Bareilly: समय बीतने के साथ ऐसा लगता है जैसे कल की बात हो बातें तो बहुत हुई हैं लेकिन लगता है बहुत बातें बाकी है करनी. असल में ये अहसास शादीशुदा जोड़ों में यूं ही नहीं आता इसके लिए जरूरी है परस्पर विश्वास एक-दूसरे का सम्मान और शादी जैसी संस्था के महत्व की फीलिंग. वल्र्ड मैरिज डे पर आज हम आपको मिलवा रहे हैं सिटी के ऐसे ही कपल्स से. जिन्होंने हमसे शेयर किए अपने मेमोरेबल मूमेंट्स बांडिंग और उनके बीच की केमिस्ट्री.


सात जन्मों तक कायम रहे तेरा मेरा साथसमय मॉडर्न होने के साथ ही लोगों का शादी में विश्वास कम जरूर हुआ है लेकिन ऐसे लोगों की भी कमी नहीं जो अपनी सक्सेस के लिए शादी और लाइफ पार्टनर को ही श्रेय देते हैं। उनका कहना है कि लाइफ में आगे बढऩे के लिए उन्हें अपने लाइफ पार्टनर से ही मोटीवेशन मिलता है। वल्र्ड मैरिज डे पर आई नेक्स्ट ने शहर के  कपल्स से उनके अनुभव शेयर किए।मनदीप सिंह और प्रियंकाकस्टम्स को फॉलो करना जरूरी
2 महीने पहले ही शादी के बंधन में बंधे मनदीप बिजी शेड्यूल के बीच वाइफ प्रियंका के लिए वक्त निकाल ही लेते हैं। अरेंज मैरिज प्रिफर करने वाले मनदीप फैमली मेम्बर्स के साथ छोटी-छोटी खुशियों को खूब इंज्वॉय करते हैं। फैमली कस्टम्स को घर का आधार मानने वाले मनदीप वॉर्म रिलेशन के लिए किचन में भी प्रियंका की हेल्प करते हैं। फैशन और मॉडर्नाइजेशन की अंधी दौड़ में भाग रहे यूथ के लिए सजेस्ट करते हुए वह कहते हैं कि फैमली कस्टम्स को फॉलो करना बहुत जरूरी होता है। वह कहते हैं कि हर हाल में अपने पैरेंट्स को अपने साथ लेकर चलना चाहिए। इससे मैरिज लाइफ में काफी सपोर्ट मिलता है।मेमोरेबल मूमेंट


प्रियंका बताती हैं शादी के बाद शुरुआत में डर बना रहता था। हर काम के साथ लगता था कि कहीं मुझसे कुछ गलत न हो जाए। शायद मनदीप मेरे अंदर के इस डर को समझ गए। एक दिन जब मैं किचन में काम कर रही थी तो वह आए और मेरी हेल्प करने लगे। ये वह लम्हे थे जब मेरा डर बिल्कुल निकल गया और मैं उनकी सौम्यता को समझ गई। इसके बाद सब कुछ आसान हो गया। निखिल अग्रवाल और फाल्गुनी अग्रवालट्रस्ट के बिना खोखला है रिश्ता

रीयल लाइफ और रील लाइफ में काफी फर्क होता है। किसी भी रिलेशन में एक दूसरे पर ट्रस्ट होना काफी जरूरी होता है। इसके बिना कोई भी रिश्ता खोखला होता है। पेशे से व्यवसायी निखिल कहते हैं यह ट्रस्ट एक दो दिन में नहीं बनता इसके लिए रिश्तों को समय देना पड़ता है। कई बार छोटी-मोटी बातों को लेकर हसबैंड-वाइफ में अनबन हो जाती है लेकिन समय के साथ सारी गलत फहमियां दूर हो जाती हैं। धीरे-धीरे डेवलप हुआ यह ट्रस्ट एक बार बन जाए तो पूरी लाइफ बना रहता है। उनकी वाइफ फाल्गुनी का मानना है सक्सेस मैरिड लाइफ के लिए फैमिली का सपोर्ट काफी जरूरी होता है। घर में घटने वाले छोटी-छोटी बातों में इंवॉल्व होने से फैमिली के मेंबर्स एक दूसर के करीब आते हैं। निखिल कहते हैं कि शादी को जिम्मेदारी न मानते हुए इसे लाइफ का एक फेज मानकर एंज्वॉय करना चाहिए।यादगार लम्हा फाल्गुनी ने बताया कि शादी के बाद जब भी मायके से फोन आता था, तो निखिल मेरे हाथ से मोबाइल ले लेते थे और मेरे मायके वालों से काफी बात करते थे। शुरुआत में मुझे अटपटा लगा, लेकिन मैने गौर किया कि वह हर बात का वही जवाब देते है, जो मैं देती। धीरे-धीरे मुझे रियलाइज हुआ कि वह मुझे किस हद तक समझ रहे थे कि बिना मेरे कुछ कहे वह मेरी हर बात समझ जाते थे। उनके इस बिहेवियर ने मुझे उनके और करीब ला दिया।श्रेय अग्रवाल और सुरभि अग्रवालदो लोगों नहीं दो परिवारों का रिश्ता होता है मैरिज
मैरिज सिर्फ दो लोगों ही नहीं दो परिवारों का रिश्ता होता है। इन दो परिवारों को उन दो खास लोगों की वजह से जो खुशी मिलती है उसका कोई मोल नहीं होता है। बिजनेस करने वाले श्रेय अग्रवाल और उनकी पत्नी सुरभि फैमली कस्टम्स को प्राथमिकता देते हैं। वह कहतें हैं कि फैमिली के वैल्यूज को आगे ले जाने की जिम्मेदारी यूथ्स पर ही है। इसलिए जरूरी है कि सोशल वैल्यूज को यूथ समझें। वहीं सुरभि कहती हैं कि रिश्तों के बीच निगेटिविटी की जगह नहीं होनी चाहिए। पेरेंट्स की केयर और सपोर्ट का  फायदा नहीं उठाना चाहिए। हमारे हर डिसीजन से उनकी खुशियां जुड़ी हुई हैं। मेमोरेबल मूमेंटश्रेय शादी के बाद अपने यादगार लम्हों को शेयर करते हुए कहते है। गोद भराई की रस्म के बाद पहला करवाचौथ का व्रत हमने साथ-साथ रखा। ट्रेडेशनली ये हमारी रवायत में नहीं था लेकिन एक दूसरे के लिए प्यार के इजहार का सबसे च्च्छा तरीका यही बना। पूरा दिन का निर्जल व्रत और शाम को पूजा के बाद साथ में खाया गया खाना हम दोनों के लिए सबसे ज्यादा यादगार है। यहीं लम्हा अपनेपन और विश्वास की नींव साबित हुआ।  

Posted By: Inextlive