताहाल डग्गामार बसों पर दौड़ रही 'जिंदगी'
फैक्ट एंड फिगर
2020-रेंज में हुए हादसे 979 1100- लोगों की मौत हुई 356-मौत अकेले बरेली में हुई। 330-बदायूं में हुई सड़क हादसों मौत 112-पीलीभीत में हुई सड़क हादसों में हुई मौत 303-शाहजहांपुर में सड़क हादसों में हुई मौतें ==== 54- लोगों ने सड़क हादसे में वर्ष 2019 में गवाई जान कामन इंट्रोट्रैफिक व्यवस्था सुधरे ताकि हादसों पर लगाम लगाई जा सके, इसके लिए परिवहन विभाग के साथ ट्रैफिक डिपार्टमेंट अवेयरनेस माह चलाता है ताकि लोग अवेयर हो। पिछले माह में सड़क सुरक्षा माह की समापन हुआ है। लेकिन क्या इन अवेयनेस कार्यक्रम से लोग अवेयर हुए, व्यवस्थाएं सुधरी या फिर हादसे कम हुए। इन सभी की हकीकत जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने थर्सडे को रियलिटी चेक किया। जिसमें शहर के रेलवे सिटी स्टेशन, इज्जतनगर से उत्तराखंड जाने वाली रूट और मिनी बाईपास रामपुर रूट का रियलिटी चेक किया तो हकीकत सामने आ गई। शहर से जिस रूट पर रोडवेज बसों का संचालन होता है उसे रूट पर भी डग्गामार वाहनों का कब्जा दिखा। इतना ही नहीं डग्गामार चलने वाले वाहनों से पैसेंजर्स की सेफ्टी का भी कोई ख्याल रखा जा रहा था। जिससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है। आइए बताते हैं आपको शहर से चलने वाले डग्गामार वाहनों की हकीकत
बरेली बागेश्वर मार्ग शहर के इज्जतनगर एरिया से बरेली बागेश्वर हाइवे पर भी डग्गामार वाहनों का कब्जा है। इतना ही नहीं इज्जतनगर रेलवे स्टेशन के पास दर्जन भर से अधिक मैक्स व पिकअप वाहन पैसेंजर्स को ढोने के लिए लगे हुए थे। सभी वाहन जो पैसेंजर्स को लेकर निकल रहे थे वह एक तो ओवर लोड थे दूसरे पैसेंजर्स अधिक बैठाने के चक्कर में पीछे का गेट भी बंद नहीं कर रहे थे। आधा गेट ओपन था और पिकअप को दौड़ाए जा रहे थे। बरेली से रामपुर रोड किला पुल के पास उतरते ही रोड किनारे करीब 8-10 मैक्स व पिकअप पैसेंजर्स को बैठाने के लिए आवाज लगा थे। सभी वाहन पैसेंजर्स को बैठाकर अच्छा किराया तो वसूल रहे थे लेकिन उनकी सेफ्टी को लेकर अनदेखी कर रहे थे। पैसेंजर्स को पिकअप में बैठने के लिए ठीक से सीट तक नहीं। यहां तक कि पिकअप में 20 तक पैसेंजर्स को बैठा कर रोड पर वाहन दौड़ा रहे थे। सैटेलाइट से पीलीभीत रोडसैटेलाइट से पीलीभीत बाईपास रोड होते हुए पीलीभीत के लिए जाने वाले रोड तो रोडवेज बस स्टैंड भी है। उसके पास ही डग्गामार वाहनों का समानांतर अपना अड्डा ओपन कर दिया। जिस कारण पैसेंजर्स जल्दबाजी में इन डग्गामार वाहनों का सहारा लेते हैं। यह डग्गामार वाहन तो दिन रात पैसेंजर्स को बैठाने के लिए लगे हुए रहते हैं लेकिन अफसर भी इन पर कार्रवाई से बचते हैं। सैटेलाइट पर तो इको गाड़ी से पीलीभीत की सवारी भी बैठा रहे थे।
कुछ गाडियों के पास कांटेक्ट परमिट -रोडवेज की घटती कमाई को लेकर परिवहन आयुक्त ने भी डग्गामार वाहनों के खिलाफ एक्शन के लिए पत्र भेजा है। जिसके तहत परिवहन विभाग और एआरटीओ इंफोर्समेंट की तरफ से अभियान चलाना शुरू कर दिया गया है। अफसरों की माने तो कुछ मैक्स के कांटेक्ट परमिट हैं लेकिन कुछ बगैर परमिट के भी वाहन दौड़ा रहे हैं। ऐसे वाहनों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। -शहर से कुछ गाडियां है जिनके पास कांटेक्ट परिमिट है लेकिन उनकी आड़ में कुछ बगैर परमिट के भी चला रहे हैं। वह डग्गामार है। रोडवेज के अफसरों के साथ परिवहन विभाग ने संयुक्त रूप से अभियान डग्गामार वाहनों के खिलाफ शुरू किया है। जिसके तहत कार्रवाई शुरू हो गई है। जेपी गुप्ता, एआरटीओ इंफोर्समेंट बोले पैसेंजर्समैं तो सीट पर बैठकर आई हूं, मैं तो सिर्फ इसीलिए पिकअप से आई हूं क्योंकि यह रोडवेज से कुछ किराया कम लेते हैं। लेकिन हां यह बात तो सच है कि रिस्क तो है ही। लेकिन इन पर रोक लगनी चाहिए ताकि यह तो कभी भी हादसा करवा सकते हैं।
इरफा -मुझे तो जल्द शहर आना था रोडवेज थोड़ी देर में मिल रही थी। जिस कारण मैं पिकअप से आया हूं। मैं तो सीट पर बैठकर आया लेकिन गाड़ी के बाहर भी पैसेंजर्स लटके हुए थे। जिनको रिस्क तो है ही। क्योंकि इस तरह कभी भी हादसा हो सकता है। अनीस शहर से जो भी वाहन डग्गामार इस तरह से चल रहे हैं उनके खिलाफ जिम्मेदारों को एक्शन लेना चाहिए। क्योंकि जो भी वाहन रोड पर चलते हैं तो पैसेंजर्स उनमें सस्ता किराया देखकर बैठ तो जाते हैं लेकिन उनको जान का खतरा नहीं दिखता है। काका --------- डग्गामार वाहनों से पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी विभाग के अफसर इन पर कार्रवाई करते हैं लेकिन यह फिर से चलाने लगाते हैं। ऐसा लगता है कि जैसे इनको कार्रवाई का कोई खौफ ही नहीं है। काक