हाथ-पैर बांध घर में ही महिला का गला घोंटा
BAREILLY: सिटी में एक के बाद एक मर्डर की वारदातें हो रही हैं। न जाने पुलिस कहां गायब हो गई है। अशोक विज, चंद्रभान और रामकिशोर के बाद अब मेहताब और कृष्णपाल की हत्या कर दी गई थी। जिस तरह से चंद्रभान और रामकिशोर की हत्या एक ही रात में की गई थी उसी तरह मेहताब और कृष्णपाल की हत्या भी एक ही रात में की गई। दोनों ही घटनाएं थाना बारादरी और कैंट की ही हैं। ताबड़तोड़ हत्या की वारदातों से बरेलियंस को सुरक्षा का डर सताने लगा है।
बेड पर मिली न्यूड डेडबॉडीबारादरी के हजियापुर में ब्भ् वर्षीय मेहताब की घर में बेरहमी से गला दबाकर हत्या कर दी गई। मेहताब के दोनों हाथ-पैर एक-दूसरे से बंधे हुए थे। उसकी बॉडी कमरे में बेड पर नग्नावस्था में पड़ी मिली। कमरे में चूडि़यां भी टूटी हुई पड़ी थीं और शरीर पर कई जगह चोट के निशान हैं, जिससे साफ है उसने जान बचाने का काफी प्रयास किया होगा। घर से करीब दस लाख की नकदी और ज्वेलरी भी गायब है। क्राइम सीन से लगता है कि हत्यारे की घर में फ्रेंडली एंट्री हुई और हत्या के बाद इसे लूट की शक्ल देने का प्रयास किया। महिला का मोबाइल भी गायब है। पुलिस को किसी परिचित पर भी शक है। काल डिटेल्स से स्थिति क्लियर हो सकती है। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ि1लया है।
साथ में रहने वाली भावज नहीं थ्ाीं घर पर मेहताब, हजियापुर में खजूर वाली मस्जिद के पास रहती थी। उसके परिवार में चार भाई ताहिर, जिलानी, रिहानी, आरिफ और दो बहनें तारा और शहदाब हैं। मेहताब ने शादी नहीं की थी। वह अलग घर में अपनी छोटी भावज हिना के साथ रहती थी। मेहताब ने अपने भांजे बंटी को गोद ले रखा है। बंटी सउदी अरब में नौकरी करता है। मेहताब कमेटी डालने का काम भी करती थी। हिना ने बताया कि वेडनसडे दोपहर में वह हजियापुर में ही आश्रम गली के पास अपने मायके गई थी और रात में भी वापस नहीं अायी थी। सउदी से फोन आने पर चला पताथर्सडे सुबह करीब दस बजे भांजे बंटी का दोस्त शानू के पास फोन आया। शानू, मेहताब के मोहल्ले में ही रहता था। बंटी को हज के लिए जाना है। बंटी ने उससे कहा कि उसकी बुआ रात से फोन नहीं उठा रही हैं। वह घर जाकर देख ले। शानू ने बताया कि जब वह घर पहुंचा तो दरवाजा खुला हुआ था। उसने आवाज दी लेकिन कोई जवाब न आने पर वह अंदर गया तो मेहताब बेड पर पड़ी हुई थीं। उसने सोचा कि मेहताब सो रही होंगी। फिर वह मोहल्ले में ही रहने वाली कमरजहां के पास गया। कमरजहां ने जब अंदर जाकर देखा तो पाया कि मेहताब की लाश नग्नावस्था में बेड पर पड़ी हुई थी। उसके बाद पूरे मोहल्ले में हत्या की खबर फैल गई और देखने वालों की भीड़ लग गई। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और तुंरत क्राइम सीन को प्रोटेक्ट किया।
शरीर पर कई जगह चोट के निशान मेहताब की लाश उसके ही बेड पर पड़ी हुई थी। उसका दाहिना हाथ, दाहिने पैर से और बांया पैर, बांये हाथ से कपड़े से बंधा हुआ था। मेहताब के कपड़े सीढि़यों के पास चारपाई पर पडे़ हुए थे। अंडर गारमेंट भी इसी चारपाई पर थे। कमरे में सामान बिखरा हुआ था। मेन गेट, बेड के ऊपर और नीचे सभी जगह टूटी हुई चूडि़यां पड़ीं थीं। मेहताब के चेहरे, गले, और पीठ पर खरोंच के निशान हैं। उसके बाएं हाथ में काटने का भी निशान है। इससे साफ है कि मेहताब ने खुद को बचाने का काफी प्रयास है। कोई परिचित ही है हत्याराघर से कमेटी के रूपये और ज्वेलरी गायब है। परिजनों का कहना है कि लूटपाट के लिए हत्या हुई है लेकिन पुलिस का परिचित पर ही शक जा रहा है। हत्या के बाद वारदात को लूट की शक्ल देने का प्रयास किया गया। क्योंकि कमरे में सामान तो बिखरा पड़ा है लेकिन कोई भी ताले नहीं तोड़े गए हैं। इसके अलावा मेन गेट को भी तोड़ने का शो किया गया लेकिन इसे पेंचकस से अंदर से ओपन किया गया है। तीन पेंच भी गायब हैं। किचन में प्लेट में आधा खाना खाया हुआ रखा है। वॉश बेसिन में अधजली बीड़ी पड़ी है, जिससे साफ है कि हत्यारा बीड़ी पीता है। हो सकता है कि कातिल छत के रास्ते आया हो क्योंकि सीढ़ी ओपन है। पुलिस ने छत पर भी जाकर जांच की।
मोबाइल काल डिटेल्स खोलेगी राजवारदात के बाद से मेहताब का मोबाइल भी गायब है। मोबाइल की काल डिटेल से जल्द से जल्द हत्यारे का पता चल जाएगा। क्योंकि फ्रेंडली एंट्री से साफ है कि मेहताब ने फोन करके युवक को अपने घर बुलाया होगा। पुलिस को शक है कि महिला का कोई रिश्तेदार ही है। क्योंकि उस रिश्तेदार का घर पर अक्सर आना-जाना था। पुलिस काल डिटेल का वेट कर रही है।
खून का बदला खून से लेंगे मेहताब की मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया। मेहताब की बहन शहदाब पहुंचते ही उसे देखने के लिए दौड़ी। वह पुलिसकर्मियों से हाथ जोड़कर कह रही थी कि एक बार मुझे शक्ल देख लेने दो। उधर परिवार के लोग यह भी कह रहे थे, उन्हें पता चल जाए तो खून का बदला खून से लेंगे। वह आरोपी को फंासी दिलाएंगे। मोहल्ले में भी सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। हर किसी के चेहरे पर मेहताब की मौत का गम साफ झलक रहा था। भाई आरिफ ने मेहताब मोहल्ले में किसी के लिए बुरी नहीं थी। वह सभी की हेल्प करती थी। किसी को पैसों की जरूरत होती थी तो वह रुपये भी देती थी। इसलिए किसी बाहरी ने ही हत्या की है।